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    Savandurga: एडवेंचर ट्रिप का आनंद उठाने के लिए एक बार जरूर घूम आएं सावनदुर्ग

    By Pravin KumarEdited By:
    Updated: Thu, 04 Aug 2022 07:51 PM (IST)

    कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से 33 किलोमीटर की दूरी पर सावनदुर्ग है। यह स्थान पहाड़ों पर बसा है। यह पहाड़ी मंदिर के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। जानकारों की मानें समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1226 मीटर है। यह दो पहाड़ियों से मिलकर बना है।

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    Savandurga: एडवेंचर ट्रिप का आनंद उठाने के लिए एक बार जरूर घूम आएं सावनदुर्ग

    दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Savandurga: प्राचीन समय में कर्नाटक आस्था का केंद्र था। इतिहास के पन्नों को पलटने से पता चलता है कि मौर्य वंश के महान शासक चन्द्रगुप्त ने अपने जीवन का अंतिम समय कर्नाटक के श्रवणबेलगोला में बिताया है। यह भी कहा जाता है कि उनके साथ जैन गुरु भद्रबाहु भी थे। जीवन के अंतिम समय में चंद्रगुप्त ने जैन धर्म अपना लिया था और जैन धर्म के अंतर्गत उन्होंने व्रत कर अपने शरीर का त्याग किया था। वर्तमान समय में श्रवणबेलगोला जैन धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र धार्मिक स्थल है। कर्नाटक में शैव संप्रदाय को मानने वाले लोग भी बड़ी संख्या में हैं। इसके लिए कर्नाटक को धर्म क्षेत्र भी कहा जाता है। कर्नाटक में कई धार्मिक स्थल हैं। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इनमें एक धार्मिक स्थल सावनदुर्ग है। इस जगह पर पर्यटक और श्रद्धालु दोनों आते हैं। पर्यटक एडवेंचर ट्रिप के लिए सावनदुर्ग आते हैं। आइए, सावनदुर्ग के बारे में जानते हैं-

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    सावनदुर्ग कहाँ है

    कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से 33 किलोमीटर की दूरी पर सावनदुर्ग है। यह स्थान पहाड़ों पर बसा है। यह पहाड़ी मंदिर के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। जानकारों की मानें समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1226 मीटर है। यह दो पहाड़ियों से मिलकर बना है। इस पहाड़ी के तल पर सावंदी वीरभद्रेश्वर स्वामी और नरसिंह स्वामी जी का मंदिर है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु वीरभद्रेश्वर और नरसिंह स्वामी जी के दर्शन हेतु आते हैं। स्थानीय लोगों का वीरभद्रेश्वर स्वामी में अगाध श्रद्धा है। वहीं, पर्यटक एडवेंचर के लिए सावनदुर्ग देखने आते हैं। इसके अलावा, पर्वतारोही और शोधकर्ता लोग भी सावनदुर्ग आते हैं।

    कैसे जा सकते हैं सावनदुर्ग

    इसके लिए सबसे पहले वायु या रेल मार्ग के रास्ते बेंगलुरु जाएं। अब बेंगलुरु से सड़क मार्ग होकर आप सावनदुर्ग जा सकते हैं। इसके लिए आप स्थानीय लोगों से सलाह ले सकते हैं। वहीं, बेंगलुरु से सावनदुर्ग के बीच दो बार बस बदलना पड़ सकता है। मगदी से ऑटो लेकर भी आप सावनदुर्ग पहुँच सकते हैं।

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