Patalpani: एडवेंचर के हैं शौकीन, तो एक बार 'पातालपानी' घूमने जाएं जरूर
Patalpani बरसात के दिनों में यह झरना पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है। झरने की ऊंचाई 300 मीटर है। झरने से पानी एक कुंड में गिरता है। इस कुंड की गहराई मापी नहीं गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुंड का पानी पाताल जाता है।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Patalpani: सनातन धार्मिक शास्त्रों में पाताल लोक को राजा बलि का निवास स्थान बताया गया है। राजा बलि को असुरों का राजा कहा जाता है। इस लोक में नागों का भी बसेड़ा है। इसके अलावा, धरती पर सात पातालों का वर्णन किया गया है। विज्ञान के लिए पाताल लोक आज भी एक अनसुलझी पहेली है। वहीं, धार्मिक प्रसंगों में पाताल लोक का वर्णन विस्तार से किया जाता है। इस लोक की जानकारी पाने के लिए लोगों के मन में उत्सुकता बनी रहती है। भारत के मध्य प्रदेश में पातालपानी और पातालकोट दो ऐसी जगह हैं, जो रहस्यों से भरी हैं। पातालकोट के बारे में कहा जाता है कि यह पाताल लोक प्रवेश का यह इकलौता प्रवेश द्वार है। जबकि, पातालपानी झरने से पानी पाताल लोक तक जाता है। आइए, पातालपानी के बारे में विस्तार से जानते हैं-
पातालपानी कहां है?
मध्य प्रदेश अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता है। प्रदेश में कई प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। इनमें एक पर्यटन स्थल पातालपानी है। बरसात के दिनों में बड़ी संख्या में पर्यटक पातालपानी घूमने आते हैं। हालांकि, गर्मी के दिनों में यह झरना सुख जाता है। इंदौर से महज 32 किलोमीटर की दूरी पर पातालपानी है। वहीं, महू से पातालपानी की दूरी केवल 6 किलोमीटर है। बरसात के दिनों में यह झरना पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है। झरने की ऊंचाई 300 मीटर है। झरने से पानी एक कुंड में गिरता है। इस कुंड की गहराई मापी नहीं गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुंड का पानी पाताल जाता है। इसके लिए कुंड में नहाने की मनाही है। वहीं, झरने के आसपास जाना भी खतरनाक साबित हो सकता है।
कैसे पहुंचें पातालपानी
अगर आप फ्लाइट से जाना चाहते हैं, तो निकटतम एयरपोर्ट देवी अहिल्या बाई होलकर विमानतल, इंदौर है। यहां से आप सड़क मार्ग के जरिए पातालपानी पहुंच सकते हैं। वहीं, आप रेल मार्ग के जरिए इंदौर पहुँच सकते हैं।