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    गोल्डेन सियार से लेकर तेंदुएं और हिरन की कई वैराइटी देखने को मिलती है माधव नेशनल पार्क में

    जहां कुछ नेशनल पार्क सर्दियों में तो कुछ गर्मियों में घूमने के लिए होता है बेस्ट वहीं मध्यप्रदेश के माधव नेशनल पार्क में किसी भी सीज़न में आकर वाइल्डलाइफ को कर सकते हैं एन्जॉय।

    By Priyanka SinghEdited By: Updated: Mon, 15 Oct 2018 05:03 PM (IST)
    गोल्डेन सियार से लेकर तेंदुएं और हिरन की कई वैराइटी देखने को मिलती है माधव नेशनल पार्क में

    मध्य प्रदेश के शिवपुरी के उत्तर में स्थित माधव नेशनल पार्क, यहां के सबसे पुराने नेशनल पार्क में से एक है। 354 वर्ग किमी में फैला यह पार्क कभी ग्वालियर के राजा के लिए शाही शिकार की जगह हुआ करता था। इस जगह को और भी ज्यादा खूबसूरत बनाने का काम करते हैं यहां मौजूद अनेक प्रकार के पेड़-पौधे, दूर-दूर तक फैले घास के मैदान और उनमें घूमते हुए जंगली-जानवर।

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    माधव नेशनल पार्क

    सन् 1958 में मध्य प्रदेश के साथ ही इस नेशनल पार्क को भी स्थापित किया गया था। और 1972 में 'वन्य जीव अभ्यारण्य' के तहत इसे और भी ज्यादा सुरक्षित बनाया गया। इस नेशनल पार्क की सबसे बड़ी खासियत है कि ये पूरे साल सैलानियों के लिए खुला रहता है। नेशनल पार्क के अंदर माधव और साख्य सागर दो झीलें हैं जहां सर्दियों में प्रवासी पक्षियों का डेरा लगता है।

    माधव नेशनल पार्क में देखने को मिलते हैं ये जीव-जंतु

    हिरन यहां का खास आकर्षण हैं। छोटे चिंकारे, इंडियन गेजल और चीतल जैसी प्रजातियों को यहां जंगलों में चहलकदमी करते हुए आसानी से देखा जा सकता है। इनके अलावा ब्लैक बग, चार सींग वाले एंटीलॉप, सांभर, नील गाय, स्लॉथ बीयर भी खास हैं।

    सख्य सागर में पक्षियों और जानवरों के लिए तैयार किए तालाब में शोव्हेलर, पेलिकन, कॉन्य क्रेनें, स्पुन बिल, बॉल्ड कलहंस जैसे कई प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं। अजगर, बंगाल के जहरीले सांप और कोबरा भी इस पार्क में मौजूद हैं। मांसाहारी जंतुओं में सियार, लकड़बग्घा, भेड़िया और कुत्ते आमतौर पर नज़र आ जाते हैं।

    पहाड़ों और घास के मैदानों वाली इस जगह पर स्तनधारियों और जंगली जानवरों के साथ-साथ कई वैराइटी के पेड़-पौधे भी हैं। जिनमें धावड़ा, पलाश, खैर, केरधाई और सलाई खास है।

    शूटिंग बॉक्स

    इस पार्क में एक और खास चीज़ जो देखने वाली है वो है साख्य सागर के तट पर बना शूटिंग बॉक्स। जहां से आप जंगल के खूबसूरत नजारों के साथ-साथ पशु-पक्षियों को भी साफतौर पर देख सकते हैं। सर्दियों में तो यहां मछरमच्छ की अच्छी-खासी संख्या देखने को मिलती है।

    कब आएं

    अक्टूबर से मार्च का महीना माधव नेशनल पार्क घूमने के लिए बेस्ट है। जब आप जंगल में मौजूद जीव-जंतुओं को आसानी से देख सकते हैं।

    कैसे पहुंचे

    हवाई मार्ग- ग्वालियर, इस नेशनल पार्क तक पहुंचने का सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है जो यहां से 130 किमी की दूरी पर है। एयरपोर्ट से टैक्सी लेकर आप आसानी से यहां तक पहुंच सकते हैं।

    रेल मार्ग- झांसी यहां तक पहुंचने का निकटतम रेलवे स्टेशन है। यहां से भी टैक्सी और आटो की सुविधा अवेलेबल रहती है।

    सड़क मार्ग- आगरा-मुंबई NH-3 और शिवपुरी-झांसी NH-25 द्वारा इस नेशनल पार्क तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।