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आइए चलें, संसार के विशाल और अदभुत रॉक स्टैचू को देखने

रॉक स्टैचू का मतलब होता है एक बहुत बड़ी चट्टान या पहाड़ी को काटकर उसे एक मूर्ति का आकर देना। रॉक स्टैचू बनाने की परम्परा इस धरती पर सदियों से विधमान रही है। आज हम आपको विशव के 10 विशाल और अदभुत रॉक स्टैचू के बारे में बतायेंगे। इनमे से

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2015 02:18 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2015 03:26 PM (IST)
आइए चलें, संसार के विशाल और अदभुत रॉक स्टैचू को देखने
आइए चलें, संसार के विशाल और अदभुत रॉक स्टैचू को देखने

जब हम घुमने जाना चाहते हैं तो कभी- कभी समुद्र, झील, झरने, पर्वत के अलावा हम सब कुछ अलग भी देखना चाहते हैं। अदभूत अचंभित कर देने वाली जगह या वस्‍तु। क्‍योंकि मन हमेशा नए की तालाश करता है। सैर- सपाटा से हम खुद को आनंदित करते हैं। आज इसी सिलसिले में हम आपको ले चलते हैं दुनियां के सबसे बेहतरीन रॉक स्‍टैचू की सैर पर-

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रॉक स्टैचू का मतलब होता है एक बहुत बड़ी चट्टान या पहाड़ी को काटकर उसे एक मूर्ति का आकर देना। रॉक स्टैचू बनाने की परम्परा इस धरती पर सदियों से विधमान रही है। आज हम आपको विश्‍व के 10 विशाल और अदभुत रॉक स्टैचू के बारे में बतायेंगे। इनमे से कई स्टैचू तो हज़ारो साल पुराने है।

1 . ग्रेट स्फिंक्स - गीज़ा (Great Sphinx of Giza: Egypt) : -

'ग्रेट स्फिंक्स' विश्व की सबसे प्राचीन और विशाल मूर्तियों में से एक है। यह हजारों साल से बड़ा रहस्य है और आर्कियोलॉजी में भी बहस का गंभीर मुद्दा बनी है। इसे ग्रीक के पौराणिक काल के एक जानवर का नाम दिया गया है। 2000 साल पूर्व ग्रीक के क्लासिकल युग की मूर्ति को लेकर तरह-तरह के धारणाएं पेश की जाती रही हैं।

बहुत से पुरातत्वविदों का मानना है कि फेरो सम्राटों के शासनकाल में 'द ग्रेट स्फिंक्स' तैयार की गई थी। कुछ विद्वानों का मानना है कि यह ग्रीक राजवंश की चौथी पीढ़ी के कार्यकाल के दौरान तैयार की गई। कुछ अन्य शोधकर्ताओं का मानना है कि गीजा में 'स्फिंक्स' का निर्माण ग्रेट पिरामिड के साथ हुआ। मिस्र की खोई हुई सभ्यता की यह मूर्ति आज रहस्य और रोमांच समेटे हुए है।

2 . लेशान में विशाल भगवान बुद्ध की मूर्ति : लेशान,चीन (Leshan Giant Buddha: Leshan, China) :-

चीन के लेशान में पत्थर पर बनी भगवान बुद्ध की मूर्ति 233 फीट (71 मीटर) ऊंची है। यह मूर्ति शिजुओ की पहाड़ी पर आठवीं शताब्दी में तैयार की गई थी। ऐसा लगता है, जैसे यह मूर्ति तीन नदियों को देख रही है। इसका चेहरा माउंट एमेई की तरफ है। माउंट एमेई बौद्धों का पवित्र धार्मिक स्थल है। इसके निर्माण के समय यहां एक 13 मंजिला स्ट्रक्चर लकडिय़ों से बनाया गया था। इसे सोने से मढ़ा गया था। युआन राजवंश के कार्यकाल में मंगोल आक्रमणकारियों ने इसे नष्ट कर दिया था।

3 . स्टैचू ऑफ शापर प्रथम - ईरान (Colossal Statue of Shapur I: Iran) :-

यह द्वितीय सैसानियन राजा शापर प्रथम की मूर्ति है। शापर ने 240 AD से 272 AD तक शासन किया। वह स्वतंत्र और कड़ा प्रशासक था। उसकी 21 फीट (6.7 मी.) ऊंची स्टैचू शापूर गुफा में तैयार की गई थी। यह स्थान प्रचीन शहर बिसापुर से नजदीक है। 14 वीं शताब्दी के बाद इसे भूकंप से नुकसान पहुंच। इसका एक हाथ और पैर नहीं है फिर भी इसे काफी संभाल कर रखा गया है।

4 . तीर्थंकर मूर्तियां : ग्वालियर, भारत (Tirthankara Jain Sculptures: Gwalior, India) :-

पूरे भारत में प्राचीन जैन टेम्पल और गुफामंदिरों में तीर्थंकरों की सुंदर मूर्तियां मिलती हैं। मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में एक पहाड़ी की चट्टान पर 100 से अधिक तीर्थंकर मूर्तियां बनी हैं। केवल सिर ही दिखाई देते हैं। आकार की दृष्टि से आदिनाथ (ऋषभदेव) की मूर्ति 57 फीट (17 मीटर) ऊंची है। माना जाता है कि इन मूर्तियों का निर्माण 7 वीं शताब्दी से 15 वीं शताब्दी के बीच कराया गया।

5 . स्टैचू ऑफ डेसेबालस : ओर्सोवा, रोमानिया (Statue of Decebalus: Orsova, Romania ) :-

रोमानिया के ओर्सोवा में यह मूर्ति 131 फीट (40 मीटर) ऊंची डेन्यूब नदी के किनारे बनाई गई। यह यूरोप की सबसे ऊंची रॉक स्टैचू है। यह रियो डि जनेरिया की क्राइस्ट द रिडीमर से 26 फीट ऊंची है। रोमानिया के राजा डेसेबालस की स्टैचू का निर्माण 1994 से शुरू हुआ और 2004 में पूरा हुआ। रोमानिया का यह राजा डैसियन जनजाति का था। उसने 85 AD में सत्ता संभाली थी। डेसेबालस ने अपने जीवन में रोम की सेनाओं को तीन बार पराजित किया था, लेकिन 105 AD में उसे हार का सामना करना पड़ा। अंतत: उसने आत्महत्या कर ली और डैसिया का राज्य रोमन साम्राज्य का एक प्रांत बन गया।

6 . माउंट रुश्मोरे : साउथ डकोटा , यूनाइटेड स्टेट्स (Mount Rushmore: South Dakota, United States) :-

हालंकि माउंट रुश्मोरे ज्यादा पुरानी तो नहीं है परन्तु इसके आकर को देखते हुए यह लिस्ट इसके बिना अधूरी है।

माउंट रुश्मोरे का निर्माण 1927 में शुरू हुआ था और इसे पूरा होने में 14 साल लगे थे। पहले चरण में यहाँ डायनामाइट द्वारा काफी चट्टानें हटाई गयी थी। फिर 400 कुशल कारीगरों ने 14 साल की मेहनत से इसे तैयार किया था। इसमें अमेरिका के चार राष्ट्रपतियों जॉर्ज वाशिंगटन, थॉमस जेफरसन, थियोडोर रूजवेल्ट, और अब्राहम लिंकन की छवियों को उकेरा गया है।

7 . विशालकाय मैत्रेय बुद्ध - चीन (The Giant Maitreya Buddha of Binglíng Sì, China) :-

चीन में येलो रिवर के किनारे एक कैनियन में बिंगलिंग टेम्पल है। इस टेम्पल में 600 से अधिक रॉक स्टैचू है जो की 1000 सालो के दरमियान तैयार किये गए थे। विशालकाय मैत्रेय बुद्ध उनमे से सबसे बड़ी है, इसकी ऊँचाई 100 फ़ीट है। यहाँ पर केवल गर्मियों के मौसम में नाव के द्वारा पहुंचा जा सकता है।

8 . अवुकाना बुद्ध प्रतिमा : केकरीवारा, श्रीलंका (Avukana Buddha Statue: Kekirawa, Sri Lanka) :-

इस 40 फ़ीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण 5 वि शताब्दी में किया गया था। इसका निर्माण एक ही ग्रेनाइट की चट्टान से किया गया है लेकिन पैरो में कमल का फूल अलग से बना कर लगाया गया है।

9 . दा अप्पेन्निने कोलोसस : फ्लोरेंस, इटली (The Appennine Colossus: Florence, Italy) : -

इसका निर्माण विला मेडिसी के बगीचो में 1579 में किया गया था। इसका निर्माण Giambologna ने अपनी मालकिन की सनक को पूरा करने के लिए किया था। इस मूर्ति की खासियत यह है की इसके अंदर कई फाउंटेन और ओर्केस्ट्रा के लिए एक छोटा सा कक्ष भी है।

10 . ल्यूसर्न का मरा हुआ शेर :ल्यूसर्न, स्विट्जरलैंड (Dying Lion of Lucerne: Lucerne, Switzerland) : -

इस प्रतिमा का निर्माण 1792 की फ्रेंच क्रांति में हुए एक नरसंहार में मारे गए स्विस गार्ड्स के सम्मान में किया गया था। 33 फ़ीट लम्बी और 20 फ़ीट चौड़ी इस प्रतिमा को एक बेकार पड़ी बलुआ पत्थर की खदान की दीवार पर उकेरा गया था। इसका निर्माण एक स्विस गार्ड Karl Pfyffer von Altishofen के द्वारा कराया गया था जो की छूटी पर होने के कारण उस नरसंहार में बच गए थे। इसका निर्माण 1818 में शुरू हुआ और 1821 में पूरा हुआ।


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