फिनलैंड बना दुनिया का सबसे खुशहाल देश, इन वजहों से बना नम्बर-1
यहां के लोग सबसे मुक्त माहौल में रहते हैं और चुनाव काफी साफसुथरे ढंग से होते हैं.
संयुक्त राष्ट्र के हैप्पी इंडैक्स में फिनलैंड पहले नंबर पर है. जबकि भारत 122वें नम्बर से 133वें पर आ गया है. भारत से खुश रहने के मामले में गरीब देश पाकिस्तान, नेपाल, बंग्लादेश और भूटान भी आगे हैं. सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार जिन विषयों को लेकर सर्वे किया गया है, उसपर फिनलैंड खरा उतरा है. आइए, जानते हैं किन वजहों के चलते फिनलैंड बना नम्बर-1
क्राइम का ग्राफ काफी नीचे
2015 में यहां मर्डर रेट एक लाख की आबादी पर केवल 1.28 फीसदी है. यहां की कुल आबादी 55 लाख है. वर्ष 2015 में यहां केवल 50 मर्डर हुए. संगठित क्राइम तो यहां न के बराबर है. पुलिस बहुत भरोसेमंद और सक्षम है. यहां की पुलिस और इंटरनेट सुरक्षा को दुनिया में दूसरे नंबर पर माना जाता है. कानून का पालन सख्ती से होता है. लेकिन यहां भी ध्यान में रखने वाली बात है कि यहां के नागरिक राजनीतिक, कानून और पुलिस व्यवस्था के भरोसा रखने वालों में नंबर एक की स्थिति पर हैं.
भ्रष्टाचार सबसे कम और तरक्की पसंद समाज
ये देश है, जिसका प्रशासन दुनिया में सबसे बेहतर माना जाता है. यहां भ्रष्टाचार सबसे कम है. कहा जाता है कि यहां का समाज सबसे प्रोग्रेसिव है. यूएन की रिपोर्ट ने जिन मानकों पर इसे सबसे खुश देश बताया है.
दुनिया का ऐसा देश जहां नहीं है कोई बेघर
अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है. फिनलैंड के बैंक दुनिया के सबसे दमदार माने जाते हैं. हालांकि यहां की जीडीपी कम है. ये दुनिया का अकेला देश होगा, जहां कोई बेघर नहीं है.
अप्रवासी लोग भी रहते हैं खुश
हैप्पी इंडैक्स में अप्रवासियों की खुशी को मानक रखा गया है. उसमें भी फिनलैंड सबसे ऊपर है. वर्ष 2015 के बाद यहां कई देशों के शरणार्थी पहुंचे. वो सभी यहां खुश हैं. 55 लाख के इस देश में शरणार्थियों की संख्या तीन लाख के आसपास है. शरणार्थियों को भी बहुत कम दरों पर किराए का मकान उपलब्ध कराया जाता है.
आजादी के अलग हैं मायने
यहां के लोग सबसे मुक्त माहौल में रहते हैं और चुनाव काफी साफसुथरे ढंग से होते हैं. यहां लोगों को सबसे ज्यादा व्यक्तिगत और अभिव्यक्ति की आजादी है. यहां प्रेस को भी पूरी आजादी हासिल है. मानव अधिकारों की रक्षा की जाती है.