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    बुर्ज खलीफा को कड़ी टक्‍कर देगा वृंदावन का Chandrodaya Temple, देवलोक-देवलीलाओं के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

    Updated: Sun, 17 Nov 2024 12:48 PM (IST)

    मथुरा वृंदावन में चंद्रोदय मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसकी खूबसूरती ऐसी होगी जो देखने लायक होगी। ये मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा बल्कि मथुरा में आने पर्यटकों व भक्‍तों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा। ये मंदिर बुर्ज खलीफा को टक्‍कर देगा। भक्‍त यहां से ताजमहल का दीदार भी कर सकेंगे।

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    मथुरा वृंदावन में तेजी से चल रहा चंद्रोदय मंदिर का निर्माण कार्य। (Image Credit- Instagram)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। लेक‍िन उत्‍तर प्रदेश में मंदिरों के बनने का सिलसिला लगातार चलता आ रहा है। दरअसल भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में एक विशाल मंदिर (चंद्रोदय मंदिर) का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस मंदिर को दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिरों में ग‍िना जाएगा। इसकी खूबसूरती ऐसी होगी जो देखने लायक होगी। ये मंदिर मथुरा में आने पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा। कहा जा रहा है क‍ि ये मंदिर बुर्ज खलीफा को टक्‍कर देगा। इस मंदिर के शीर्ष से ताजमहल को भी देखा जा सकेगा।

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    आपको बता दें क‍ि वृंदावन में चंद्रोदय मंदिर का निर्माण कार्य इस्‍कॉन यानि अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ करवा रहा है। 16 नवंबर 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसकी आधारशिला रखी थी। मंदिर में लगभग 166 मंजि‍लें होंगी, जो दुनिया के किसी भी मंदिर में नहीं है।

    700 फुट ऊंचा होगा मंदिर

    ये भी कहा जा रहा है क‍ि वृंदावन चंद्रोदय मंदिर की ऊंचाई लगभग 700 फुट होगी जो दिल्ली में 72.5 मीटर के कुतुब मीनार से 3 गुना ज्यादा है। यही कारण है क‍ि मंदिर के पूरा होने पर इसे दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिरों में ग‍िना जाएगा। इसकी नींव की गहराई दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा से भी तीन गुना ज्‍यादा है।

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    पिरामिड जैसा मंदिर का होगा आकार

    166 मंजिलों वाले इस मंदिर का आकार पिरामिड जैसा होगा। मंदिर की सबसे ऊंची मंजिला का नाम ब्रज मंडल दर्शन रखा गया है। मंदिर के चारों ओर श्रीमद्भागवत और अन्य शास्त्रों में वर्णित 12 वन बनाए गए हैं। इस मंदिर का निर्माण कार्य 700 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा लागत से क‍िया जा रहा है। इस मंदिर की खासियत ये है क‍ि यह 8 रिक्टर स्केल के भूकंप को भी झेल सकेगा।

    70 एकड़ में फैला है मंदिर

    मंदिर को बनाने में इस बात का भी खास ध्‍यान रखा जा रहा है क‍ि 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाला तूफान भी मंदिर को हिला न सके। यह मंदिर 70 एकड़ में फैला हुआ है। जिसमें कार पार्किंग और एक हेलीपैड भी शामिल है। अगर कोई मंदिर का पूरा भ्रमण करेगा तो उसे तीन से चार दिन लग सकते हैं। पूरे मंदिर में 511 पिलर हैं। इन पर पूरे मंदिर का वजन 5 लाख टन होगा।

    देवलोक और देवलीलाओं के होंगे दर्शन

    ये मंदिर अब तक का सबसे मॉडर्न मंदिर होगा, जिसमें 4D तकनीक का इस्‍तेमाल क‍िया जा रहा है। यहां पर देवलोक और देवलीलाओं के दर्शन भी किए जा सकेंगे। इसके अलावा मंदिर में श्रीकृष्ण के जीवन लीलाओं को जानने के लिए लाइब्रेरी भी बनाए होंगे। यहां एक कृष्‍ण थीम पार्क भी बनाया गया है। जिसमें लाइट एंड साउंड शो किया जाएगा। मंदिर में एक साथ 10 हजार श्रद्धालु इकट्ठा हो सकते हैं।

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