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    शहादत के बाद भी चीनी सेना की पूरी खबर रखते हैं हरभजन सिंह, जानें-इनके बारे में सबकुछ

    By Pravin KumarEdited By:
    Updated: Wed, 03 Aug 2022 04:28 PM (IST)

    Baba Harbhajan Mandir बाबा हरभजन के बारे में कहा जाता है कि शहादत के बाद भी वे ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। आज भी बाबा चीनी सेना पर नजर रखते हैं और जब कभी चीनी घुसपैठ करने की कोशिश करता है तो बाबा भारतीय सैनिक को सूचित कर देते हैं।

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    शहादत के बाद भी चीनी सेना की पूरी खबर रखते हैं हरभजन सिंह, जानें-इनके बारे में सबकुछ

    दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Baba Harbhajan Mandir: भारत अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में अनगिनत मंदिर हैं। इनमें कई मंदिर विश्व प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में भक्तों की अटूट श्रद्धा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु देव दर्शन हेतु इन मंदिरों की धार्मिक यात्रा करते हैं। इसके अलावा, भारत में एक ऐसा मंदिर भी है। जहां शहीद भारतीय सैनिक की पूजा की जाती है। इस मंदिर में भारतीय सैनिकों की बड़ी श्रद्धा है। वहीं, चीनी सेना भी बाबा हरभजन मंदिर पर अपना सिर झुकाते हैं और उन्हें सलाम करते हैं। इस मंदिर के कई किस्से हैं। आइए, बाबा हरभजन मंदिर के बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    कहां है मंदिर

    बाबा हरभजन मंदिर सिक्किम में है। यह मंदिर राज्य की राजधानी गंगटोक से 59 किलोमीटर की दूरी पर नाथुला दर्रे ( 9 किलोमीटर दूर) पर स्थित है। बाबा हरभजन के बारे में कहा जाता है कि शहादत के बाद भी वे ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। आज भी बाबा चीनी सेना पर नजर रखते हैं और जब कभी चीनी घुसपैठ करने की कोशिश करता है, तो बाबा हरभजन 3 घंटे पहले ही भारतीय सैनिक को सूचित कर देते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जब कभी भारतीय और चीन सैनिक के बीच कोई वार्ता होती है, तो मीटिंग के लिए एक कुर्सी बाबा हरभजन जी के लिए आरक्षित रहती है।

    कौन थे बाबा हरभजन सिंह

    इतिहासकारों की मानें तो बाबा हरभजन का जन्म 30 अगस्त, 1946 को पंजाब के एक सिक्ख परिवार में हुआ था। वहीं, 9 फरवरी, 1966 को बाबा भारतीय सेना में नौकरी मिली। उनकी नियुक्ति नाथुला में हुई तो खच्चरों का काफिला ले जाने के दौरान पैर फिसलने से बाबा हरभजन नदी में गिर पड़े। नदी की तेज धारा बाबा को दूर ले गई। दो दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बाबा का पार्थिव शरीर मिला। उन दिनों बाबा ने एक सैनिक को दर्शन में आकर कहा कि उनकी समाधि की स्थापना की जाए। साल 1982 में बाबा हरभजन की समाधि बनाई गई। वर्तमान समय में यह बाबा हरभजन मंदिर के रूप में जाना जाता है।