Destinations in North-East India: कर रहे हैं पूर्वोत्तर भारत घूमने की प्लानिंग, तो इन बातों पर जरूर दें ध्यान
Destinations in North-East India अगर आप पूर्वोत्तर भारत घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह समय अनुकूल है। पूर्वोत्तर भारत घूमने के लिए विंटर सीजन परफेक्ट होता है। खासकर अक्टूबर से लेकर फरवरी तक घूमने के लिए बेस्ट होता है।

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Destinations in North-East India: फरवरी का महीना पर्यटन के लिए सबसे परफेक्ट होता है। इस महीने में बड़ी संख्या में लोग घूमने के लिए देशभर की खूबसूरत जगहों पर घूमने के लिए जाते हैं। अगर आप भी फरवरी और मार्च में घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो जाने से पहले इन बातों को जरूर नोट कर लें। आइए जानते हैं-
-अगर आप पूर्वोत्तर भारत घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो यह समय अनुकूल है। पूर्वोत्तर भारत घूमने के लिए विंटर सीजन परफेक्ट होता है। खासकर, अक्टूबर से लेकर फरवरी तक घूमने के लिए बेस्ट होता है। इसके अलावा, मार्च और अप्रैल में भी पूर्वोत्तर भारत घूमने जा सकते हैं।
-अगर आप पूर्वोत्तर भारत के रूरल इलाकों में घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो लोकल ट्रांसपोर्ट का सहारा लें। बड़ी गाड़ियां हायर न करें। छोटी गाड़ियों से आप रूरल एरिया में यात्रा कर सकते हैं।
-पूर्वोत्तर भारत घूमने की सोच रहे हैं, तो एडवांस में ही स्टेइंग प्लेस बुकिंग कर लें। इसके लिए आपको ढेर सारे गेस्ट हाउस ऑप्शन में मिल जाएंगे। साथ ही 3 स्टार होटल भी कम बजट में मिल जाएंगे।
-अगर आप पूर्व के भारत से रूबरू होना चाहते हैं, तो रोजाना जल्दी उठें। पूर्व में रहने के चलते सूर्योदय 5 बजे हो जाता है। वहीं, सूर्यास्त भी जल्द होता है। इसके लिए जल्दी उठकर घूमने के लिए जा सकते हैं।
-पूर्वोत्तर भारत घूमने के दौरान स्थानीय नियमों का पालन करें। साथ ही संस्कृति का भी सम्मान करें। वहीं, लोकल गाइड के साथ टूर पर जाएं। इससे आपको स्थानीय सैर जगहों के बारे में भी मदद मिलेगी। खासकर, ट्रैकिंग और जंगल सफारी पर जाने के दौरान लोकल गाइड का साथ रहना जरूरी है।
-अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड और मिजोरम जाने के लिए आपको इनर-लाइन परमिट लेनी होगी। इसके बाद ही इन राज्यों में आप प्रवेश कर सकते हैं। ये राज्य आदिवासी आबादी वाले पहाड़ी क्षेत्र हैं और भारत सरकार द्वारा संरक्षित हैं।
-मानसून सीजन में पूर्वोत्तर भारत घूमने की प्लानिंग न करें। भारी बारिश की वजह से बाढ़ की संभावना रहती है। खासकर, मेघालय में कई हफ्ते तक बारिश होती है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर और नागालैंड में भूस्खलन का खतरा रहता है।
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