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    Frozen Lake Marathon: लद्दाख के पैंगोंग झील में होने वाला है "फ्रोजन-लेक मैराथन", एडवेंचर लवर्स पैक कर लें बैग

    By Ritu ShawEdited By: Ritu Shaw
    Updated: Mon, 13 Feb 2023 03:01 PM (IST)

    Frozen Lake Marathon जल्द ही भारत का पहला फ्रोजन-लेक मैराथन आयोजित होने जा रहा है। ऐसे में अगर आप लद्दाख जाने का मन बना रहे हैं तो इस इवेंट को जरूर कवर करें क्योंकि इसका आयोजन भारत में पहली बार होने जा रहा है।

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    Frozen Lake Marathon: लद्दाख के पैंगोंग झील में होने वाला है "फ्रोजन-लेक मैराथन", एडवेंचर लवर्स पैक कर लें बैग

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Frozen Lake Marathon: लद्दाख के पैंगोंग त्सो में जल्द ही भारत का पहला "फ्रोजन-लेक मैराथन" आयोजित होने जा रहा है। 13,862 फीट की ऊंचाई पर होने वाले इस रेस को 20 फरवरी को आयोजित किया जाएगा और इसके लिए "उचित कार्य योजना" को लागू करने के लिए सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को शामिल किया गया है।

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    21 किलोमीटर की मैराथन, लुकुंग से शुरु होकर मान गांव में समाप्त होगी। इस मैराथन को लेकर अधिकारियों ने कहा कि भारत और विदेश के पचहत्तर चयनित एथलीट इस दौड़ में भाग ले रहे हैं, जिससे उन्हें दुनिया की सबसे ऊंची "फ्रोजन-लेक मैराथन" के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए बोली लगाने का मौका मिल रहा है। इसका आयोजन एडवेंचर स्पोर्ट्स फाउंडेशन ऑफ लद्दाख (ASFL) द्वारा लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद-लेह, पर्यटन विभाग और लेह जिला प्रशासन के सहयोग से किया जा रहा है।

    भारत और चीन की सीमा पर फैली 700 वर्ग मीटर की पैंगोंग झील सर्दियों के दौरान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड करती है, जिससे खारे पानी वाली झील जम जाती है। यहीं इस रेस का आयोजन होना है।

    इस मैराथन को लेकर अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लेह के जिला विकास आयुक्त श्रीकांत बालासाहेब सुसे का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाइब्रेंट विलेज स्कीम" पर्यटन के अवसरों के माध्यम से वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ आवासों को विकसित करने में मदद करेगी। इस दौड़ में चयनित किए गए 75 एथलीटों लद्दाख के बाहर के 50 एथलीट शामिल हैं। राष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले स्थानीय एथलीटों के अलावा चार अंतरराष्ट्रीय धावक मैराथन में भाग लेंगे।

    बाहर से आने वाले प्रतिभागियों को अनिवार्य अनुकूलन से गुजरना पड़ता है, जिसमें उच्च ऊंचाई की बीमारी से उबरने के लिए लेह में तीन से चार दिन रहने की सुविधा की जाएगी। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला विकास आयुक्त ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को कार्यक्रम देखने के लिए आने का निमंत्रण दिया है।

    अगर आप भी नेचर लवर और एडवेंचर लवर हैं, तो लद्दाख की ट्रिप आपके लिए एक बढ़िया ऑप्शन हो सकती है। इस मैराथन के जरिए दुनिया की सबसे ऊंची जमी हुई झील पर दौड़ का अनुभव लेने का आनंद मिलेगा, जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन सकता है। तो सोचना क्या है अगर आप कोई ट्रिप प्लान कर रहे हैं तो लद्दाख इस समय एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है।