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    शिवपुरी की दाल बाटी, बाफला, लडडू और कढ़ी खाकर लोग चाटते रह जाते हैं अपनी उंगलियां

    शिवपुरी आध्यात्मिक नगरी के तौर पर ही मशहूर नहीं यहां आकर आप कई तरह के बेहतरीन और अलग वैराइटी के जायकों को भी कर सकते हैं एन्जॉय। जानेंगे इनके बारे में...

    By Priyanka SinghEdited By: Updated: Tue, 06 Aug 2019 04:38 PM (IST)
    शिवपुरी की दाल बाटी, बाफला, लडडू और कढ़ी खाकर लोग चाटते रह जाते हैं अपनी उंगलियां

    शिवपुरी की खूबसूरती देखते ही बनती है। समुद्र तल से अधिकतम 752 मीटर की ऊंचाई और दो राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित शिवपुरी का वातावरण भी खास है। शिवपुरी का पत्थर ऐसिड प्रूफ होने के कारण विदेशों की इमारतों में भी नजर आता है। शिवपुरी से 20 किमी दूर सुरवाया की गढ़ी स्थित भगवान शिव का मंदिर सदियों पुराना है। इन सारी खूबियों के अलावा शिवपुरी की गुजिया और मिल्ककेक जैसा स्वाद भी कहीं और चखने को नहीं मिलता। तो यहां आकर आप इन बेहतरीन जायकों के लिए इन ठिकानों का चक्कर जरूर लगाएं। 

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    कोलारस का कूमड़ा पाग, ज्ञानी की गुजिया और सुमत का मिल्ककेक

    खानपान के मामले में भी शिवपुरी पीछे नहीं हैं यहां की चाट पकौड़ी तो फेमस है ही साथ ही कोलारस का कूमड़ा पाग और शहर में ज्ञानी की गुजिया सहित सुमत का मिल्क केक, भूषण की चाय,नक्टू की पानी की टिकिया भी फेमस हैं, इनका स्वाद ऐसा है कि लोग भुलाए नहीं भूलते हैं।

    दाल बाटी, बाफला, लडडू और कढ़ी ऐसी कि लोग चाटते रह जाते हैं उंगलियां

    शिवपुरी के लोग जहां मीठे के शौकीन है तो यहां फास्ट फूड की भी भरमार हैं लेकिन यहां का मुख्य भोजन दाल बाटी, बाफला, लडडू और कढ़ी और दाल टिक्कर हैं। यहां के लोग हर आयोजन में इस खाने को हमेशा बनाते और खाते हैं। इसका जायका ऐसा है कि लोग यहां बाहर से आकर दाल टिक्कर का मजा लेते हैं।

    कैसे पहुंचे

    शिवपुरी पहुंचने के लिए सड़क के साथ रेलमार्ग भी है, जहां ग्वालियर, भोपाल, इंदौर से सीधी ट्रेनें आती हैं। आगरा-मुंबई-देवास हाइवे से जुड़ा है। ग्वालियर से शिवपुरी की दूरी 110 किमी है।

     

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