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कर्नाटक के रूफ टॉप कैफे में बैठकर लें नार्थ, साउथ से लेकर इटैलियन फूड तक का मज़ा

कर्नाटक एक विश्र्व धरोहर स्थल है, इसकी वजह से यहां विश्र्व के कोने-कोने से लोग आते हैं, इसलिए यहां के रेस्तरां और कैफे के खानों में बड़ी विविधता मिलती है। जानेंगे इसके बारे में...

By Priyanka SinghEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 04:22 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 08:00 AM (IST)
कर्नाटक के रूफ टॉप कैफे में बैठकर लें नार्थ, साउथ से लेकर इटैलियन फूड तक का मज़ा
कर्नाटक के रूफ टॉप कैफे में बैठकर लें नार्थ, साउथ से लेकर इटैलियन फूड तक का मज़ा

यहां जगह जगह 'रूफ टॉप कैफे' खुले हुए हैं, जो देर रात तक ग्राहकों को सेवा उपलब्ध कराते हैं। इन कैफे में पर्यटक हिप्पी संस्कृति का लुत्फ उठा सकते हैं और अन्य देसी-विदेशी जायकों का आनंद ले सकते हैं। यहां जाएं तो यहां बनने वाली केले के फूल की सब्जी का लुत्फ ले सकते हैं। यह एक विश्र्व धरोहर स्थल है, इसकी वजह से यहां विश्र्व के कोने-कोने से लोग आते हैं, इसलिए यहां के रेस्तरां और कैफे के खानों में बड़ी विविधता मिलती है। यहां गौतमी गेस्ट हाउस के कैफे में मध्य-पूर्व के खानों के साथ साथ इटैलियन व्यंजनों की भरमार है। उनके यहां के हुमुस, फलाफल आदि तो प्रसिद्ध हैं ही, साथ में पेस्तो सॉस के साथ बने पास्ता वहां की खासियत है। वहां की जर्मन बेकरी में कई तरह के शानदार बेकरी उत्पाद मिलते हैं, जिनका स्वाद वाकई उम्दा होता है। इसी तरह का एक और रेस्तरॉ है लॉफिंग बुद्धा, जहां का इजराइली प्लेटर बहुत प्रसिद्ध है!

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लेकिन कुछ और भी जायके हैं जिनका आप यहां की सड़कों पर घूमते हुए लुत्फ उठा सकते हैं। जानेंगे इनके बारे में...

नीर डोसा

कर्नाटक में नीर का मतलब पानी होता है। नीर डोसा यहां की बहुत ही मशहूर डिश है। जिसे बनाने के लिए चावल को रातभर पानी में भिगोया जाता है लेकिन खमीर उठना जरूरी नहीं। कर्नाटक की सड़कों के किनारे लगने वाले छोटी-छोटी दुकानों से लेकर बड़े-बड़े रेस्टोरेंट्स तक में नीर डोसे का स्वाद चखा जा सकता है। इसे चटनी, करी और सांभर के साथ परोसा जाता है।

कोरी गासी

कोरी का मतलब चिकन और गासी का मतलब करी। इसमें चिकन को कई तरह के मसालों और नारियल के साथ पकाया जाता है। ये मंगलौर की खास डिश है जिसे डोसा, नीर डोसा और रोटी के साथ सर्व किया जाता है।

कुंदापुरा कोली सारू

यह भी चिकन की ही डिश है जिसे यहां के लोग बहुत ही चाव के साथ खाते हैं। लेकिन इसका असली स्वाद मंगलौर चखने को मिलता है। प्याज, अदरक, लहसुन, कोकोनट मिल्क और भी कई तरह के दूसरे मसालों के साथ इस डिश को तैयार किया जाता है। जिसे नीर डोसा, चावल और रोटी के साथ खाना पसंद करते हैं।

मैसूर मसाला डोसा

यह भी डोसा का ही एक प्रकार है जिसे चटनी और भरावन के साथ बनाया जाता है। लाल चटनी और आलू मसाला डोसे के अंदर भरा जाता है। गरमा-गरम इस डोसे का स्वाद बढ़ाने का काम करते हैं नारियल की चटनी और सांभर। मैसूर डोसे का स्वाद भी आप कर्नाटक के किसी भी खानपान के ठीहे पर खड़े होकर ले सकते हैं।

मैसूर पाक

अगर आप कर्नाटक गए हैं तो यहां आकर मैसूर पाक का स्वाद खुद भी लें और दोस्तों-रिश्तेदारों को भी खिलाएं। बेसन, घी और मिलकर से तैयार किए जाने वाले मैसूर पाक को वैसे तो मिठाई की दुकानों पर ही चखा जा सकता है। लेकिन अगर आप दिवाली के मौके पर यहां आए हैं तो हर घर में इसकी सौंधी-सौंधी खुशबू आती रहती है।

मैंगलोरियन बिरयानी

वेजिटेरियन हैं या नॉन-वेजिटेरियन, मैंगलोरियन बिरयानी को आप अपनी फरमाइश पर बनवा सकते हैं। बिरयानी को जायकेदार बनाने का काम करता है इसमें मिलाया जाने वाला मसाले का पेस्ट। नारियल, साबुत धनिया, इलायची, सौंफ, लौंग, अदरक, सूखी लाल मिर्च, लहसुन और जीरे जैसे कई सारे खुशबूदार मसालों से तैयार होता है ये पेस्ट। सीज़नल सब्जियों और मसालों का ये पेस्ट बिरयानी में दम भरने का काम करते हैं और एक बार जिसने इसका स्वाद चख लिया वो कभी नहीं भूलता। यहां भी बिरयानी को रायता और दही के साथ ही परोसा जाता है।

उडुपी सांभर

केरल के सांभर से अलग यह सांभर हल्का मीठा और स्पाइसी होता है। इसे जायकेदार बनाने के लिए इसमें लाल मिर्च, हींग नारियल, साबुत धनिया, सौंफ और जीरे का तड़का लगाया जाता है। चना और उड़द दाल से तैयार इस सांभर को इडली, डोसे और यहां तक की चावल के साथ भी लोग चटकारे ले-लेकर कर खाते हैं।

पोंगल

यहां पोंगल भी दो तरीके से बनाया जाता है खट्टा-मीठा। नाश्ते में खाई जाने वाली ये डिश कर्नाटक को त्योहारों के मौके पर भी बनाने की परंपरा है। इसमें चावल और मूंग दाल की बराबर मात्रा होती है। प्रोटीन और कार्बोहाइट्रेड से भरपूर सुबह यहां की ज्यादातर दुकानें इसकी खुशबू से सरोबार रहती हैं।  

 


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