Famous Indian Fairs: सिर्फ देश ही नहीं विदेश में भी मशहूर हैं ये 7 भारतीय मेले, जानें इनकी खासियत
Famous Indian Fairs मेले भारतीय समाज और संस्कृति के प्रतीक हैं। दुनिया भर से लोग इन मेलों में भाग लेने के लिए आते हैं। ये मेले भारतीयों के बीच सांस्कृतिक एकता और एकजुटता को बढ़ावा देते हैं। ये मेले विदेश में भी काफी प्रसिद्ध है। इन मेलों में आप लोगों को पुरानी रीति-रिवाजों और परंपराओं को निभाते हुए देख सकते हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Famous Indian Fairs: भारत विविधताओं का देश है। यह अपने परंपरा, रीति-रिवाजों और मान्यताओं के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इन मेलों में नृत्य, संगीत, खान-पान और धार्मिक संस्कार जैसे कई तरह के कार्यक्रम देखने को मिलते हैं। ये मेले भारत के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास को दर्शाते हैं। भारतीय मेलों धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों महत्व है। ये मेले विदेश में भी काफी प्रसिद्ध है। इन मेलों में आप लोगों को पुरानी रीति-रिवाजों और परंपराओं को निभाते हुए देख सकते हैं। ये मेले भारतीयों के बीच सांस्कृतिक एकता और एकजुटता को बढ़ावा देते हैं। ऐसे में आज आपतो भारत के कुछ प्रसिद्ध मेलों के बारे में बताएंगे, जो विदेशियों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
कुम्भ मेला
कुम्भ मेला दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस मेले में लोगों की बड़ी संख्या में भीड़ होती है। यह मेला हर 12 साल में चार बार लगता है। आप कुम्भ मेले को देश के इन चार जगहों पर देख सकते हैं- प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक । सबसे प्रसिद्ध कुंभ मेला प्रयागराज में गंगा, जमुना और सरस्वती के संगम स्थाम पर आयोजित किया जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार सन 2019 में प्रयागराज के कुम्भ मेले में लगभग 24 करोड़ लोग शामिल हुए थे। इस मेले में हर धर्म और जाति के लोग शामिल होते हैं। आप यहां मिनी इंडिया का एक रूप देख सकते हैं।
पुष्कर मेला
राजस्थान में पुष्कर शहर में यह मेला लगता है। यह मेला पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है। पुष्कर मेला पशुओं के लिए प्रसिद्ध है। पुष्कर मेला ऊंट व्यापार के लिए जाना जाता है और लोग रेगिस्तान में ऊंट की सवारी आनंद लेते हैं। इस मेले में 'सबसे लंबी मूंछें' नाम की एक दिलचस्प और अनोखी प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है। जो लोग इस मेले में आते हैं, वे शहर की पवित्र सरोवर झील में जरूर एक बार नहाते हैं।
गंगासागर मेला
हर साल मकर संक्रांति के त्योहार पर, गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम के स्थान पर गंगासागर मेला का आयोजन किया जाता है। लोग इस मेले में गंगा नदी में पवित्र स्नान करने, सूर्य देव की पूजा करने आते हैं और फिर कपिल मुनि मंदिर में आशीर्वाद लेते हैं। यह मेला गंगासागर या सागर द्वीप पर लगता है।
सोनपुर मेला
यह बिहार का सबसे बड़ा पशु मेला है। यह मेला नवंबर में गंडक और गंगा नदी के संगम पर आयोजित किया जाता है। इसे हरिहर छेत्र मेला के नाम से भी जाना जाता है। इस मेले में भैंस, घोड़े, पक्षी और हाथी जैसे कई बड़े जानवर बेचे जाते हैं। इसकी भव्यता को देखने के लिए न दुनियाभर से लोग आते हैं।
नागौर मेला
यह राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला है। इस मेले में ऊँट, घोड़े, गाय, बकरी और भेड़ जैसे जानवरों का व्यापार किया जाता है। इन जानवरों को सजाया भी जाता है और इनकी प्रतियोगिता भी कराई जाती है। इस मेले में ज्वेलरी, हस्तशिल्प और लकड़ी की वस्तुएं बेजी जाती हैं। इस मेले में पर्यटक पारंपरिक व्यंजनों का भी आनंद ले सकते हैं। मेले की सुंदरता को बढ़ाने के लिए रात में आतिशबाजी का भी आयोजन किया जाता है।
उर्स अजमेर शरीफ
यह मेला ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित किया जाता है। यह मेला अजमेर में लगाता है। इसमें रात भर लोग कव्वाली गायन का आनंद लेते हैं। इस मेले में खीर और कई पकवान तैयार किए जाते हैं।
सूरजकुंड शिल्प मेला
यह मेला दुनिया भर के शिल्पकारों की प्रतियोगिता के लिए प्रसिद्ध है। यह मेला हरियाणा में लगता है। फरवरी महीने में इस शानदार मेले का आयोजन किया जाता है। सूरजकुंड शिल्प मेला हर साल 15 दिन तक चलता है। इस मेले में हर साल लाखों पर्यटक घूमने आते है और यहां होने वाली प्रतियोगिताओं में भागीदार बनते हैं।
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