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खूबसूरत बनावट और नक्काशी के लिए मशहूर हैं महावीर जैन के ये मंदिर, खास तरह से होती है पूजा

पारसनाथ मंदिर- झारखंड के गिरिडीह जिले के पारसनाथ पहाड़ियों पर स्थित है.

By Pratima JaiswalEdited By: Published: Thu, 29 Mar 2018 04:07 PM (IST)Updated: Thu, 29 Mar 2018 04:09 PM (IST)
खूबसूरत बनावट और नक्काशी के लिए मशहूर हैं महावीर जैन के ये मंदिर, खास तरह से होती है पूजा
खूबसूरत बनावट और नक्काशी के लिए मशहूर हैं महावीर जैन के ये मंदिर, खास तरह से होती है पूजा

भारत विविधताओं से भरा हुआ है. यहां साल भर किसी न किसी त्यौहारों की धमक रहती है. हर राज्यों और समुदायों के कुछ ऐसे विशेष कार्यक्रम है, जिनके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते लेकिन उन त्यौहारों का रंग पूरे देश में देखने को मिलता है. देश में आज महावीर जंयती मनाई जा रही है. ऐसे में देशभर में जैन मंदिरों को देखने वालों की तादाद देखी जा रही है. आइए, हम आपको बताते हैं. 

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श्री महावीर जैन मंदिर

राजस्थान स्थित श्री महावीर जैन मंदिर में 24वें तीर्थंकर श्री वर्धमान महावीर जी की विशालकाय 29 फुट ऊंची मूर्ति है. ऐसा कहा जाता है कि इस मूर्ति का निर्माण महावीर जी की 2500 वें वर्षगांठ पर किया गया था.

पार्श्वनाथ मंदिर

 

यह मंदिर मध्यप्रदेश के खजुराहो में है. इसका निर्माण 10वीं शताब्दी में किया गया था. हालांकि, यह जैन मंदिर आदित्यनाथ जी को समर्पित है, लेकिन 19वीं शताब्दी में भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा स्थापित होने की वजह से लोग इस मंदिर को पार्श्वनाथ मंदिर भी कहते हैं. पार्श्वनाथ मंदिर भारतीय वास्तुकला का बेजोड़ नमूना रहा है. 

मीरपुर जैन मंदिर

 

राजस्थान के सिरोही जिले के मीरपुर में स्थित मीरपुर जैन मंदिर की खूबसूरती के चर्चे दूर-दूर तक हैं. मार्बल से बना यह सबसे पुराना मंदिर माना जाता है. इसका निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था. ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर 1100 साल पुराना है. यह मदिंर भी भगवान पार्श्वनाथ जी को समर्पित है. इस मंदिर की खूबसूरती का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि इसका उल्लेख वर्ल्ड एंड इनसाइक्लोपीडिया ऑफ आर्ट में भी किया गया है.

धर्मनाथ मंदिर

 

यह मंदिर केरल के कोचीन में है. यहां भगवान धर्मनाथ की पूजा होती है. भगवान धर्मनाथ 15वें जैन तीर्थंकर थे. यह 100 साल पुराना मंदिर है. इसको पत्थर से बनाया गया है.

शिखर जी मंदिर

इस मंदिर को लोग पारसनाथ मंदिर के नाम से भी जानते हैं. यह झारखंड के गिरिडीह जिले के पारसनाथ पहाड़ियों पर स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि यहां जैन धर्म के 20 तीर्थंकरों और बहुत से संतों ने मोक्ष प्राप्त किया था. इसी वजह से इस जगह को तीर्थराज माना गया है. यह मंदिर 200 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और 4430 फीट ऊंचे पहाड़ पर स्थित है.

गोमतेश्वर बाहुबली मंदिर

कर्नाटक के मैसूर जिले में इन्द्रगिरि नाम की पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में 56 फुट ऊंची गोमतेश्वर बाहुबली की मूर्ति है. एक ही पत्थर से बनी यह मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है.


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