Exclusive: 54 फीट ऊंची हनुमानजी की मूर्ति के पहले दर्शन, 30 हजार किलो की मूर्ति 5 हजार साल तक रहेगी बरकरार
Exclusive सारंगपुर का यह प्रोजेक्ट शास्त्री हरिप्रकाश स्वामी कोठारी विवेकसागर स्वामी और बड़े संतों के मार्गदर्शन में बना है। हम इंफोग्राफिक्स के जरिए सलंगपुर के इस किंग ऑफ सारंगपुर प्रोजेक्ट की रोचक जानकारी आप तक पहुंचा रहे हैं।

किशन प्रजापति। विश्व विख्यात सारंगपुर धाम में श्री कष्टभंजनदेव हनुमानजी मंदिर परिसर में किंग ऑफ सारंगपुर प्रोजेक्ट लोकार्पण किया जाएगा। इस हनुमान जयंती की पूर्व संध्या पर हनुमान जी की पंचधातु से बनी देश की पहली मूर्ति 'किंग ऑफ सारंगपुर' का अनावरण शाम 4 बजे वड़ताल गादी के आचार्य राकेश प्रसाद दास व संत करेंगे।
महत्वपूर्ण बात यह है कि, सारंगपुर का यह प्रोजेक्ट आर्ट और आर्किटेक्चर का एक सुभग समन्वय है। जिसे शास्त्री हरिप्रकाश स्वामी, कोठारी विवेकसागर स्वामी व बड़े संतों के मार्गदर्शन में बनाया गया है। यहां हम इंफोग्राफिक्स के जरिए सलंगपुर के इस किंग ऑफ सारंगपुर प्रोजेक्ट की रोचक जानकारी पेश कर रहे हैं।
प्रोजेक्ट की खासियत
11 करोड़ की लागत से बनाया गया यह प्रोजेक्ट 1,45,888.49 स्कवायर फीट में फैला हुआ है। इस प्रोजेक्ट को एन्शियन्ट आर्कीटेक्चर के अनुसार डिजाइन किया गया है, जिसे आर्किटेक्ट चिरागभाई गोटी ने डिजाइन किया है। इसे 200-300 कारीगरों ने रोजाना 8 घंटे काम कर तैयार किया।
हनुमानजी की मूर्ति के बेस की खासियत
बेस तैयार करने में करीब एक साल का समय लगा। 50 हजार सॉलिड ग्रेनाइट रॉक और 30 हजार घन फूट लाइम कोंक्रीट से फाउन्डेशन को तैयार किया गया। इस बेस के लिए पत्थर मकराना से मंगाया गया था। बेस के चारों ओर हनुमान जी की परिक्रमा 754 फीट लंबी होगी।
पत्थर से बने छोटे मंदिर की खासियत
इस देरी यानी छोटे मंदिर का साइज 15.6 x 15.6 फीट है। वहीं, इसके घुम्मट का साइज 9.6x8.3 फीट है। एक देरी में 425 घन फीट पत्थर का इस्तेमाल हुआ है। देरी के लिए पत्थर राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से मंगवाया गया।
हनुमान जी की मूर्ति की विशेषता
मुकुट 7 फीट लंबा और 7.5 फीट चौड़ा है।
मुखारविंद 6.5 फीट लंबा और 7.5 फीट चौड़ा।
हाथ के कड़े 1.5 फीट ऊंचे और 3.5 फीट चौड़े।
हाथ 6.5 फीट लंबे और 4 फीट चौड़े।
पैर 8.5 फीट लंबे और 4 फीट चौड़े।
आभूषण 24 फीट लंबे और 10 फीट चौड़े।
गार्डन की खासियत
गार्डन में 12 हजार से ज्यादा लोग एक साथ आराम से बैठ सकते हैं।
गार्डन के चारों ओर कुल 4 प्रकार के 8,335 पौधे लगाए गए हैं।
मूर्ति के ठीक सामने और उसके चारों ओर पथ बनाया गया है।
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