बरसात के मौसम में दिल्ली के आसपास इन झीलों में उठाएं बोटिंग का आनंद
ऐसा कहा जाता है कि सूरजकुंड झील पहले एक वाटर टैंक था जो अब खूबसूरत झील बन गया है। यह झील दक्षिण दिल्ली से 8 किलोमीटर दूर है। इस झील को पीकॉक झील भी कहा जाता है। फरवरी के महीने में सूरजकुंड में क्राफ्ट मेले का आयोजन किया जाता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। बरसात के मौसम में चारों तरफ हरियाली फैल जाती है। इस मौसम में बागों में झूले लग जाते हैं। पेड़ पौधों पर बैठीं चिड़ियां अपनी सुरीली आवाजों से बागों की शोभा बढ़ाती हैं। वहीं, वन्य जीव मदमस्त होकर बारिश में नृत्य करते हैं। किसान स्थानीय भाषा में गीत गाकर खेतों में धान की फसल लगाते हैं। यह दृश्य बेहद ही मनमोहक होता है। वहीं, पर्यटक मानसून का आनंद उठाने के लिए ट्रेकिंग, कायकिंग और बोटिंग पर जाते हैं। अगर आप भी बरसात के दिनों में वीकेंड हॉलिडे मनाने की प्लानिंग कर रहे हैं, और बोटिंग का आनंद उठाना चाहते हैं, तो दिल्ली के आसपास इन झीलों में बोटिंग जरूर करें। ये झील अपनी खूबसूरती के लिए देशभर में फेमश हैं। आइए, इसके बार में सबकुछ जानते हैं-
तिल्यार झील
हरयाणा की प्रसिद्ध तिल्यार झील दिल्ली-फाजिका राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। यह झील चारों तरफ वनों से घिरा है और पिकनिक के लिए फेमश स्पॉट है। काफी संख्या में पर्यटक पिकनिक के लिए तिलयार झील आते हैं। अगर आप मानसून के मौसम में एडवेंचर का आनंद उठाना चाहते हैं, तो तिल्यार झील जरूर जाएं। यहां आप बोटिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।
सुखना झील
चंडीगढ़ की यह प्रसिद्ध झील शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं के किनारे अवस्थित है। यह कृत्रिम झील है, जिसे मुख्य अभियंता पी. एल, वर्मा और ले कोर्बुसिएर द्वारा बनाया गया है। बोटिंग करने वाले लोगों की यह पहली पसंद है। बरसात के मौसम में काफी संख्या में पर्यटक बोटिंग, कायकिंग, रविंग और सेलिंग के लिए सुखना झील आते हैं।
सूरजकुंड झील
ऐसा कहा जाता है कि सूरजकुंड झील पहले एक वाटर टैंक था, जो अब खूबसूरत झील बन गया है। यह झील दक्षिण दिल्ली से 8 किलोमीटर दूर है। इस झील को पीकॉक झील भी कहा जाता है। फरवरी के महीने में सूरजकुंड में क्राफ्ट मेले का आयोजन किया जाता है। देश-विदेश से पर्यटक मेले में शामिल होने आते हैं। मानसून के दिनों में बोटिंग के लिए सूरजकुंड झील जरूर जाएं।