Diwali Vacation Destinations: भारत की इन जगहों पर देखने को मिलती है दिवाली की अलग ही धूम
Diwali Vacation Destinations वैसे तो पूरे भारत में ही दिवाली का त्योहार मनाया जाता है लेकिन कुछ एक जगहों पर इसकी अलग ही धूम देखने को मिलती है तो अगर आप इस साल की दिवाली की यादगार बनाना चाहते हैं तो इन जगहों का कर सकते हैं प्लान।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diwali Vacation Destinations: दिवाली की धूम भारत के ज्यादातर शहरों में देखने को मिलती है, लेकिन कुछ एक जगहों का नजारा ऐसा होता है जिसे देखना वाकई एक अलग एक्सपीरियंस है। यहां दिवाली का उत्सव दो या तीन दिन नहीं, बल्कि कई दिनों तक चलता है, तो अगर आप इस साल त्योहार को कुछ अलग अंदाज में सेलिब्रेट करना चाहते हैं, तो इन जगहों का बना सकते हैं प्लान।
वाराणसी
अक्सर काशी या बनारस के नाम से पुकारे जाने वाले वाराणसी में गंगा घाट लाइट और दीयों से सज जाते हैं। सैलानियों के लिये यह नजारा देखने वाला होता है। दशाश्वमेध घाट पर पुजारी गंगा आरती करते हैं, वहीं पीछे ढोल और शंख की ध्वनि आती रहती है। लेकिन उत्सव का अंत यहीं नहीं होता। दिवाली के 15 दिनों के बाद, शहर में देव दीपावली मनाई जाती है जोकि दानव त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की जीत की खुशी में मनाया जाता है।
कोलकाता
भले ही कोलकाता की दुर्गा पूजा बहुत मशहूर है, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि सिटी ऑफ जॉय में दिवाली का उत्सव भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन, ज्यादातर भारतीय घरों में लक्ष्मी माता की पूजा होती है, वहीं कोलकाता में काली मां को पूजा जाता है। इस शानदार कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये, आप कालीघाट मंदिर या दक्षिण्श्वेर मंदिर जा सकते हैं, जो कि पवित्र मंदिर है। खूबसूरत दीयों, कैंडल्स और लैम्प से पूरा शहर जगमगा उठता है।
अमृतसर
स्वर्ण मंदिर, सिक्खों के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। जहां दिवाली का उत्सव बहुत ही खास होता है। सिख लोग 1619 को हिरासत से रिहा होकर आए, छठवें गुरु, गुरु हरगोबिंद के अमृतसर लौटने का जश्न मनाते हैं, जबकि हिंदू और बाकी लोग दिवाली मनाते हैं। इसलिए, इसे बंदी छोड़ दिवस या कैदियों की आजादी के दिवस के रूप में मनाया जाता है। पूरा गुरुद्वारा परिसर रोशनी से सजा होता है और भक्तों की भक्ति और अरदास से चहल-पहल बनी रहती है। पूरे शहर में विशेष कीर्तन और प्रार्थना सभाओं का आयोजन होता है।
गोवा
हैरानी की बात यह है कि गोवा में नरक चतुर्दशी के दिन दिवाली मनाई जाती है। यह रावण, उनके भाई कुंभकरण और उनके पुत्र मेघनाथ के पुतले जलाने के संस्कार के समान है। गोवा में लोग नरक चतुर्दशी मनाते हैं, जिसे छोटी दिवाली के रूप में भी जाना जाता है। माना जाता है कि उस दिन भगवान कृष्ण ने गांवों और आस-पास के लोगों को त्रस्त करने वाले, राक्षस नरकासुर का वध किया था।
जयपुर और उदयपुर
धनतेरस से शुरू होने वाला यह शानदार उत्सव होता है जिसे आपको एक बार जरूर देखना चाहिए। शहर की जगमगाती रोशनी और आतिशबाजी का नजारा देखने लायक होता है, जिसे नाहरगढ़ के किले और अन्य चर्चित जगहों से देखा जा सकता है। आप उदयपुर की खूबसूरत झीलों पर भी मोहित हो जाएंगे, जोकि आतिशबाजियों और किले की रोशनी के प्रतिबिंब से चमक उठता है। ये दोनों जगहें सैलानियों को दिवाली उत्सव का शानदार नजारा दिखाने में कभी पीछे नहीं रहतीं।
(श्रीपद वैद्य, कोफाउंडर और सीओओ, Confirmtkt से बातचीत पर आधारित)
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