Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कला और आस्था का संगम है जयपुर की 250 साल पुरानी हवेली, मौजूद हैं बेशकीमती रत्नों से जड़ी कई गणेश मूर्तियां

    Updated: Tue, 10 Sep 2024 01:50 PM (IST)

    देशभर में इन दिनों Ganesh Mahotsav की धूम चल रही है। ऐसे में क्या आप भगवान गणपति की अद्भुत मूर्तियों का एक अनूठा संग्रह देखना चाहते हैं? अगर हां तो पहुंच जाइए जयपुर! राजस्थान की राजधानी में स्थित गणेश म्यूजियम एक ऐसी जगह है जिसे आप कभी नहीं भूल पाएंगे। एक पुरानी हवेली में स्थित यह म्यूजियम गणेश जी की 40 से ज्यादा प्राचीन प्रतिमाओं से भरा पड़ा है।

    Hero Image
    Gemstone Ganesh Museum: कला प्रेमियों को जरूर देखना चाहिए जयपुर का गणेश म्यूजियम (Image Source: instagram.com/jaipurganeshmuseum)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अपने शौर्य और वीरता के लिए मशहूर राजस्थान (Rajasthan) का रंगीन शहर जयपुर, कला और संस्कृति का भी एक अनमोल खजाना है। यहां का गणेश म्यूजियम (Gemstone Ganesh Museum) इस बात का जीता-जागता उदाहरण है। एक पुरानी हवेली में स्थित इस म्यूजियम में गणेश जी की अद्भुत और दुर्लभ मूर्तियों का एक अनूठा संग्रह है जो कला प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देता है। ये मूर्तियां न सिर्फ वास्तुकला का शानदार नमूना (Ancient Indian art) है बल्कि राजस्थानी शिल्पकारों की प्रतिभा को भी दर्शाती हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कला प्रेमियों के लिए शानदार जगह

    लगभग 250 वर्ष पुरानी एक ऐतिहासिक हवेली में स्थित रत्न गणेश संग्रहालय, जयपुर के हवा महल रोड पर मौजूद है। यह संग्रहालय, जो 2016 में स्थापित किया गया था, गणेश जी की अद्भुत मूर्तियों का एक अनूठा संग्रह है। इस हवेली की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि ने इस संग्रहालय को एक विशेष आकर्षण दिया है। कला प्रेमी यहां न सिर्फ गणेश जी की मूर्तियों को देख सकते हैं बल्कि एक ऐतिहासिक इमारत का भी अनुभव ले सकते हैं।

    यह भी पढ़ें- भारत की इन जगहों पर मचती है गणेश चतुर्थी की भारी धूम, दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त

    कला और आस्था का संगम

    गणेश जी की अद्भुत प्रतिमाओं के अलावा, इस हवेली की कलात्मकता भी देखते ही बनती है। राजपूत काल की इस ऐतिहासिक हवेली को अब कला केंद्र में तब्दील कर दिया गया है। हवेली की दीवारों पर बने भित्तिचित्र राजस्थानी कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इन भित्तिचित्रों को पारंपरिक तकनीकों का उपयोग करके बनाया गया है जो हवेली को एक जीवंत रूप देते हैं। संग्रहालय में पन्ना और नीलम से बनी पंचमुखी गणेश की प्रतिमा सबसे आकर्षक है। त्रिनेत्र गणेश की प्रतिमा भी दर्शकों का ध्यान खींचती है। हवेली में दो आर्ट गैलरी भी हैं, जहां गणेश जी से जुड़ी पौराणिक कहानियों पर आधारित चित्रकारी और कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।

    रत्नों से जड़ी हैं गणेश जी की मूर्तियां

    इस अद्भुत संग्रह में गणेश जी की 40 से ज्यादा मूर्तियां हैं, जिन्हें माणिक, पन्ना, नीलम और अन्य कीमती रत्नों से बेहद कुशलता से तराशा गया है। यह संग्रह एक कला प्रेमी के 40 साल के लगातार प्रयास का परिणाम है, जिन्होंने भारत के विभिन्न कलाकारों से गणेश जी की मूर्तियां खरीदकर एक विशाल संग्रह तैयार किया। आज यह संग्रह एक संग्रहालय के रूप में संरक्षित है, जहां गणेश जी को विभिन्न मुद्राओं में दर्शाया गया है, जो कला और आस्था का एक अनूठा संगम पेश करता है।

    यह भी पढ़ें- हिमालय की गोद में बसा है महादेव का Tungnath Mandir, सितंबर-अक्टूबर के खुशनुमा मौसम में बनाएं दर्शन का प्लान

    comedy show banner
    comedy show banner