ऊंचे पहाड़ पर लाल चट्टानों से घिरा है USA का ये प्रार्थना स्थल, World War-II से जुड़ा है इतिहास
यूएसए के एरिजोना राज्य में सेडोना शहर में बना चैपल ऑफ द होली क्रॉस (Chapel Of The Holy Cross history) पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। लोग यहां सुकून भरे पल बिताने के लिए आते हैं। ये जगह फोटोग्राफी के लिए भी परफेक्ट है। इसे प्राकृति और आध्यात्मिकता को ध्यान में रखकर बनाया गया है। ये दिखने में भी बेहद खूबसूरत लगता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया में ऐसे कई अनोखे प्रार्थना स्थल हैं जो अपनी वास्तुकला, प्राकृतिक साैंदर्य और धार्मिक मान्यताओं के लिए जाने जाते हैं। चैपल ऑफ द होली क्रॉस (Chapel Of The Holy Cross history) उन्हीं में से एक है। ये यूएसए के एरिजोना राज्य में सेडोना शहर में स्थित है। दुनिया भर में मशहूर चैपल ऑफ द होली क्रॉस लोगों के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है। इसका निर्माण 1956 में हुआ था। हालांकि यहां पहुंचना आसान नहीं है। क्योंकि यह ऊंचे पहाड़ पर बना है, जो बलुआ पत्थरों से घिरा हुआ है। ये देखने में इतना खूबसूरत लगता है कि हर कोई इसकी सुंदरता का दीवाना हो जाता है।
इस प्रार्थना स्थल को बनाने का विचार सबसे पहले मार्गुराइट ब्रंसविग स्टाउड नाम की एक महिला को आया था। दरअसल 1932 में उन्होंने रोम की यात्रा की। वहां उन्होंने वास्तुकला के ऐसे नमूनों काे देखा जिससे उनके मन में इसे बनवाने की भावना जागी। उनका उद्देश्य बस यही था कि वो एक ऐसा प्रार्थना स्थल बनाएं जो प्रकृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम हो। हालांकि इसे बनवाना उनके लिए इतना आसान नहीं था।
6 साल में बनकर हुआ था तैयार
दूसरे विश्व युद्ध के कारण इसे बनवाने में देरी हुई। हालांकि 1950 में उन्होंने फैंक लॉयड राइट स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर के आर्किटेक्ट August K. Strotz और Richard Hein के साथ मिलकर इसे बनाने की योजना बनाई। इससे बनने में कुल छह साल का समय लगा। आपको बता दें कि इस प्रार्थना स्थल का निर्माण काेकोनिनो नेशनल फॉरेस्ट की जमीन पर लाल पत्थरों से किया गया है। खास बात ये है कि इस चर्च को बनाने के लिए 25 टन चट्टानों को हटाया गया था, जिसमें डाइनामाइट का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं किया गया था।
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250 फीट है चर्च की ऊंचाई
इस चर्च की विशेषता इसकी सबसे अनोखी वास्तुकला है। चैपल ऑफ द होली क्रॉस चर्च की ऊंचाई लगभग 250 फीट है। इस चर्च के सामने एक बड़ा सा 90 फीट का लोहे का क्रॉस लगाया गया है। अगर आप यहां आते हैं तो आपको आध्यात्मिक शांति का अनुभव होगा। इसे अंदर भी एकदम खुले तरीके से बनाया गया है जहां सूरज की पर्याप्त रोशनी आती है। आपको बता दें कि इस चर्च में एक साथ 150 लोग प्रार्थना कर सकते हैं।
आते हैं सभी धर्म के लोग
यहं सिर्फ ईसाई धर्म के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है। ये जगह इतनी मशहूर हो चुकी है कि यहां हर साल भारी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं। पर्यटकों के लिए ये जगह फोटोग्राफी के लिए भी मशहूर है। इसे शहर के ऐतिहासिक स्थलों के रूप में विशेष ध्यान दिया गया है।
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