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    बेहद खूबसूरत हैं दिल्ली की ये 3 ऐतिहासिक इमारतें, यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल हैं इनके नाम

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 02:59 PM (IST)

    दिल्ली में घूमने के लिए वैसे तो कई जगहें हैं, लेकिन यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल ये तीन इमारतें अपने इतिहास और अनूठी वास्तुकला के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। अगर आप भी दिल्ली में घूमने के लिए कुछ खूबसूरत जगहें ढूंढ़ रहे हैं, तो आपको इन इमारतों का दीदार जरूर करना चाहिए।

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    बेहद खूबसूरत हैं ये इमारतें (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सर्दी का मौसम जैसे-जैसे करीब आता जाता है, दिल्ली की खूबसूरती भी उतनी ही बढ़ती जाती है। यह अपने भीतर इतिहास के अनमोल खजाने समेटे हुए है। इसके हर कोने में इतिहास बसता है, यहां का हर पत्थर कोई कहानी कहता है। इसलिए घूमने-फिरने के लिए दिल्ली काफी अच्छी जगह है। 

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    अगर आप भी दिल्ली में कहीं घूमने की जगह ढूंढ़ रहे हैं, तो हम आपको कुछ ऐसी ऐतिहासिक जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जो न केवल वास्तुकला का अनोखा नमूना पेश करती हैं, बल्कि भारत के गौरवशाली इतिहास की भी साक्षी रही हैं। इन्हें यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में भी शामिल किया गया है। आइए जानें इन इमारतों के बारे में। 

    लाल किला 

    लाल बलुआ पत्थर से बना यह विशाल किला केवल एक इमारत नहीं, बल्कि भारतीय सत्ता का प्रतीक रहा है। मुगल बादशाह शाहजहां ने 1639 में इसका निर्माण करवाया था और इसे मुगल साम्राज्य की नई राजधानी बनाया। लाल किला मुगल वास्तुकला का शानदार उदाहरण है, जहां फारसी, यूरोपीय और भारतीय शैलियों का अद्भुत मेल देखने को मिलता है। दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, मोती मस्जिद और रंग महल जैसे भवन इसकी शोभा बढ़ाते हैं। यह किला भारत की आजादी का भी प्रतीक है; हर साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री यहीं से राष्ट्र को संबोधित करते हैं। 

    Red fort

    (Picture Courtesy: Instagram)

    कुतुब मीनार

    दक्षिण दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार परिसर भारत में इस्लामिक वास्तुकला के आरंभिक चरण का एक बेहतरीन नमूना है। 73 मीटर ऊंची यह मीनार दुनिया की ईंटों से बनी सबसे ऊंची मीनार है, जिसका निर्माण 1193 में दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुब-उद-दीन ऐबक ने शुरू करवाया था। इस परिसर की सबसे खास बात है लौह स्तंभ, जो 1600 सालों से ज्यादा समय से बिना जंग लगे खड़ा हुआ है, जो प्राचीन भारतीय धातु विज्ञान का एक अद्भुत चमत्कार है। कुतुब परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद और अलाई दरवाजा जैसे स्मारक भी हैं। 

    Qutub Minar

    (Picture Courtesy: Instagram)

    हुमायूं का मकबरा

    हुमायूं का मकबरा मुगल वास्तुकला की एक अनोखी मिसाल मानी जाती है। इसका निर्माण 1565 में मुगल बादशाह हुमायूं की पत्नी हमीदा बानो बेगम ने करवाया था। यह भारत का पहला बाग-मकबरा था, जिसने एक नई वास्तुशैली की नींव रखी। इसके डिजाइन में फारसी चारबाग शैली का इस्तेमाल किया गया है, जहां बगीचा चार हिस्सों में बंटा हुआ है और बीच में मकबरा स्थित है। यह सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बनी यह इमारत आगे चलकर ताजमहल के लिए प्रेरणा बनी। इस परिसर में हुमायूं की कब्र के अलावा कई अन्य मुगल परिवारों की कब्रें भी हैं, जिस कारण इसे 'मुगल वंश का डॉरमिटरी' भी कहा जाता है।

    humayuns tomb

    (Picture Courtesy: Instagram)