Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    World Book Day 2024: किताबों से करानी है बच्चों की दोस्ती, तो आजमाकर देखिए ये 4 शानदार ट्रिक्‍स

    Updated: Tue, 23 Apr 2024 02:36 PM (IST)

    आज भले ही इंटरनेट ने पुस्तकों की जगह ले ली है लेकिन अभी भी किताबों का उतना ही महत्व है जितना पहले हुआ करता था। दिमाग के सही विकास के लिए बचपन से ही किताबें काफी अहम भूमिका निभाती हैं। आइए 23 अप्रैल को मनाए जा रहे विश्व पुस्तक दिवस (World Book Day 2024) के मौके पर जानते हैं कि बच्चों में किताबें पढ़ने के आदत कैसे डलवा सकते हैं।

    Hero Image
    बच्चों में डालनी है पढ़ने की आदत, तो हर माता-पिता को अपनाने चाहिए ये टिप्स

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Book Day 2024: हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस यानी वर्ल्ड बुक डे मनाया जाता है, जिसका मकसद है लोगों में किताबों के प्रति रुचि जगाना और दुनिया भर के लेखकों को सम्मान देना। आइए इस खास मौके पर आपको बताते हैं, कि बच्चों में पढ़ने की आदत कैसे डाल सकते हैं। इससे न सिर्फ आगे चलकर चार लोगों के बीच उनका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा, बल्कि वे अच्छा लिख और बोल भी सकेंगे। ऐसे में अगर आपके बच्चे तमाम कोशिशों के बाद भी पढ़ने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं, तो आप यहां बताए गए कुछ टिप्स अपनाकर देख सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लाइब्रेरी ले जाएं

    बच्चों के साथ सिर्फ मॉल या रेस्टोरेंट ही नहीं बल्कि लाइब्रेरी भी जाया करें। इससे धीरे-धीरे किताबें नहीं पढ़ने वाले बच्चे भी इनमें रुचि लेने लगेंगे और अपनी पसंद की किताबें भी वहां ढूंढने लगेंगे। इस बीच आप उन्हें अलग-अलग विषयों की किताबों के बारे में बताएं और साथ ही खुद भी अपने लिए वहां से कुछ किताबें ले आएं और उनके साथ एक गोल सेट करें, कि कौन-सी किताब को हमें कब तक पढ़कर पूरा करना है। इससे उनके अंदर आपसे पहले पढ़ने की एक्साइटमेंट भी बढ़ेगी।

    यह भी पढ़ें- करियर ही नहीं, सेहत को भी चमकाती है किताब पढ़ने की आदत, मिलते हैं ये 4 बेमिसाल फायदे

    रिव्यू भी मांगे

    सिर्फ बच्चों को किताबें देकर भूल जाने से काम नहीं चलेगा। आप कुछ पन्ने, चैप्टर या फिर पूरी किताब पढ़ने के बाद उनसे रिव्यू भी मागें। आप चाहें, तो रिव्यू लिखने के लिए उन्हें कह सकते हैं। इससे न सिर्फ उनके शब्दकोश में बढ़ोतरी होती है, बल्कि उन्हें ये जानने में भी मदद मिलती है कि उनका इंटरेस्ट किस टाइप की बुक्स में ज्यादा है। ऐसे में अगली बार जब वे लाइब्रेरी या किसी शॉप पर जाएंगे, तो अपने मन मुताबिक किताबें चुन सकेंगे।

    पसंद को समझें

    कई माता-पिता अपनी पसंद की किताब पढ़ने को लेकर बच्चों पर दबाव बनाते हैं, ऐसे में आप ये समझें कि इससे उनका मन किताबों से और दूर चला जाएगा। जरूरी नहीं है कि जो विषय आपको पढ़ने पसंद हों, वहीं उनकी भी रुचि में हो। बता दें, आज मार्केट में फिक्शन, फैशन, माइथोलॉजी, साइंस, फूड और टेक्नोलॉजी जैसे कई सेक्शन्स की ढेरों किताबें हैं। ऐसे में उन्हें अपनी पसंद खोजने के लिए खुला छोड़ दें।

    रिवॉर्ड भी दें

    जब भी बच्चा कोई बुक पूरी करे, तो उसे रिवॉर्ड भी देने की कोशिश करें। इससे उन्हें अहसास होगा कि उन्होंने जो किया है, वो किसी अचीवमेंट से कम नहीं है। ऐसे में उनमें न सिर्फ धीरे-धीरे पढ़ने की आदत बन जाएगी, बल्कि वे अपने टारगेट को लेकर भी आतुर रहेंगे और इतना ही नहीं अपने दोस्तों को भी इसके बारे में जरूर बताएंगे।

    यह भी पढ़ें- अपनी मर्जी से नहीं! इन 5 वजहों से एग्जाम में फेल हो जाते हैं बच्चे

    Picture Courtesy: Freepik