30 साल पहले गुजर चुकी बेटी के लिए दूल्हा ढूंढ रहा परिवार, जानें क्या है Ghost Marriage और इससे जुड़ी मान्यता
सोशल मीडिया पर इन दिनों घोस्ट मैरिज (Ghost Marriage) काफी चर्चा में है। दरअसल कर्नाकट में एक परिवार ने 30 साल पहले मर चुकी अपने बेटी की शादी के लिए दूल्हे की तलाश करते हुए एक विज्ञापन छपवाया जो इंटरनेट पर काफी वायरल हो गया है। असल में यह विज्ञापन घोस्ट मैरिज के लिए था जिसके बाद से ही यह शादी सुर्खियों में है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। शादी हर व्यक्ति के जीवन का एक बेहद अहम पल होता है, जिसे हर कोई यादगार बनाने के लिए काफी जतन करता है। दुनियाभर में शादी की कई तरह रस्में और परंपराएं मशहूर हैं। खुद भारत में कई तरीकों से शादी की जाती है, लेकिन क्या आपने कभी घोस्ट मैरिज (Ghost Marriage) यानी भूतों की शादी के बारे में सुना है। अगर आप यह सुनकर हैरान रह गए हैं, तो आपको बता दें कि यह किसी कहानी का हिस्सा नहीं, बिल्कुल पूरी तरह से वास्तविक है और इसे पूरे रीति-रिवाज के साथ आयोजित किया जाता है। आइए जानते हैं क्या घोस्ट मैरिज और कहां है इसका प्रचलन-
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क्यों चर्चा में है घोस्ट मैरिज?
घोस्ट मैरिज का कल्चर यूं तो लंबे समय से कई जगह पर मौजूद है, लेकिन बीते कुछ दिनों से यह लगातार चर्चा में है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में सोशल मीडिया पर शादी का एक एड सामने आते ही काफी वायरल हो गया, जिसके बाद घोस्ट मैरिज सुर्खियों में छा गई। इस एड के मुताबिक एक परिवार 30 साल पहले मर चुकी अपनी बेटी की शादी के लिए 30 साल पहले मर चुके किसी लड़के की तलाश कर रहे थे। दरअसल, शादी का यह एड के परंपरा के लिए थी, जिसे 'कुले मदीम' या 'प्रेथा मदुवे' कहा जाता है।
क्या है 'आत्मा विवाह'?
यह एक सदी पुरानी परंपरा है, जो कुछ मतभेदों के साथ दुनिया की कई संस्कृतियों का हिस्सा है। इसे विभिन्न जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इस परंपरा को दक्षिण कर्नाटक के तटीय जिलों और तुलु नाडु के उडुपी और चीन में 'कुले मदिमे,' 'प्रेथा मदुवे' या 'चाइनीज घोस्ट मैरिज' के नाम से जाना जाता है। से 'भूत विवाह' या 'आत्मा विवाह' के रूप में भी जाना जाता है। यह परंपरा आम तौर पर पुनर्जन्म में विश्वास का विस्तार है। ऐसा कहा जाता है कि ऐसी परंपराएं मृतक को एक खुशहाल, संतुष्ट जीवन जीने और दूसरी दुनिया में अकेले नहीं रहने में मदद करती हैं।
किन लोगों की होती है घोस्ट मैरिज?
प्रेथा मडुवे या घोस्ट मैरिज का समारोह का आयोजन उनके लिए किया जाता है, जिनकी शिशु अवस्था या 18 साल से कम उम्र से मृत्यु हो चुकी है। यह विवाह उनके वयस्क होने के बाद किया जाता है और उसे विवाह के लिए तैयार माना जाता है। इस शादी को कराने के पीछे की मान्यता यह है कि दिवंगत व्यक्ति वास्तव में मृत नहीं हैं, बल्कि आत्मा के रूप में अपने परिवार के बीच मौजूद रहते हैं।
ऐसे में दो आत्माओं का मिलन करवा कर, परिवार अपने दिवंगत बच्चों को खुशी सुनिश्चित करते हुए यह विश्वास करते हुए कि इससे परिवार में भाग्य और समृद्धि आएगी। यह विवाह समारोह एक नियमित शादी की तरह ही रीति-रिवाजों के साथ आयोजित किया जाता है।
चीन में प्रचलित घोस्ट मैरिज
भारत के कुछ हिस्सों के अलावा चीन में भी भूत विवाह यानी घोस्ट मैरिज की प्रथा काफी प्रचलित है, जिसमें दो मृत व्यक्तियों की शादी रचाई जा सकती है। यह प्रथा 3,000 से अधिक वर्षों से प्रचलित है और ऐसा माना जाता है कि जो लोग मृत्यु के दौरान अविवाहित थे, वे इस शादी के बाद मृत्यु के बाद अकेले नहीं होंगे। वहीं, ताइवान में अक्सर मृत व्यक्ति की शादी किसी जीवित व्यक्ति से कर दी जाती है।

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