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    बात-बात पर झूठ बोलने लगा है बच्चा, तो इन तरीकों से सुधारें उनकी आदत; फिर कभी नहीं छिपाएंगे सच

    बचपन में झूठ बोलना कई कारणों से हो सकता है जैसे डर इमैजिनेशन या फिर ध्यान आकर्षित करना। ऐसे में बच्चे को डांटने या सजा देने के बजाय उसे प्यार और धैर्य से समझाना जरूरी है। आप इन तरीकों की मदद से उनका मार्गदर्शन करें। पॉजिटिव माहौल और डिसिप्लीन से उसमें सच बोलने की आदत विकसित होगी बस आपको धैर्य रखना होगा।

    By Digital Desk Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 28 Aug 2025 08:58 PM (IST)
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    ऐसे छुड़ाएं बच्चों की झूठ बोलने की आदत (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बचपन में झूठ बोलना हर बच्चे के लिए आम बात हो सकती है, लेकिन अगर ये आपके बच्चे की आदत बन जाए, तो ये हर पेरेंट्स के लिए चिंताजनक हो सकता है। झूठ बोलने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे डर, अधिक अपेक्षाएं, ध्यान आकर्षित करना या इमैजिनेशन।

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    ऐसे में हर पेरेंट्स को बड़े ही पेशेंस और समझदारी के साथ अपने बच्चे की इस आदत को सुधारना चाहिए,न कि सजा देकर। यहां कुछ तरीकों की जानकारी दी गई है, जो आपके बच्चे को सच बोलने के लिए प्रेरित करेंगे। आइए जानते हैं इनके बारे में-

    एटमॉस्फियर पॉजिटिव बनाएं

    बच्चे को ऐसा माहौल दें, जहां वह बिना डरे सच बोल सके। अगर वह गलती करे, तो उसे प्यार और धैर्य से समझाएं, जिससे वह झूठ बोलने की जगह सच बोलने की हिम्मत करे।

    खुद ईमानदारी का उदाहरण बनें

    बच्चे माता-पिता को देखकर बहुत कुछ सीखते हैं। अगर आप खुद सच बोलने पर जोर देंगे और झूठ से बचेंगे, तो बच्चा भी आपकी इस आदत को अपनाएगा।

    दंड की जगह समझाएं

    अगर बच्चा झूठ बोले, तो उसे पनिशमेंट देने की जगह प्यार से समझाएं कि सच बोलना क्यों जरूरी है, क्योंकि पनिशमेंट के डर के कारण झूठ बोलने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।

    खुलकर बात करें

    बच्चे से खुलकर बातचीत करें और उसकी समस्याओं को समझें। जब वह आपसे अपने मन की बातें साझा करेगा, तो झूठ बोलने की जरूरत नहीं महसूस करेगा।

    झूठ की वजह जानें

    हर झूठ के पीछे कोई न कोई कारण होता है। अगर बच्चा झूठ बोलता है, तो उसकी जड़ तक पहुंचें और समस्या का समाधान करें।

    सच बोलने पर प्रोत्साहित करें

    जब बच्चा सच बोले, तो उसकी सराहना करें। यह आदत उसमें ईमानदारी और सेल्फ कॉन्फिडेंस को बढ़ाएगी।

    मोरल स्टोरीज से सीख दें

    बच्चों को झूठ और सच से जुड़ी कहानियां सुनाएं, जिससे वे नैतिकता को समझ सकें और झूठ से बचने की प्रेरणा लें।

    अनुशासन को मजबूत करें

    बच्चे को यह सिखाएं कि हर कार्य की जिम्मेदारी लेनी होती है। अनुशासन और ईमानदारी का महत्व समझाने से वह झूठ बोलने से बचेगा।

    धैर्य रखें

    बच्चों की आदतें रातोंरात नहीं बदलतीं। संयम और धैर्य से सही मार्गदर्शन करें, जिससे वह धीरे-धीरे ईमानदारी और सच बोलना अपनाए।

    अपने बच्चे के झूठ बोलने की आदत को सुधारने के लिए सख्ती की बजाय समझदारी की जरूरत होती है। प्यार, धैर्य और सही मार्गदर्शन से आप अपने बच्चे को ईमानदारी की राह पर ला सकते हैं।

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