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    बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए जरूरी है हेल्दी पेरेंटिंग, इन तरीकों से करें उनकी अच्छी परवरिश

    बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सही परवरिश बेहद जरूरी है। यही वजह है कि पेरेंटिंग एक बड़ा टास्क है जिसे जिम्मेदारी से निभाना बहुत ज्यादा जरूरी है। हालांकि इन दिनों बदलते समय के साथ ही पेरेंटिंग में भी काफी बदलाव होने लगा है। आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताएंगे जो पेरेंटिंग में मददगार साबित होंगी।

    By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 09 Jan 2025 05:50 PM (IST)
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    पेरेंटिंग में मददगार साबित होंगी ये आदतें (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बदलते समय के साथ ही पेरेंटिंग का तरीका भी बदलने लगा है। बच्चों की परवरिश एक बड़ी जिम्मेदारी होती है, जिसे सही तरह से पूरा करना बेहद जरूरी है। परवरिश में हुई जरा-सी गलती या लापरवाही बच्चे का पूरा जीवन बर्बाद कर सकती है।

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    पेरेंटिंग एक ऐसा टास्क है जिसके ऊपर आपके बच्चे का पूरा जीवन टिका हुआ होता है। पेरेंटिंग करना बच्चों का खेल नहीं है। हर पल, हर दिन एक नई चीज सीखने को मिलती है। ऐसे में हर पेरेंट्स को कुछ ऐसी आदतें अपनानी चाहिए, जिससे उनका बच्चा जीवन में एक सफल और खुश इंसान बन सके। आइए जानते हैं कि ऐसी कौन-सी प्रभावी आदते हैं, जो आएंगी आपकी पेरेंटिंग की जर्नी में बहुत ही काम-

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    इन बातों का ध्यान रखें पेरेंट्स

    • बच्चे के साथ बिना किसी डिस्ट्रैक्शन के कम से कम 20 मिनट या इससे अधिक समय बिताएं। बच्चे की आंखों में आँखें डाल कर बातें करें और उनके जवाब ध्यान से सुनें।
    • बेडटाइम नियमित रूप से समय पर जाना। बेडटाइम में डिसीप्लीन बहुत मायने रखती है क्योंकि बच्चे के दिमाग का विकास बहुत अधिक उसकी नींद पर निर्भर करता है। नींद पूरी न होने से कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं, मूड डिसऑर्डर और सोशल समस्याएं पैदा हो सकती हैं जो कि बच्चे की सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकती हैं।
    • बात कम करें, मॉडल अधिक करें। बच्चे की जिस भी आदत को आप बदलना चाहते हैं उसे खुद मॉडल कर के दिखाएं। बच्चे तेजी से कॉपी करते हैं। इसलिए बच्चे के सामने वैसा ही व्यवहार करें जैसे व्यवहार की अपेक्षा आप उनसे रखते हैं।
    • बच्चों को काम बांटें। बच्चे का हर काम कर देना, उन्हें मुसीबत और मेहनत से अतिशयोक्ति बचा कर रखना उन्हें आलसी और कमजोर बनाता है। साथ ही अपने काम खुद न करने से बच्चे गैर जिम्मेदार भी हो जाते हैं। इसलिए बच्चे की उम्र के अनुसार उन्हें काम बांटें और उन्हें काम करते समय गाइड करें जिससे वे काम करने का सही तरीका सीख पाएं।
    • बच्चों को थैंकफुल होना सिखाएं। बच्चों की हर इच्छा पूरी न करें। उनकी हर छोटी बड़ी इच्छा पूरी करने से वे जिद्दी होते जाते हैं। साथ ही उन्हें चीजों का महत्व समझ में नहीं आएगा। इसलिए उनकी हर डिमांड पूरी किए बिना उनके पास जो भी चीजें हैं उनके लिए थैंकफुल होना सिखाएं। इससे वे डिमांड पूरी होने जैसी महत्वपूर्ण बात का महत्व समझेंगे और कम में भी खुश रहना जानेंगे।

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