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    Women's Day 2024: पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच तालमेल बिठाने में मदद कर सकते हैं ये टिप्स

    मार्च का महीना महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है क्योंकि 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। पूरी दुनिया में इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है। जश्न मनाने के साथ इस दिन महिलाओं से जुड़ी समस्याओं के बारे में भी बात की जाती है। वर्किंग वुमन्स कैसे घर और ऑफिस लाइफ को बैलेंस करें जानेंगे इस बारे में।

    By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Wed, 06 Mar 2024 12:33 PM (IST)
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    International Women's Day: इन टिप्स की मदद से पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को करें बैलेंस

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कामकाजी महिलाओं के लिए पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है क्योंकि उनके ऊपर ऑफिस के साथ-साथ घर की जिम्मेदारियों का भी बोझ होता है। कई बार ये दोनों चीज़ें झुंझलाहट, गुस्से और तनाव की वजह बन सकती हैं। समय रहते इस ओर ध्यान न दिया जाए, तो धीरे-धीरे इससे मानसिक सेहत प्रभावित होने लगती है जिसका असर आपकी फिजिकल हेल्थ पर भी पड़ने लगता है। 

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    नो डाउट ये एक बहुत बड़ा चैलेंज है, लेकिन ऐसा नहीं कि इससे बाहर निकलने के लिए करियर या फैमिली किसी एक को ही चुनने का ऑप्शन बचता है। थोड़ी समझदारी और जानकारी से आप दोनों लाइफ के बीच सही से तालमेल बिठाकर चल सकती हैं। रोपेरो की सीईओ अर्पिता काटयाल से जानते हैं कुछ ऐसे ही टिप्स के बारे में, जो वर्किंग वुमन्स के लिए साबित हो सकते हैं बेहद मददगार।

    छुट्टियां ज़रूर लें

    ऑफिस में आपके ऊपर कितनी भी जिम्मेदारियां क्यों न हों, इसके लिए अपनी छुट्टियां न कुर्बान करें। हफ्ते में एक या दो दिन की छुट्टी बॉडी और माइंड को रिलैक्स करने के लिए बहुत जरूरी है। वीकऑफ वाला ब्रेक आपको आने वाले हफ्ते के लिए रिचार्ज करने का काम करता है। छुट्टी वाले दिन परिवार, दोस्तों के साथ वक्त गुजारने से अच्छा फील होता है। जिससे आपको काम करने का मोटिवेशन मिलता है।

    लक्ष्मी वेंकटरमण वेंकटेशन, भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट की संस्थापक और प्रबंधन ट्रस्टी का मानना है कि 'लैंगिक अपेक्षाओं और जिम्मेदारियों का बोझ अभी भी सिर्फ महिलाओं के कंधों पर आता है। एक कामकाजी महिला होने के नाते मैं यह अच्छे से समझती हूं कि अपनी क्षमता को पहचानने का महत्व क्या है। महिलाओं में असीम क्षमताएं हैं, लेकिन उन्हें अपनी बातों के लिए खड़ा होना होगा और अपने अधिकार जताने होंगे। परिवार का सहयोग और समर्थन भी जरूरी है, क्योंकि महिलाएं एक साथ कई जिम्मेदारियां निभाती हैं। घरेलू जिम्मेदारियों को संभालते हुए और कार्यस्थल में बेहतर प्रदर्शन करते हुए महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि वह अपनी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। समाज अभी भी एक महिला से "सुपरवुमन" होने की अपेक्षा रखता है, इस कारण कामकाजी महिलाएं कई बार अपराधबोध का शिकार हो जाती हैं कि वह घर व बच्चों के ऊपर अपनी महत्वाकांक्षाओं को प्राथमिकता दे रही हैं। जो दुनिया, अर्थव्यवस्था और समाज में महिलाओं की भूमिकाओं को कम महत्व देती है, वहां महिलाओं को खुद को मजबूत बनाना चाहिए, मार्गदर्शन लेना चाहिए और अपनी खास जगह बनानी चाहिए। शिक्षा और उद्यमिता के क्षेत्र में मार्गदर्शन मिलने से भी महिलाओं को काफी फायदा हो सकता है।

    मेरा सौभाग्य है कि मुझे जे आर डी टाटा और राहुल बजाज जैसे उद्योग जगत के दिग्गजों का मार्गदर्शन मिला। घर में मेरे पिता, भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं 'भारतीय एमएसएमई आंदोलन के जनक' श्री आर. वेंकटरमन के सान्निध्य से मुझमें छोटे उद्यमियों, विशेषकर उन महिलाओं के जीवन और अनुभवों में गुणात्मक सुधार लाने की ललक पैदा हुई, जो अपने, अपने परिवार और अपने समुदाय का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए अथक प्रयास करती हैं।'

    Vanessa Pandita, Director Business Development & Strategy, Alcobrew Distilleries India Pvt. Ltd ने बताया की, 'एक नेतृत्वकारी भूमिका में एक महिला के रूप में, व्यक्तिगत और व्यावसायिक क्षेत्रों के बीच संतुलन हासिल करना चुनौतीपूर्ण और फायदेमंद रहा है। आज की महिलाएं पेशेवर जिम्मेदारियों के साथ-साथ व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के बीच जूझती रहती हैं, जिसके लिए समय प्रबंधन के लिए अनुकूली, केंद्रित और सक्रिय दृष्टिकोण दोनों की आवश्यकता होती है।'

    सही मैनेजमेंट

    पर्सनल-प्रोफेशनल लाइफ के बीच बैलेंस बना रहे इसके लिए दोनों जगह सही मैनेजमेंट की जरूरत होती है। ऑफिस का काम कभी भी घर में लेकर न आएं और न ही घर के काम ऑफिस में निपटाने की कोशिश करें। इससे आप किसी भी काम को सही तरीके से नहीं कर पाते हैं। घर के काम से लेकर ऑफिस के काम को सही वक्त से निपटाने के लिए प्लानिंग बनाएं और उसे फॉलो करें। 

    प्रिया सिंह  Co -founder and Director of चलो से बात की जो बताती हैं की, 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर काम करने वाली महिलाओं के असाधारण समर्पण और हर परिस्थिति में खुश रहने के उनके स्वभाव को स्वीकार करना बहुत ज़रूरी है, जो अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस करने के लिए बहुत मेहनत करती हैं। पुरानी मान्यता से हटकर, आज महिलाएं भी पुरषों की तरह काफी देर तक काम करती हैं और कड़ी मेहनत करती हैं, अक्सर वर्कप्लेस के अंदर और बाहर दोनों जगह, सभ्यता और पक्के इरादे के साथ कई जिम्मेदारियां निभाती हैं।

    बहुत सी काम करने वाली महिलाएं, मेरी तरह, खुद को लगातार आगे बढ़ता हुआ पाती हैं। बिजी शेड्यूल और काम की जिम्मेदरियों के लिए अक्सर ट्रेवल करती रहती हैं। ऐसे करियर के लिए जिसमें बार-बार ट्रेवल करने की जरुरत होती है, काम और परिवार के बीच सही बैलेंस बनाए रखना एक चैलेंज हो सकता है। मेरे लिए, यह मेरे अपनों की ओर से मिलने वाला सपोर्ट और प्रोत्साहन है, जो मुझे आगे बढ़ने में मदद करता है।'

    सपोर्ट लें

    माइंड को फ्रेश और टेंशन दूर करने के लिए परिवार और दोस्तों से बातचीत करें। कोई बात आपको बहुत ज्यादा परेशान कर रही है, तो अपने करीबियों से शेयर करने में कोई बुराई नहीं। ऑफिस से जुड़ी कोई समस्या है, तो उसे भी मैनेजमेंट या बॉस जो भी सुलझा सकता है, उससे डिस्कस करें। स्ट्रेस लेना नॉर्मल है, लेकिन इसे लंबे समय तक ढोना बिल्कुल सही नहीं।

     

    सिन्दूर  मित्तल , Vice Chairperson of Avaada ने बताया की, 'वर्तमान समय में स्त्रियों की भूमिकाएं पहले से कहीं अधिक विस्तृत और जटिल हो गई हैं। मां, पत्नी, उद्यमी, शिक्षिका, डॉक्टर, कलाकार - स्त्रियाँ आज हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही हैं। इन सभी भूमिकाओं को सफलतापूर्वक निभाने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। 

एक बड़ी कंपनी की वाइस चेयरपर्सन होने के नाते, मां और सफल उद्यमी, दोनों के दायित्व को पूरा करना चुनौतीपूर्ण होता है। काम का दबाव बहुत ज़्यादा होता है, लेकिन समय के साथ, मैंने चीजों को संतुलित तरीके से करना सीख लिया है। एक कामकाजी महिला के लिए निजी और पेशेवर जिंदगी में संतुलन बनाना वाकई मुश्किल है, यह बात मैं बखूबी समझती हूं, लेकिन मैंने कुछ नियम बनाए हैं जिनकी मदद से मैं दोनों को संभालने की कोशिश करती हूं।'

    हेल्दी फ़ूड

    ऑफिस की भागदौड़ और घर की जिम्मेदारियों के बीच अपनी हेल्थ से समझौता न करें, क्योंकि इससे भी आपकी लाइफ प्रभावित हो सकती है। 

    मेडिटेशन या एक्ससरसाइज करें

    दोनों लाइफ में सही बैलेंस बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज और मेडिटेशन का भी बहुत बड़ा रोल होता है। इससे दिमाग शांत रहता है और आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ती है। साथ ही आप फिट भी रहती हैं। हेल्दी बॉडी आपका कॉन्फिडेंस बढ़ाने का भी काम करती है। 

    कई बार हमारी सोसाइटी के लोग भी वर्किंग वुमन्स को लेकर गलत धारणाएं बना लेते हैं कि वो घर की जिम्मेदारियों को इग्नोर कर सिर्फ अपने करियर के बारे में सोचती हैं, जबकि ये पूरी तरह से सच नहीं हैं। फैमिली और करियर की जिम्मेदारी साथ-साथ निभाने वाली महिलाओं को मकसद आत्मनिर्भर बनना, परिवार को फाइनेंशियली सपोर्ट करना और खुद के साथ दूसरों का अच्छी और कंफर्टेबल लाइफ देने से भी जुड़ा होता है। आइए इस वुमन्स डे ऐसी महिलाओं को सपोर्ट कर उनका हौसला बढ़ाएं और ऐसी दूसरी महिलाओं को भी प्रेरित करें।

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    Pic credit- freepik