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    तलाक से गुजर रहे दोस्त से कभी न कहें 5 बात, अच्छे इरादों के बावजूद अनजाने में बढ़ा सकते हैं उनका दर्द

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 03:50 PM (IST)

    तलाक इमोशनली काफी मुश्किल फैसला होता है। ऐसे में अगर कोई दोस्त या रिश्तेदार इससे गुजर रहा हो, तो उन्हें सही तरीके से सपोर्ट करना जरूरी है। हालांकि, कई बार अच्छे इरादों के बावजूद हम अनजाने में उनके दर्द को बढ़ा देते हैं। आइए जानें कि अगर कोई व्यक्ति तलाक से गुजर रहा है, तो उससे किस तरह की बातें कहने से बचना चाहिए। 

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    तलाक के दर्द को बढ़ा सकती हैं ये बातें (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। तलाक जीवन के सबसे कठिन और भावनात्मक रूप से उथल-पुथल भरे अनुभवों में से एक है। जब कोई करीबी दोस्त या रिश्तेदार इस प्रक्रिया से गुजर रहा हो, तो हमारी कोशिश उन्हें मदद और सांत्वना देने की होती है। 

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    लेकिन कभी-कभी, अच्छे इरादों के बावजूद, हमारे शब्द अनजाने में दर्द बढ़ा सकते हैं। इसलिए तलाक के बारे में बात करते वक्त कुछ बातों को कहना से बचना चाहिए। आइए जानें अगर कोई तलाक ले रहा है, तो उससे कौन-सी बातें नहीं कहनी चाहिए और क्या कहना चाहिए। 

    "क्या हुआ?" 

    यह सवाल सबसे आम है। तलाक की खबर सुनते ही हमारी उत्सुकता हम पर हावी हो जाती है और हम सामने वाले की पर्सनल बाउंड्री क्रॉस करने लगते हैं। तलाक के पीछे के कारण अक्सर व्यक्तिगत होते हैं, जिन्हें शेयर करना व्यक्ति के लिए मुश्किल हो सकता है। इसके बजाय, यह कहना बेहतर है, "मैं तुम्हारे लिए यहां हूं, अगर तुम बात करना चाहो।" यह सपोर्ट का हाथ बढ़ाता है, दबाव नहीं।

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    (Picture Courtesy: Freepik)

    "तुम दोनों एक साथ बहुत अच्छे लगते थे" 

    यह वाक्य अतीत की ओर इशारा करके वर्तमान के दर्द को नकार सकता है। यह व्यक्ति को यह महसूस करवा सकता है कि उनकी भावनाओं को गलत ठहराया जा रहा है। याद रखें, बाहरी दिखावा अक्सर अंदर छिपी सच्चाई से मेल नहीं खाता। इसलिए इस टिप्पणी से बचना चाहिए।

    "तुम लोग कितने खुश थे" 

    पुरानी खुशहाल यादों को ताजा करना दुखदायी हो सकता है। ऐसा कहने से व्यक्ति अपने अतीत के बारे में सोचने लगता है और उसका दुख और ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए ऐसी बात कहने से बचें।

    "बच्चों का क्या होगा?" 

    यह सवाल सबसे ज्यादा चोट पहुंचा सकता है। कोई भी माता-पिता अपने बच्चों की भलाई के बारे में नहीं सोच रहा हो, यह संभव नहीं है। इस तरह का सवाल उनपर अपराधबोध का बोझ लाद सकता है। उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि वे एक अच्छे माता-पिता हैं और इस चुनौतीपूर्ण समय में भी बच्चों की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

    "मुझे तो उनमें कभी अच्छा नहीं लगा"

    ऐसा कहना व्यक्ति के अतीत की चॉइस और इमोशन्स का अपमान करती है। इसके कारण व्यक्ति अपनी हर चॉइस पर सवाल करने लगता है। ऐसा करना हेल्दी नहीं है।