मम्मी की 5 गलतियों से बच्चों को लग जाती है झूठ बोलने की आदत, फिर पापा की सख्ती से भी नहीं बनता काम
बच्चे का बचपन कच्ची मिट्टी जैसा होता है जिसे जैसा चाहें वैसा आकार दे सकते हैं। हम माता-पिता के रूप में अक्सर अपने बच्चों को अच्छी आदतें सिखाने की कोशिश करते हैं लेकिन कई बार अनजाने में हम कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिनसे बच्चे में झूठ बोलने की आदत पड़ जाती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सोचिए, आपका लाड़ला बच्चा, जिसकी मासूमियत पर आपको पूरा भरोसा है, अचानक छोटी-छोटी बातों पर झूठ बोलने लगता है। एक ऐसा झूठ, जो शायद किसी खेल के दौरान लगी चोट छिपाने के लिए हो या फिर होमवर्क न करने का बहाना। शुरुआत में ये बातें छोटी लगती हैं, लेकिन धीरे-धीरे ये एक बड़ी आदत में बदल जाती हैं और तब, पापा की लाख सख्ती भी काम नहीं आती!
क्या आप जानते हैं कि अक्सर अनजाने में हम माता-पिता ही, खासकर मम्मी, कुछ ऐसी गलतियां (Parenting Mistakes) कर बैठती हैं जो बच्चों को झूठ बोलने की इस भूलभुलैया में धकेल देती हैं (Why Children Lie)? आइए, आज हम उन 5 गलतियों को पहचानें और जानें कि कैसे हम अपने बच्चों को सच्चाई के रास्ते पर हमेशा कायम रहने में मदद कर सकते हैं।
'सच बताओ नहीं तो मार पड़ेगी!'
कई बार मम्मी गुस्से में बच्चों से सच उगलवाने के लिए उन्हें डराती हैं। "सच-सच बता, नहीं तो बहुत मार पड़ेगी!", "अगर झूठ बोला तो देख लेना!" इस तरह की बातें बच्चे के मन में डर पैदा कर देते हैं। बच्चा सोचता है कि अगर उसने सच बताया तो उसे डांट या मार पड़ेगी, इसलिए वह झूठ बोलना ज्यादा सेफ समझता है।
'बोल देना मम्मी घर पर नहीं हैं!'
बच्चे हमें देखकर ही सीखते हैं। अगर माता-पिता छोटे-मोटे झूठ बोलते हैं, जैसे किसी रिश्तेदार को टालने के लिए बच्चे से कहलवाना कि 'मम्मी घर पर नहीं हैं', तो बच्चे के मन में यह बात बैठ जाती है कि झूठ बोलना सामान्य है। वह इसे सही मानकर खुद भी झूठ बोलने लगता है।
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हद से ज्यादा सवाल-जवाब करना
कुछ माता-पिता बच्चों से उनके पूरे दिन की एक-एक एक्टिविटी का ब्यौरा मांगते हैं। "स्कूल में क्या-क्या हुआ?", "कौन किसके साथ खेल रहा था?", "टीचर ने क्या बोला?" यह जरूरत से ज्यादा पूछताछ बच्चे को अनकन्फर्टेबल कर सकती है। कई बार बच्चे कुछ बातें छिपाने के लिए या आपको खुश करने के लिए झूठ का सहारा ले लेते हैं।
लगातार तुलना करना और टोकना
अगर आप अक्सर अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से करती हैं या छोटी-छोटी बातों पर उसे टोकती रहती हैं, तो बच्चा हीन भावना का शिकार हो सकता है। वह आपकी डांट से बचने या आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए झूठ का सहारा ले सकता है, जैसे- अगर उसने होमवर्क नहीं किया तो वह बीमार होने का बहाना बना सकता है।
जरूरत से ज्यादा उम्मीदें रखना
जब माता-पिता बच्चों से जरूरत से ज्यादा उम्मीदें रखते हैं, तो बच्चे उन उम्मीदों को पूरा करने के लिए दबाव महसूस करते हैं। अगर वे उन उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाते, तो वे झूठ बोलकर अपनी असफलताओं को छिपाने की कोशिश करते हैं, जैसे- अगर उनके नंबर कम आए हैं तो वे रिपोर्ट कार्ड छिपा सकते हैं या गलत बता सकते हैं।
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