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    World Veterinary Day 2023: आप भी हैं डॉग्स पालने के शौकीन, तो जरूर लगवाएं उन्हें ये 5 वैक्सीन

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Fri, 28 Apr 2023 09:00 AM (IST)

    World Veterinary Day 2023 डॉग्स कई लोगों को बेहद पसंद होते हैं। यही वजह है कि इन दिनों कई लोग पेट्स पालने लगे हैं। लेकिन पेट्स को भी खास देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में अगर आप भी डॉग्स पालने के शौकीन हैं तो उन्हें ये वैक्सीन जरूर लगवाएं

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    डॉग्स पालने के हैं शौकीन तो जरूर लगवाएं उन्हें ये वैक्सीन

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Veterinary Day 2023: इन दिनों जानवरों के प्रति लोगों का प्यार और झुकाव काफी बढ़ गया है। यही वजह है कि आजकल कई सारे लोग पेट्स रखने लगे हैं। उनके लिए यह पेट्स उनके परिवार के सदस्यों की जरह की होते हैं। इसलिए उनकी हर एक छोटी-बड़ी जरूरतों का खास ख्याल रखा जाता है। पेट्स लवर में सबसे ज्यादा संख्या डॉग्स पालने वालों की है। इन दिनों लोगों के बीच अलग-अलग ब्रीड के डॉग्स पालने का चलन काफी बढ़ गया है। इसके अलावा कई लोग स्ट्रीट डॉग्स को पालना भी काफी पसंद करते हैं। लेकिन अगर आप भी डॉग्स पालने के शौकीन हैं, तो उन्हें ये वैक्सीन्स जरूर लगवाएं।

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    रेबीज

    रेबीज एक घातक "जूनोटिक बीमारी" है, जो जानवरों से इंसानों में भी फैल सकती है। लिसा वायरस द्वारा फैलने वाली यह बीमारी हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर हमला करती है, जिसकी वजह से सिरदर्द, एंजायटी, अत्यधिक लार, आक्रामकता, पानी का डर, पैरालिसिस और कई मौत तक हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि अपने पेट को 12 सप्ताह की आयु यानी 3 महीने में रेबीज का शॉट जरूर लगवाएं।

    कैनिन डिस्टेंपर

    डिस्टेंपर एक बेहद संक्रामक बीमारी है, जिसे कैरे डिजीज के रूप में भी जाना जाता है। यह बीमारी बहुत तेजी से फैलती है और डॉग्स से इंसानों में भी पहुंच सकती है। इस बीमारी में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, नाक और आंख संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। डिस्टेंपर के लिए कोई प्रभावी उपचार नहीं है। इसलिए 8 सप्ताह की आयु से टीकाकरण ही आपके कुत्ते की सुरक्षा का एकमात्र तरीका है।

    पारवो वायरस

    पारवो वायरस भी एक खतरनाक संक्रामक बीमारी है। यह एक गंभीर वायरस है, जो आमतौर पर पपीज और बूढे डॉग्स को अपना शिकार बनाता है। इन बीमारी के लक्षणों में आमतौर पर उल्टी, 106.7 डिग्री फरहेनाइट तक तेज बुखार और खूनी दस्त शामिल हैं। यह बीमारी इतनी घातक है कि समय से इलाज न मिलने पर इस बीमारी की चपेट में आए डॉग की सिर्फ 72 घंटों के भीतर मर सकते हैं। ऐसे में इस वायरस से अपने डॉग को बचाने के लिए 8 सप्ताह की उम्र में ही वैक्सीन लगवाएं

    हेपेटाइटिस

    कैनाइन एडेनोवायरस-1 (CAV-1) के कारण होने वाली यह बीमारी आमतौर पर पानी या खाद्य पदार्थों के जरिए फैलती है। इस बीमारी के मुख्य लक्षणों में तेज बुखार और आंखों-किडनी में सूजन शामिल हैं। वहीं, गंभीर मामलों में यह वायरस लिवर तक पहुंच जाता है, जिससे थकान, उल्टी, दस्त और यहां मौत भी हो सकती है। ऐसे में इस खतरनाक बीमारी से अपने पेट को बचाने के लिए आठ सप्ताह की उम्र के बाद से उन्हें इसका टीका जरूर लगवाएं।

    लेप्टोस्पायरोसिस

    लेप्टोस्पायरोसिस भी एक जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों तक पहुंच सकती है। लेप्टोस्पायरोसिस बैक्टीरिया के कारण होने वाली इस बीमारी के कोई खास लक्षण नहीं है। लेकिन यह बीमारी इंसानों और जानवरों के लिए समान रूप से खतरनाक है। लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया आमतौर पर दूषित मिट्टी या पानी में पाए जाते हैं। इस बीमारी की वजह से शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं। इस रोग से बचने के लिए भी अपने पेट्स को 8 सप्ताह की उम्र के बाद से इसकी वैक्सीन लग सकते हैं।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik

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