क्या है बोरियत की वजह और कैसे दूर सकते हैं यह समस्या, डालेंगे इस पर एक नजर
घर में बैठे-बैठे ऊबन होना आम बात है लेकिन इसके चलते गुस्सा चिड़चिड़ाहट बड़ी समस्या है। तो क्यों होती है यह समस्या और कैसे करें इससे बचाव। जानेंगे इसके बारे में...
लगातार एक ही काम करने से कुछ वक्त बाद बोरियत होने लगती है जो धीरे-धीरे गुस्से और झुंझुलाहट में तब्दील होने लगती है और कई बार हिंसा का भी रूप ले लेती है। तो क्यों होती है यह समस्या और कैसे करें इससे बचाव, जानेंगे इसके बारे में...
बोरियत की वजह
जीवन में बदलाव एक पल के लिए हर कोई स्वीकार कर सकता है लेकिन ठहराव शायद ही किसी को पसंद होता है इसका ताजा उदाहरण है लॉकडाउन। जिसे कुछ समय तक तो लोगों ने एन्जॉय किया लेकिन अब उन्हें बोरियत होने लगी है। आज लोगों के सामने मनोरंजन के इतने सारे ऑप्शन्स हैं और टाइम भी है लेकिन फिर भी उन्हें बोरियत सता रही है। क्योंकि वो अंदर से संतुष्ट और खुश नहीं। जब हम अपनी भावनाओं पर काबू पा लेते हैं और खुश रहने का जरिया ढूंढ़ लेते हैं तो बोरियत का सामना ही नहीं करना पड़ता।
बोर होते बच्चे
बड़ों के साथ ही साथ बच्चों को भी बहुत जल्दी बोरियत महसूस होने लगी है। पहले बच्चों के लिए पेरेंट्स के पास वक्त नहीं होता था और अब पेरेंट्स के पास टाइम है तो उन्हें बाहर घुमाने नहीं ले जा सकते। ऐसी स्थिति में बच्चों की फ्रस्ट्रेशन टॉलरेंस ख़त्म हो रहा है। अगर माहौल उनकी पसंद के न मिले तो वे पांच मिनट में ही ऊबने लगते हैं। कभी-कभी बोरियत होना स्वाभाविक है, लेकिन जब यह लगातार बनी रहे तो चिंताजनक है। इससे व्यवहार में चिड़चिड़ापन आने लगता है। इसकी वजह से व्यक्ति को डिप्रेशन भी हो सकता है।
ऐसे करें बचाव
खुद को बोरियत से बचाने के लिए जीवन में संतुलन बेहद जरूरी है। जिस तरह वर्कोहॉलिक होना नुकसानदेह है, उसी तरह ज्यादा आरामतलबी और मनोरंजन की अधिकता भी व्यक्ति को बहुत जल्दी बोर कर देती है। इन दोनों स्थितियों से बचते हुए दिनचर्या में संतुलन बनाए रखना चाहिए। जिस तरह शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए आप एक्सरसाइज करते हैं या जिम जाते हैं। ठीक उसी तरह दिमागी सेहत का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
इसके लिए फुर्सत के पलों में टीवी देखने के बजाय कोई अच्छी किताब पढ़ें, अपने करीबी लोगों से बातचीत करें या बागवानी करें। कोई भी ऐसी गतिविधि, जिसमें व्यक्ति की शारीरिक या मानसिक ऊर्जा खर्च होती हो, वह उसे बोरियत से बचाती है। ऐसी समस्या से बचने के लिए सहनशीलता बहुत जरूरी है।

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