Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Rani Ahilyabai: अहिल्याबाई के नाम पर रखा गया महाराष्ट्र के इस शहर का नाम, जानें क्या है इनका इतिहास

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Thu, 01 Jun 2023 10:28 PM (IST)

    Rani Ahilyabai हाल ही में महाराष्ट्र के शहर अहमदनगर का नाम अहिल्या बाई नगर करने का एलान किया गया है। इस खबर के सामने आने के बाद से अहिल्या बाई लगातार चर्चा में बनीं हुई हैं। तो चलिए जानते हैं कौन थीं रानी अहिल्याबाई होल्कर-

    Hero Image
    जानें हैं कौन अहिल्याबाई होल्कर, जिनके नाम पर रखा गया अहमदनगर का नाम

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Rani Ahilyabai: संस्कृति और परंपराओं का देश भारत हमेशा से ही दुनिया भर में आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां की विविधताओं की वजह से दुनिया भर से लोग यहां खींचे चले आते हैं। भारत का अपना एक समृद्ध इतिहास रहा है। यहां कई शासकों ने राज किया, तो वहीं यहां कई लड़ाइयां भी लड़ी गईं। इसके अलावा भारत के इतिहास के पन्नों में कई ऐसी रानियों के नाम भी दर्ज हैं, जिन्होंने अपने पराक्रम और दृढ़ निश्चय से विरोधियों को कड़ी टक्कर दी। रानी अहिल्याबाई इन्हीं में से एक थीं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बीते दिनों महाराष्ट्र सरकार ने अपने शहर अहमदनगर का नाम अहिल्या नगर करने का एलान किया। इस खबर के सामने आने के बाद से ही रानी अहिल्याबाई होल्कर चर्चाओं में हैं। तो चलिए जानते हैं कौन हैं रानी अहिल्याबाई और क्या है इन से जुड़ा इतिहास-

    कौन हैं रानी अहिल्या बाई?

    रानी अहिल्याबाई का नाम सुनते ही जहां कुछ लोगों के मन में मालवा का ख्याल आता है, तो वहीं कुछ लोगों को उनके नाम पर मौजूद देश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी याद आ होते हैं। लेकिन अहिल्याबाई की शख्सियत और इतिहास इससे कई बड़ा है। वह मध्यप्रदेश के महेश्वर की कर्ता-धर्ता ही नहीं, बल्कि होल्कर साम्राज्य का एक अहम हिस्सा भी थीं। उन्हें न सिर्फ मालवा की रक्षा करने के लिए जाना जाता है, बल्कि उनके द्वारा किए गए कई सारे सामाजिक कार्यों के लिए भी उन्हें आज तक याद किया जाता है।

    क्या है महाराष्ट से अहिल्याबाई का संबंध?

    मध्यप्रदेश के मालवा से अहिल्याबाई के संबंध के बारे में तो हर कोई जानता है, लेकिन बेहद कम लोग ही यह जानते होंगे कि अहिल्याबाई का महाराष्ट्र के अहमदनगर से गहरा संबंध रहा है। दरअसल, उनका जन्म 31 मई, 1975 को महाराष्ट्र के अहमदनगर के छौंड़ी ग्राम में हुआ था। उनके पिता मंकोजी राव शिंदे अपने गांव के पाटिल थे। उस दौर में जब महिलाएं स्कूल नहीं जाती थी, अहिल्याबाई के पिता ने उन्हें पढ़ने-लिखने की अनुमति दी थी।

    कैसे बनीं मालवा की महारानी?

    अहिल्याबाई की शादी प्रसिद्ध सूबेदार मल्हार राव होल्कर के पुत्र खंडेराव से हुई थी। वह भारत के मालवा साम्राज्य की मराठा होल्कर महारानी थीं। अहिल्याबाई के पति खंडेराव होल्कर की 1754 में कुंभ्बेर युद्ध में मौत हो गई थी। इसके 12 साल बाद उनके ससुर मल्हार राव होल्कर की भी मौत हो गई। इसके एक साल बाद अहिल्याबाई को मालवा साम्राज्य की महारानी घोषित किया गया। अपने शासनकाल के दौरान रानी अहिल्याबाई ने साम्राज्य महेश्वर और इंदौर में कई मंदिरों का निर्माण कराया था।

    अहिल्याबाई ने किए कई सामाजिक कार्य

    साथ ही उन्होंने लोगों के लिए कई सारी धर्मशालाएं बनवाईं, जो मुख्य रूप से तीर्थ स्थानों जैसे द्वारका, काशी विश्वनाथ, वाराणसी का गंगा घाट, उज्जैन, नाशिक विष्णुपद मंदिर और बैजनाथ के आसपास मौजूद हैं। इसके अलावा उन्होंने औरंगजेब द्वारा तोड़े गए कई मंदिरों का दोबारा निर्माण भी करवाया। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने पूरे भारत में श्रीनगर, हरिद्वार, केदारनाथ, बदरीनाथ, प्रयाग, वाराणसी, नैमिषारण्य, पुरी, रामेश्वरम, सोमनाथ, महाबलेश्वर, पुणे, इंदौर, उडुपी, गोकर्ण, काठमांडू आदि में बहुत से मंदिर बनवाए।

    कुशल शासक थीं अहिल्याबाई?

    एक कुशल शासक होने के साथ ही अहिल्याबाई होल्कर समाजसेवी भी थीं। उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान कभी भी किसी को मृत्युदंड नहीं दिया। साथ ही उन्होंने कई राज्य कर खत्म कर मालवा राज्य को समृद्ध बनाने में अहम भूमिका निभाई। अहिल्याबाई ने अपने पूरे जीवन काल में कई ऐसे कार्य किए, जो आज लोगों के लिए मिसाल है। उनका जीवन आज भी हमें कुछ न कुछ सिखाता है। 13 अगस्त 1795 में 70 साल की उम्र में रानी अहिल्याबाई का निधन हो गया। लेकिन अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण वह हमेशा हमारे बीच मौजूद रहेंगी।