World Zoonoses Day 2023: क्या है ज़ूनोसिस? जानें क्यों मनाते हैं विश्व ज़ूनोसिस दिवस और क्या है इसका इतिहास
World Zoonoses Day 2023 दुनिया भर में 6 जुलाई को विश्व ज़ूनोसिस मनाया जाएगा। यह एक गंभीर बीमारी है जिसमें एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में बीमारी या संक्रमण के फैलने का खतरा रहता है। जानवरों से इंसानों में और इंसानों से जानवरों में बीमारी फैलने वाली यह स्थिति काफी खतरनाक है जिसे अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Zoonoses Day 2023: ज़ूनोसिस एक ऐसा संक्रामक रोग है, जो दो प्रजातियों के बीच फैल सकता है। आसान भाषा में कहें, तो यह जानवरों से इंसानों में या फिर इंसानों से जानवरों में फैलने वाला रोग है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, "ज़ूनोटिक रोगज़नक़ बैक्टीरिया, वायरल या पैरासाइटिक हो सकते हैं। इसके अलावा ये सीधे संपर्क में आने, खाने के जरिए या फिर पानी और पर्यावरण के माध्यम से भी इंसानों में फैल सकते हैं।
ज़ूनोसिस दुनिया भर में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है क्योंकि खेती के दौरान जानवर और इंसान दोनों साथ मिलकर काम करते हैं। अगर एक बार ज़ूनोसिस की समस्या उत्पन्न हो गई, तो यह जानवरों से मिलने वाले सामानों के उत्पादन और व्यापार में बाधा भी पैदा कर सकता है।" हर साल की तरह इस साल भी विश्व ज़ूनोज़ दिवस 6 जुलाई को मनाया जाएगा। आइये जानते हैं इसदिन का इतिहास और महत्व क्या है।
विश्व ज़ूनोसिस दिवस का इतिहास क्या है?
फ्रेंच केमिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट लुई पाश्चर ने 6 जुलाई, 1885 को रेबीज वायरस के खिलाफ पहले टीकाकरण का सफलतापूर्वक इजात किया था। रेबीज वायरस एक ज़ूनोटिक बीमारी है और प्रजातियों के माध्यम से फैलने के लिए जाना जाता है। चाहे वे वेक्टर जनित हों या भोजन जनित, ज़ूनोटिक रोग जानवरों और मनुष्यों के बीच तेजी से फैलने के लिए जाने जाते हैं।
विश्व ज़ूनोसिस दिवस का महत्व क्या है?
ज़ूनोटिक बीमारियां फैलने के तमाम तरीकों में से एक मच्छर का काटना भी है। वहीं, डब्ल्यूएचओ द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक "ज़ूनोज़ में सभी नए पहचाने गए संक्रामक रोगों के साथ-साथ कई पहले से मौजूद संक्रामक रोगों का भी एक बड़ा प्रतिशत इसमें शामिल है, जैसे एचआईवी। इसकी शुरुआत एक ज़ूनोसिस रोग के रूप में होती है, लेकिन म्यूटेट होने के बाद यह केवल ह्यूमन स्ट्रेन में बदलकर रह जाती है। इसके अलावा अन्य ज़ूनोज़ बीमारी, जैसे कि इबोला वायरस, साल्मोनेलोसिस यी फिर नोवल कोरोनवायरस (Covid -19), में वैश्विक महामारी पैदा करने की क्षमता है।"
विश्व ज़ूनोज़ दिवस को मनाने का मुख्य कारण उस दिन को सेलीब्रेट करना है, जिसदिन इस बीमारियों के खिलाफ पहला टीकाकरण बनाया गया था। इसके अलावा इस दिन का मकसद लोगों से बीमारियों के बारे में अधिक जागरूक होने का आग्रह करना भी है।
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