History Of Umbrella: करीब 4000 साल पुराना है छाते का इतिहास, जानें कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत
History Of Umbrella धूप और बरसात से बचने के लिए कई सारे लोग छाते का इस्तेमाल करते हैं। इन दिनों मार्केट में आसानी से अलग-अलग तरह के छाते मिल जाते हैं जिन्हें आप अपनी पसंद के मुताबिक खरीद सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले किसने कब और किस लिए इसका इस्तेमाल किया होगा। अगर नहीं तो चलिए जानते हैं इसका दिलचस्प इतिहास-
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। History Of Umbrella: देशभर में बीते कुछ दिनों से झमाझम बारिश का दौर जारी है। लगातार होती बारिश ने दिल्ली समेत कई राज्यों में हालत गंभीर कर दी है। बारिश की वजह से चारों तरफ तबाही मची हुई है। चिलचिलाती धूप और गर्मी से राहत पाने के लिए जहां लोग भी बेसब्री से बरसात इंतजार कर रहे थे, तो वही अब बारिश में भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। तबाही मचा रहा बरसात यह सीजन अक्सर खुशनुमा मौसम लेकर आता है। इस सीजन में लोग खान-पान से लेकर पहनावे तक सभी में बदलाव करते हैं। खास तौर पर बारिश आते ही सबसे पहले लोग घर में छाता खोजने लग जाते हैं। बारिश से बचने के लिए इस्तेमाल होने वाला छाता अक्सर लोगों को तेज धूप से भी बचाता है।
हम सभी ने कभी न कभी छाते का इस्तेमाल किया होगा। ज्यादातर लोग तो आज भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बरसात से बचाने वाला यह छाता आखिर अस्तित्व में कैसे आया। बरसात हो या गर्मी जिस छाते का आप जमकर इस्तेमाल करते हैं, क्या आपने कभी सोचा है कि सबसे पहले किसने, कब और किस लिए इसका इस्तेमाल किया होगा। अगर नहीं, तो आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको छाते की इसी दिलचस्प इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आपने कभी सुना होगा-
कितने साला पुराना है छाते का इतिहास
छाता जिसे छतरी के नाम से भी जाना जाता है, अंग्रेजी में अंब्रेला कहलाता है। अंग्रेजी के शब्द लैटिन भाषा के शब्द अंब्रा से बना है, जिसका अर्थ छाया होता है। मौजूदा समय में बाजार में कई तरह के छाते आसानी से मिल जाते हैं। अगर बात करें इसके इतिहास की तो छाता करीब 4000 साल पुराना है। यह उस दौर का है, जब ऐसा माना जाता था कि यह सिर्फ महिलाओं के इस्तेमाल करने की चीज है। माना जाता है कि मिस्त्र, ग्रीस और चीन जैसे देशों में कई वर्षों पहले से धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बात का सबूत कई प्राचीन कलाकृतियों में भी देखने को मिला है।
महिलाओं के फैशन का हिस्सा बना छाता
कई लोगों का ऐसा भी मानना है कि यूरोप में सबसे पहले यूनानियों ने छाते का इस्तेमाल किया था। लेकिन अगर बात करें बरसात में छाते के इस्तेमाल की, तो सबसे पहले रोम में बारिश से बचने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, मध्य युद्ध के दौरान यूरोप में छात्रों का इस्तेमाल बंद कर दिया गया था। लेकिन 16वीं शताब्दी के अंत में फिर से इटली में इसका चलन शुरू हुआ। उस समय राजा और संभ्रांत लोगों के सम्मान और शासन के प्रतीक के रूप में छाते का इस्तेमाल किया जाता था। 17वीं शताब्दी में फ्रांस में छाते का चलन था, जो 18वीं शताब्दी तक पूरे यूरोप में फैल गया था। हालांकि, इस दौरान छाते को सिर्फ महिलाओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चीज माना जाने लगा, क्योंकि यह उनके फैशन का हिस्सा बन गया था।
आम लोगों तक कैसे में पहुंचा छाता
वहीं, बात करें आम लोगों तक छाते को पहुंचाने की, तो इसका श्रेय जोनस हेनवे नाम के एक अंग्रेजी व्यापारी को जाता है, जो साल 1750 के दौरान 12 महीने अपने साथ छाता रखकर घूमा करते थे। अपनी इस आदत की वजह से लोग जोनस का मजाक भी उड़ाया करते थे, लेकिन फिर बाद में लोगों को धीरे-धीरे छाते का महत्व समझ आने लगा और यह आम लोगों द्वारा भी इस्तेमाल किया जाने लगा। 1850 के दौरान छातों को नया लुक देने की शुरुआत हुई। पहले जहां पुरुषों के लिए सिर्फ काले रंग का छाता बनाया जाता था, तो वहीं उस दौरान महिला और पुरुष दोनों के लिए अलग-अलग रंगों के छाते बनाए जाने लगे।
समय के साथ बदलता गया छाते का स्वरूप
इतना ही नहीं, उस दौरान तो महारानी विक्टोरिया ने छातों में रंगीन रेशमी जालीदार कपड़े भी लगवाए थे। बदलते समय के साथ ही छाते को बनाने के तरीकों में भी बदलाव आने लगा। अब इसे खोलने के लिए इस पर ऑटोमेटिक बटन लग गए हैं। साथ ही सुविधा के अनुसार फोल्ड करने वाले छाते भी बाजार में मिलने लगे। इसके अलावा पहले की तुलना में मौजूदा समय में मिलने वाले छाते काफी हल्के होते हैं, जिसे लोग आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। वर्तमान में छाता गर्मी और बरसात में कई लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
Picture Courtesy: Freepik
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