International Day Against Drug Abuse 2022: आज है अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस, जानें- इतिहास और महत्व
International Day Against Drug Abuse 2022 वर्तमान समय में बड़ी संख्या में बड़े और बच्चे नशा करते हैं। आसान शब्दों में कहें तो बच्चों में नशा की लत बढ़ी है। इसके लिए बच्चे सभी प्रकार की नशा का सहारा ले रहे हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। International Day Against Drug Abuse 2022: आज अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस है। यह हर साल 26 जून को दुनियाभर में एकसाथ मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को नशा और इससे होने वाले कुप्रभाव के प्रति जागरूक करना है। इसे सबसे पहली बार 1989 में मनाया गया था। वहीं, 7 सितंबर, 1987 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था। इस प्रस्ताव में नशीली दवाओं के गैरकानूनी इस्तेमाल और अवैध तस्करी को रोकने के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की बात थी। इस साल की थीम "स्वास्थ्य और मानवीय संकटों में मादक द्रव्य चुनौतियों का समाधान" (Addressing drug challenges in health and humanitarian crises)है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस का इतिहास
वर्तमान समय में बड़ी संख्या में बड़े और बच्चे नशा करते हैं। आसान शब्दों में कहें तो बच्चों में नशा की लत बढ़ी है। इसके लिए बच्चे सभी प्रकार की नशा का सहारा ले रहे हैं। अज्ञानता के अभाव के चलते उस दलदल में फंसते जा रहे हैं। इससे उनकी सेहत और करियर पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। खपत अधिक होने से अवैध तस्करी भी जमकर हो रही है। इस मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र ने 7 सिंतबर, 1987 को समाज को नशा मुक्त करने हेतु एक प्रस्ताव पेश किया थी। इस प्रस्ताव में 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की बात की गई थी, जिसे सभी देशों की सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इसके बाद 26 जून, 1989 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया गया। उस समय से यह हर साल 26 जून को मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस का महत्व
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चे को नशा से बचाना है और तस्करी पर प्रतिबंध लगाना है। इससे बच्चों का भविष्य स्वर्णिम रहेगा। इस दिन दुनियाभर में नशा के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इसमें लोगों को नशा से होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाता है। भारत में भी नशा और अवैध तस्करी को रोकने के लिए सख्त कानून हैं। हालांकि, लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। बिना सहयोग से यह संभव नहीं है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर आसपास के ऐसे लोग, जो नशा और अवैध कार्य में लिप्त हैं। उन्हें सत्य की राह पर लाने की पहल करनी चाहिए।
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