Swami Vivekananda Jayanti: स्वामी विवेकानंद जयंती पर जानें उनकी प्रेरणादायक बातें
Swami Vivekananda Jayanti स्वामी विवेकानंद वे व्यक्ति हैं जिन्होंने वेदांत दर्शन का प्रसार पूरी दुनिया में किया। उन्होंने समाज के सेवा कार्य के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। तो आइए इस खास मौके पर उनके कहीं बातों के ज़रिए राष्ट्रीय युवा दिवस की बधाइयां देते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Swami Vivekananda Jayanti: हर साल स्वामी विवेकानंद के सम्मान में 12 जनवरी का दिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था। जन्म के बाद उनके माता-पिता ने उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त रखा था। "स्वामी विवेकानंद" नाम उन्हें उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने दिया था।
स्वामी विवेकानंद वे व्यक्ति हैं, जिन्होंने वेदांत दर्शन का प्रसार पूरी दुनिया में किया। उन्होंने समाज के सेवा कार्य के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। तो आइए इस खास मौके पर उनके कहीं बातों के ज़रिए राष्ट्रीय युवा दिवस की बधाइयां देते हैं।
"चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो।"
"जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।"
एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।
"जब तक जीना, तब तक सीखना" – अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं।
दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
खुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
एक नायक बनो, और सदैव कहो – “मुझे कोई डर नहीं है”।
जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
पूरे विश्व में अपनी तेजस्वी वाणी के ज़रिए भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का डंका बजाने वाले स्वामी विवेकानंद ने केवल वैज्ञानिक सोच तथा तर्क पर बल ही नहीं दिया, बल्कि धर्म को लोगों की सेवा और सामाजिक परिवर्तन से जोड़ दिया। पिता की मृत्यु के बाद अत्यंत गरीबी की मार ने उनके चित्त को कभी डिगने नहीं दिया। संगीत, साहित्य और दर्शन में विवेकानंद को विशेष रुचि थी। तैराकी, घुड़सवारी और कुश्ती उनका शौक था।
मानवता की दिव्यता के उपदेश का स्वाभाविक फल था निर्भयता और व्यावहारिक अंग्रेज जाति ने स्वामीजी के जीवन की कई घटनाओं में इस निर्भयता का प्रत्यक्ष उदाहरण देखा था।