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    Subhash Chandra Bose Jayanti 2023: आज भी जोश और ऊर्जा से भर देते हैं नेताजी के ये अनमोल विचार

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Mon, 23 Jan 2023 11:18 AM (IST)

    वीर सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती है। इस खास मौके पर हर कोई उन्हें याद कर रहा है। नेताजी से अपने विचारों से हमेशा ही दूसरों को प्रेरणा दी है। उनकी जयंती पर आज जानते हैं उनकी कुछ अनमोल विचार-

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    सुभाष चंद्र बोस के 10 अनमोल विचार

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Subhash Chandra Bose Jayanti 2023: देश के महान और वीर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती है। 23 जनवरी को जन्मे नेताजी ने भारत की आजादी में अपना अहम योगदान दिया था। अपने इसी योगदान के लिए यह आज भी पूरे देश में याद किए जाते हैं। साल 1897 में आज ही के दिन उड़ीसा के कटक में एक बंगाली परिवार में नेताजी का जन्म हुआ था। बचपन से ही तेज बुद्धि के धनी नेताजी ने न सिर्फ क्रैंब्रिज यूनिवर्सिटी से सिविल परीक्षा पास की थी, बल्कि वह इंग्लैंड में प्रशासनिक सेवा की प्रतिष्ठित नौकरी भी कर रहे थे। लेकिन इस दौरान भारत में अंग्रेजों द्वारा हो रहे अत्याचारों से दुखी होकर वह अपनी नौकरी छोड़कर देश की आजादी की मुहिम में लग गए थे। अपने एक नारे ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ से लोगों में जोश भरने वाले नेताजी के ऐसे कई विचार हैं, तो आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। तो चलिए जानते हैं उनके ऐसे ही कुछ अनमोल विचारों के बारे में-

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    1. याद रखिये सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है।
    2. इतिहास में कभी भी विचार -विमर्श से कोई ठोस परिवर्तन नहीं हासिल किया गया है।
    3. जिस व्यक्ति के अंदर 'सनक' नहीं होती वो कभी महान नहीं बन सकता। लेकिन उसके अंदर, इसके आलावा भी कुछ और होना चाहिए।
    4. ‘सफलता का दिन दूर हो सकता हैं, लेकिन उसका आना अनिवार्य ही है।
    5. सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है।
    6. ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आजादी मिले, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए।
    7. राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्श सत्य, शिव और सुन्दर से प्रेरित है।
    8. मुझे ये देखकर बहुत दुःख होता है कि मनुष्य –जीवन पाकर भी उसका अर्थ समझ नहीं पाया है। यदि आप अपनी मंजिल पर ही पंहुच नहीं पाए, तो हमारें इस जीवन का क्या मतलब।
    9. सफलता, हमेशा असफलता के स्तम्भ पर खड़ी होती है।
    10. मेरा अनुभव है कि हमेशा आशा की कोई न कोई किरण आती है, जो हमें जीवन से दूर भटकने नहीं देती।