Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Republic Day 2023: इस व्यक्ति ने हाथ से लिखा था भारत का संविधान, जानें कहां रखी है कॉन्स्टिट्यूशन की मूल प्रति

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Thu, 26 Jan 2023 09:08 AM (IST)

    देश इस साल अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी के दिन के ही भारत का संविधान जारी किया गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का संविधान किसने लिखा था और उसे कहां रखा गया है।

    Hero Image
    जानें भारत के संविधान से जुड़ी जरूरी बातें

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Republic Day 2023: आज देश 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। यह दिन हम भारतीयों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस राष्ट्रीय पर्व को देश पूरे हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मना रहा है। आज का दिन भारत में लोगों द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से सरकार चुनने की उनकी शक्ति को दर्शाता है। यही वजह है कि इस दिन का अपना अलग महत्व है। यह तो हम सभी जानते हैं कि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू किया गया था। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि जिस संविधान के लागू होने का जश्न हम हर साल मनाते हैं, उसे किसने लिखा था और उसकी मूल प्रति कहां है?

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गणतंत्र दिवस के इतिहास से जुड़े यूं तो कई सारे तथ्य आपने पढ़े और सुने होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि संविधान की मूल प्रति किसने लिखी थी और यह आज कहां मौजूद है? अगर नहीं तो गणतंत्र दिवस के मौके पर हम आपको इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें बताने जा रहे हैं। साथ ही यह भी बताएंगे कि संविधान की पहली कॉपी कहां छापी गई थी।

    Republic Day 2023: हर साल 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व

    हाथ से लिखा गया था संविधान

    बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि भारत का संविधान हाथों से लिखा गया है। दरअसल दिल्ली के रहने वाले प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने भारत के संविधान को इटैलिक स्टाइल में लिखा था। हस्तलिखित इस संविधान पर 24 जनवरी, 1950 को 284 संसद सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। हाथ से लिखी गई इस संविधान की मूल प्रति आज भी हमारे हमारे देश में मौजूद है। यह हस्त लिखित संविधान की मूल प्रति भारत की राजधानी नई दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में सुरक्षित है, जिसे संविधान लागू होने के कई साल बाद भी लोग देख सकते हैं।

    यहां छपी थी संविधान की पहली कॉपी

    भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। लेकिन क्या आपको पता है कि जिस संविधान पर दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश टिका हुआ है, उसकी पहली कॉपी कहां छपी थी। अगर नहीं तो आपको बता दें कि भारतीय संविधान की पहली कॉपी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में छपी थी। उस समय देहरादून के सर्वे ऑफ इंडिया की प्रेस में यह पहली कॉपी छापी गई थी। इस दौरान संविधान की 1000 प्रतियां छापी गई थीं। आज भी शहर के सर्वे ऑफ इंडिया के म्यूजियम में संविधान की यह पहली कॉपी सुरक्षित रखी हुई है।

    ऐसे तैयार हुआ भारत का संविधान

    देश का संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा का गठन किया गया, जिसमें 9 दिसंबर, 1946 से संविधान बनाने का काम शुरू किया। इस सभा में कुल 389 सदस्य थे, हालांकि देश के विभाजन के बाद सदस्यों की संख्या घटकर 299 रह गई। वहीं, इसके अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को चुना गया, जबकि संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर का चुनाव किया गया। देश का संविधान बनाने में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का अहम योगदान रहा है। यही वजह है कि उन्हें संविधान निर्माता के नाम से भी जाना जाता है। 2 साल 11 महीने और 18 दिन में बनकर तैयार हुए भारत के संविधान में 465 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां हैं और यह 22 भागों में विभाजित है। इसमें अब तक 100 से ज्यादा संशोधन हो चुके हैं।