अकेले रहने वाले बुजुर्गों के देखभाल की जिम्मेदारी निभाते वक्त इन बातों का रखें खास ध्यान
अकेले रहने वाले बुजुर्गों की देखभाल आसान नहीं होती। इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को निभाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जानिए यहां..
कभी बच्चों के करियर या पढ़ाई तो कभी किसी और वजह से बहुत से बुजुर्ग घर में अकेले रहते हैं अगर आपके वृद्ध माता-पिता या घर के अन्य बड़े-बुजुर्ग भी आपसे दूर अकेले रह रहे हैं तो उनकी देखभाल की जिम्मेदारी किस तरह निभाएं, जानें यहां...
संवाद न हो कम
भले ही आप कितने भी व्यस्त हों, दिन में एक बार घर के बुजुर्गों से बात जरूर करें। उनकी सुविधा से कोई समय तय कर लें और हर दिन तय समय पर बातचीत करें। बातचीत के क्रम में उनकी तबियत और घर में रोजमर्रा की जरूरी चीज़ों की उपलब्धता के बारे में जानकारी लेना न भूलें।
सुविधाजनक हो घर
घर को उनकी जरूरतों के मुताबिक मॉडिफाई कराएं। जैसे अगर उनके बेडरूम से टॉयलेट अटैच्ड नहीं है तो इसकी व्यवस्था करें। रोज की साफ-सफाई, कपड़ों की धुलाई के अलावा हर हफ्ते घर की डस्टिंग, महीने में एक बार किचन कैबिनेट्स की सफाई, लॉन या बैलकनी के रख-रखाव के लिए किसी को रख लें। समय-समय पर वॉटर प्यूरीफायर और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की सर्विस कराएं। साथ ही टीवी, मोबाइल रिचार्ज कराना और सोसाइटी मेंटिनेंस का बिल भरना न भूलें।
सेहत का रखें ध्यान
किसी अच्छे प्राइवेट हॉस्पिटल में उनके नियमित मेडिकल चेकअप की व्यवस्था कराएं। हो सकता है कि वे अपना चेकअप तो नियमित करवा लेते हों, लेकिन समय पर दवा लेना याद नहीं रहता हो। ऐसी स्थिति में फोन करके उन्हें दवाई खाना याद दिलाएं। बहुत से बुजुर्ग यह भी याद नहीं रख पाते कि डॉक्टर ने कौन सी दवा किस समय खाने के लिए कहा है। ऐसे में उन्हें मेडिसिन ऑर्गनाइजर खरीद कर दें।
सक्रियता भी जरूरी है
अकेलापन इंसान को भावनात्मक रूप से कमजोर बनाता है। इसलिए बुजुर्गों से आसपास चल रहे कम्युनिटी ग्रुप्स जॉइन करने के लिए कहें। साथ ही पड़ोसी और आसपास रहने वाले रिश्तेदारों से भी उनसे मिलते-जुलते रहने का अनुरोध करें।
कुछ जरूरी सुझाव
* उनकी बातें हमेशा ध्यान से सुनें और बातचीत के दौरान कभी भी बीच में टोके नहीं। टोकने पर वे कोई जरूरी बात बताना भूल सकते हैं।
* बर्थडे, मैरिज एनिवर्सरी आदि इवेंट्स पर उन्हें बधाई देना न भूलें। उनकी पसंदीदा चीज़ें भी उन्हें गिफ्ट में दें।
* संभव हो तो उनके लिए कार और भरोसेमंद ड्राइवर की व्यवस्था करें जिससे किसी कार्यक्रम या डॉक्टर के पास जाने में उन्हें दिक्कत न हो।
* खाना बनाने के लिए ट्रेंड कुक रखें जिससे उन्हें ताजा और पौष्टिक खाना मिल सकें।
* कुछ नकद रुपए तो उनके पास रखें ही, उनके बैंक खाते में भी पर्याप्त रकम रखें।
* महीने में एक बार उनका मेडिकल चेकअप जरूर कराएं। साथ ही उनके लिए मेडिक्लेम पॉलिसी की व्यवस्था करें।