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    Non-Indian Fruits: फल जो भारत के न होकर भी कर रहे हैं भारतीयों के दिलों पर राज

    By Ritu ShawEdited By: Ritu Shaw
    Updated: Sun, 14 May 2023 05:50 PM (IST)

    Non-Indian Fruits आज इस लेख में हम कुछ ऐसे ही फलों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो मूल रूप से भारत के न होकर भी भारतीयों के पसंदीदा बन चुके हैं और यहां की मिट्टी ने भी उन्हें भली भांति अपना लिया है।

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    फल जो भारत के न होकर भी कर रहे हैं भारतीयों के दिलों पर राज

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Non-Indian Fruits: भारतीय जड़ी-बूटियों के अलावा यहां के मसाले, सब्जियां और फूल दुनिया भर में खूब मशहूर हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में आज कुछ फल कुछ इस तरह से रच बस गए हैं, जिन्हें देखकर लगता ही नहीं कि ये मूल रूप से भारत के नहीं बल्कि दूसरे देशों के हैं। जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं। आज इस लेख में हम कुछ ऐसे ही फलों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो मूल रूप से भारत के न होकर भी भारतीयों के पसंदीदा बन चुके हैं और यहां की मिट्टी ने भी उन्हें भली भांति अपना लिया है और बड़ी संख्या में भारत में इसका सेवन किया जाता है।

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    1. अनानास

    माना जाता है कि अनानास की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका में हुई थी, खासतौर से उन इन इलाकों में जहां आधुनिक ब्राजील, पैराग्वे और अर्जेंटीना के कुछ हिस्से शामिल हैं। अनानास की खोज क्रिस्टोफर कोलंबस ने मध्य अमेरिका में भी की थी। लेकिन आज हर भारतीय इसे बड़े चाव से इसके रस का सेवन करता है। वहीं कुछ लोगों को इसे फ्रूट चाट में शामिल करना काफी पसंद है।

    इन इलाकों में रहने वाले लोग हजारों सालों से अनानस की खेती कर रहे हैं। अनानास को बाद में कैरिबियाई लोगों द्वारा कैरेबियन द्वीप में लाया गया और वहां से यह फल दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गया। अनानास की खेती ट्रॉपिकल वातावरण में की जाती है, जैसे मध्य और दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया। हालांकि, आज दुनिया भर के कई देशों में इस फल को उगाया जाता है।

    2. अमरूद

    भारतीयों के बीच अमरूद एक लोकप्रिय फल है, जिसकी जड़ें दक्षिण अमेरिका की हैं। जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं। जिस फल को भारतीय अपने घर के आंगन और बागीचे में आराम से उगा लेते हैं, उसे पुर्तगाली व्यापारियों द्वारा एशिया लाया गया था। बल्कि मलेशिया में अमरूद को "जम्बू पोर्टुगिस" कहा जाता है, क्योंकि यह पुर्तगाली मूल का फल है। कई महाद्वीपों से गुजरते हुए इस फल के साथ न केवल स्वाद जुड़ता चला गया, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और वैश्विक व्यापार के कई किस्से भी जुड़ते चले गए

    3. लीची

    गर्मी के मौसम में मुख्य रूप से मिलने वाला फल लीची लगभग भारतीय का पसंदीदा है। लेकिन यह जानकर आपको थोड़ा दुख हो सकता है कि ये फल भी भारत का नहीं है, बल्कि इसकी उत्पत्ति चीन में हुई है। हालांकि, आपको यह जानकर खुशी होगी कि लीची भारतीयों को इतना पसंद है कि आज दुनिया भर में डिब्बाबंद लीचियों का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर भारत है।

    4. शरीफा

    शरीफा हर भारतीय के मन में इस कदर जा बसा कि लोगों ने इसका नाम ही सीता फल रख दिया। अंग्रेजी में इस फल को कस्टर्ड एप्पल कहते हैं और यह एक ट्रॉपिकल फल है। लेकिन यह मूल रूप से भारत का नहीं है। ऐसा माना जाता है कि सीता फल की उत्पत्ति वेस्ट इंडीज में हुई थी, जो बाद में 17वीं शताब्दी में अफ्रीका तक फैल गई।

    ऐसा माना जाता है कि संभवतः इसे पुर्तगाली व्यापारियों द्वारा भारत लाया गया और तब से यह भारतीय के बीच एक लोकप्रिय फल बन गया। अपने अनोखे स्वाद, बनावट और सांस्कृतिक महत्व के कारण भारतीय मूल का न होने के बावजूद उनका पसंदीदा फल बन चुका है।

    5. पपीता

    पपीता, जिसे भारतीय अपने घरों में भी आराम से उगा लेते हैं, वो एक ट्रॉपिकल फल है जिसकी उत्पत्ति मध्य अमेरिका में हुई थी। खासतौर से उस क्षेत्र में जिसमें आधुनिक मेक्सिको, ग्वाटेमाला और होंडुरास के कुछ हिस्से शामिल हैं। हजारों साल पहले यह फल इन क्षेत्रों के माया लोगों का घरेलू फल था, जो उनके आहार और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। यहां से पपीता अमेरिका के अन्य हिस्सों में पहुंचा और फिर यूरोपीयन्स ने इसे दुनिया के दूसरे हिस्सों में पहुंचाया।

    आज भारत में पपीता एक मुख्य फल है, जिसके स्वास्थ्य गुणों के कारण हर भारतीय खाना पसंद करता है।

    6. चीकू

    चीकू, जो आज भारतीयों के बीच एक लोकप्रिय और घरेलू फल है, असल में वो भारतीय नहीं बल्कि मध्य अमेरिका और दक्षिणी मेक्सिको का मूल निवासी है। ऐसा माना जाता है कि यह युकाटन पेनिंसुला में उत्पन्न हुआ था और पूरे क्षेत्र में इसे माया लोगों द्वारा फैलाया गया। बाद में इसे स्पेनिश, यूरोपियन और कैरेबियन कोलोनाइजर्स द्वारा दुनिया के अन्य हिस्सों में फैलाया गया।

    आज इन फलों ने भारतीय मिट्टी और यहां के वातावरण में खुद को इस कदर समाहित कर लिया है कि, यह विश्वास कर पाना मुश्किल होता है कि ये फल भारतीय मूल के नहीं बल्कि विदेशी हैं।