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    5जी एसए और 5जी एनएसए में कौन सा बेहतर! क्या हैं इसके फायदे?

    By Brahmanand MishraEdited By:
    Updated: Wed, 07 Sep 2022 03:43 PM (IST)

    5जी की हाई स्पीड इंटरनेट का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लोगों के दिमाग में सवाल भी उठ रहे हैं। मसलन स्टैंडअलोन 5जी क्या है और यह नान-स्टैंडअलोन 5जी से कितना और क्यों बेहतर हो सकता? इसके क्या फायदे होंगे?

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    5जी नेटवर्क पर बेहतर और ज्यादा तेज रफ्तार कनेक्टिविटी मिल पाएगी।

    संतोष आनंद। 5जी की हाई स्पीड इंटरनेट का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जल्द ही यह सेवा शुरू भी होने वाली है। हालांकि लोगों के दिमाग में कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। मसलन स्टैंडअलोन 5जी क्या है और यह नान-स्टैंडअलोन 5जी से कितना और क्यों बेहतर हो सकता? इसके क्या फायदे होंगे? इस बारे में आइए जानते हैं यहां...

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    जल्द ही 5जी नेटवर्क भारतीय यूजर्स के जीवन का हिस्सा बनने वाला है। जियो की योजना दिसंबर 2023 के अंत तक भारत के हर शहर-गांव में 5जी पहुंचाने की है। हालांकि आने वाले दिनों में भारत में दो तरह के 5जी देखने को मिलेंगे। जियो जहां 5जी एसए (स्टैंडअलोन) से शुरुआत करने जा रहा है, वहीं वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल सहित अन्य निजी दूरसंचार आपरेटर 5जी एनएसए (गैर-स्टैंडअलोन) के साथ देश में 5जी की शुरुआत करने वाले हैं।

    5जी स्टैंडअलोन

    शब्दों से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि 5जी स्टैंडअलोन (एसए) का अर्थ है एक ऐसा नेटवर्क जिसका अपना स्वतंत्र बुनियादी ढांचा है और जो अपने दम पर खड़ा हो सकता है। यह एंड-टु-एंड 5जी नेटवर्क है, जबकि 5जी नान-स्टैंडअलोन (एनएसए ) को कार्य करने के लिए 4जी कोर की आवश्यकता होती है। नेटवर्क सेवा प्रदाता जिनके पास पहले से ही 4जी नेटवर्क है, वे बुनियादी ढांचे पर अधिक खर्च किए बिना जल्दी से 5जी एनएसए में अपग्रेड कर सकते हैं। 5जी एसए के साथ बुनियादी ढांचे से लागत बढ़ जाती है और इसे शुरू करने में भी अधिक समय लगता है।

    दरअसल, स्टैंडअलोन 5जी नेटवर्क के लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर खास तौर पर 5जी सेवाओं के लिए ही बनाया या डिजाइन किया गया है यानी जियो का स्टैंडअलोन 5जी नेटवर्क अलग होगा। स्टैंडअलोन 5जी को इंडस्ट्री और डिजिटलाइजेशन के लिए वरदान कहा गया है। बेहतर 5जी एक्सपीरियंस के लिए अल्ट्रा लो लैटेंसी की जरूरत होती है और यह स्टैंडअलोन 5जी के साथ ही संभव है। माना जा रहा है कि इससे जियो के 5जी नेटवर्क पर बेहतर और ज्यादा तेज रफ्तार कनेक्टिविटी मिल पाएगी। अगर वहीं गैर-स्टैंडअलोन (एनएसए ) 5जी की बात करें, तो इसमें 5जी कनेक्टिविटी के लिए भी मुख्य तौर पर उसी इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग किया जाएगा, जिसके जरिए फिलहाल 4जी कनेक्टिविटी का संचालन हो रहा है यानी 5जी और 4जी दोनों कनेक्शन एक ही इंफ्रास्ट्रक्चर को शेयर करेंगे। माना जा रहा है कि शेयर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से इसमें 5जी नेटवर्क का परफार्मेंस उतना अच्छा नहीं होगा, जितना स्टैंडअलोन 5जी में मिलेगा।

    एसए 5जी के लाभ

    एसए 5जी नेटवर्क पर आपको अल्ट्रा-लो और विश्वसनीय लेटेंसी मिलती है, जो 5एमएस या उससे कम तक जाती है। इससे खासकर क्लाउड गेमिंग, स्ट्रीमिंग आदि काफी आसान हो जाएगी। इसके अलावा, चिकित्सा क्षेत्र में यह रिमोट रोबोटिक सर्जरी की सुविधा प्रदान कर सकता है। एसस 5जी, एनएसए 5जी की तुलना में बेहतर गति प्रदान करता है। यह सैद्धांतिक रूप से 10 से 20 जीबीपीएस की डाउनलोड गति प्राप्त कर सकता है। इसका मतलब है कि यह पांच सेकंड में एक जीबी मूवी डाउनलोड करने में सक्षम हो सकता है। एसए 5जी नेटवर्क बड़े पैमाने पर स्केल कर सकता है और एक बार में दस लाख से अधिक डिवाइस को संभाल सकता है। साथ ही, इस नेटवर्क पर आपको वीओएनआर (वायस ओवर न्यू रेडियो) के साथ बेहतर वायस कालिंग का अनुभव मिलेगा। आइईईई के अनुसार, एस 5जी एनएसए 5जी की तुलना में कम बिजली की खपत करता है।

    एनएसए 5जी के फायदे

    एनएसए 5जी की बात करें, तो इसके भी कुछ फायदे हैं। चूंकि एनएसए 5जी मौजूदा 4जी कोर का उपयोग करता है, इसलिए दूरसंचार आपरेटरों को 5जी नेटवर्क तत्काल शुरू करने में आसानी होगी। हालांकि इसमें आपको वीओएनआर (वायस ओवर न्यू रेडियो) नहीं मिलता है, इसलिए एनएसए 5जी 4जी कोर का उपयोग करके एलटीई पर वायस काल की पेशकश कर सकता है। एनएसए 5जी नेटवर्क पर डाउनलोड की गति 4जी/एलटीई की तुलना में काफी अच्छी है। आप एक जीबीपीएस तक की स्पीड प्राप्त कर सकते हैं, जो काफी प्रभावशाली है। डीएसएस (डायनेमिक स्पेक्ट्रम शेयरिंग) के साथ 4जी और 5जी बैंड बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए एक साथ अपने स्पेक्ट्रम साझा कर सकते हैं।

    तो कौन बेहतर है

    देखा जाए, तो एसए 5जी ही सही 5जी नेटवर्क है। स्टैंडअलोन 5जी नेटवर्क की क्वालिटी और परफार्मेंस नान-स्टैंडअलोन 5जी के मुकाबले बेहतर रहेगी, लेकिन एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां गैर-स्टैंडअलोन 5जी नेटवर्क का उपयोग इसलिए कर रही हैं ताकि 5जी सेवाओं को कम से कम समय में जारी किया जा सके। साथ ही, स्टैंडअलोन 5जी के मुकाबले इसे शुरू करने पर खर्च भी कम होगा। स्टैंडअलोन 5जी तकनीक वर्तमान में आस्ट्रेलिया, सऊदी अरब और दक्षिण अफ्रीका में उपयोग में है यानी स्टैंडअलोन 5जी तकनीक इन देशों में पहले से ही मौजूद है। रिलायंस ने कहा है कि स्टैंडअलोन 5जी बेहतर कवरेज देने में सक्षम है। इस तकनीक की मदद से जियो मशीन टू मशीन कम्युनिकेशन, 5जी वायस, नेटवर्क स्लाइसिंग आदि पर काम कर सकेगी। स्टैंडअलोन 5जी को जियो द्वारा ट्रू 5जी भी कहा जा रहा है। इस तकनीक से मेटावर्स जैसे फीचर्स को आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा।