बैंकिंग व फाइनेंस में करें पीजी डिप्लोमा, बढ़ रहे हैं अवसर
बैंकिंग सेक्टर तेजी के साथ कदम बढ़ा रहा है और इसमें अवसर भी पैदा हो रहे हैं। चूंकि बैंकों व वित्तीय संस्थानों में पैसों का लेन देन होता है ऐसे में पैसों से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने की क्षमता होनी चाहिए। साथ ही विश्लेषणात्मक कौशल होना जरूरी है।

अमित गोयल, डायरेक्टर, टीकेडब्लूएस इंस्टीट्यूट आफ बैंकिंग ऐंड फाइनेंस। हर किसी के लिए बैंक में नौकरी पाना सर्वोपरि होता है इसके बाद लोग अन्य क्षेत्र में भाग्य आजमाते हैं। हर गांव को बैंक से जोड़ने की पहल में बैंकिंग सेक्टर तेजी के साथ कदम बढ़ा रहा है और इसमें अवसर भी उसी तेजी के साथ पैदा हो रहे हैं। ऐसे में अगर आप बैंकिंग एंव फाइनेंस में पीजी डिप्लोइमा करना चाहते हैं तो पहले वित्तीय जानकारी एवं बाजार की परिस्थितियों की अच्छी समझ हो। चूंकि बैंकों व वित्तीय संस्थानों में पैसों का लेन देन होता है ऐसे में पैसों से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने की क्षमता होनी चाहिए। साथ उनमें मजबूत विश्लेषणात्मक कौशल होना जरूरी है।
क्या क्या पढें
पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंव फाइनेंस के तहत मूलभूत बैंकिंग नौकरी संबंधी प्रोफाइल जैसे धन जमा करना, डिमांड ड्राफ्ट बनाना और अन्य बैंकिंग कार्यों को संभालना आदि सिखाया जाता है। विभिन्न बैंकों के बीच में बैंकिंग कार्य, आसान खाता बही, कॉरपोरेट क्रेडिट, परियोजना क्रेडिट वित्तीय क्रेडिट और उपभोक्ता क्रेडिट आदि कार्यों को भी इसके तहत सिखाया जाता है। पाठ्यक्रम के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के तीस और 50 निजी क्षेत्र के बैंक और फाइनेंशियल सेक्टर में काम करने की उम्मीदें बंधती हैं। इनमें ट्रेनिंग के बाद कई तरह के पदों की उम्मीद बंधती हैं जैसे वित्तीय प्रबंधक, बैंक टेलर, बिल और लेखा समाहर्ता। सभी योग्य छात्रों को इन संस्थानों में प्रबंधकीय नौकरी मिलती है।
योग्यता
बैंकिंग और फाइनेंस में पीजी डिप्लोमा करने के लिए छात्र को स्नातक में किसी भी विषय के तहत 50 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण होना चाहिए। कई संस्थान एससी/एसटी और ओबीसी को 5 फीसदी तक की छूट भी प्रदान करते हैं। इसमें भले ही कोई इस मानक को पूरा करने वाला पढ़ाई कर सकता है लेकिन संस्थान छात्रों को सलाह देते हैं कि वही इस तरफ का रूझान करे जिसकी दिलचस्पी फाइनेंस में हो। आजकल इस विशय में दो साल एमबीए करने के बजाए लोग पीजी डिप्लोमा को तरजीह देते हैं क्योंकि एक साल के कोर्स के बाद ही उन्हें बैंकों में अच्छी नौकरी मिल जाती है।
कैसे मिलता है दाखिला
यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां काम समाप्त करने की कोई समय सीमा नहीं है। यहां जरूरत है इस बात कि है कि संबंधित व्यक्ति तुरंत चीजों को समझे आौर उसमें इस बात की योग्यता हो कि वह तर्क को समझने की क्षमता रखता हो। बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में पीजी डिप्लोमा करने के लिए पहले तो एप्टीट्यूड टेस्ट में पास होना जरूरी है और इसमें निजी रूप से साक्षात्कार भी देना होगा। इसमें मूलतः अंग्रेजी, गणितीय योग्यता, लिखित परीक्षा में रीजनिंग आदि की जांच की जाती है। असल में यह जानने की कोशिश की जाती है कि छात्र को मूल ज्ञान है कि नहीं। परीक्षा पूर्ण होने के बाद उन्हें इंटर्नशिप, शिक्षा लोन आदि कोर्स के बारे में बताया जाता है।
करियर और प्लेसमेंट
इस क्षेत्र में करियर के बेशुमार अवसर उपलब्ध हैं। कोर्स के ख़त्म होने के बाद इंटरनेशनल बैंकिंग, फोरेक्स और ट्रेज़री, कॉर्पोरेट लोन्स, फाइनेंसियल रिसर्च से सम्बंधित संस्थानों में नौकरी के विकल्प खुल जाते हैं। कई अंतर्राष्ट्रीय बैंक्स अलग अलग स्किल्स के अभ्यथियों को अच्छी सैलरी में प्लेसमेंट देते हैं। सार्वजनिक बैंक ज्यादातर अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा के आधार पर क्लर्क और प्रोबेशनरी ऑफिसर्स के पदों के लिए वैकेंसी निकालते हैं।
आमदनी का जरिया
बैंकिंग और फाइनेंस एक बेहद आकर्षक क्षेत्र है। इस कोर्स के पूरा होने के बाद न्यूनतम सैलरी के रूप में 25 हज़ार रूपए तक मिलता है। तजुर्बे के साथ साथ सैलरी में इजाफा होता चला जाता है। डिपार्टमेंटल एग्जाम में उत्तीर्ण होकर या फिर अनुभव के आधार पर भी उन्नति होती रहती है तो जाहिर है सैलरी में भी इजाफा होना लाजिमी है।
बैंकिंग में रूचि रखने वाले लोगों के लिए यह कोर्स एक बेहतर विकल्प साबित होगा।
क्या कहते हैं जानकार
टीकेडब्लू एस इंस्टीयटयूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस के डायरेक्टैर अमित गोयल कहते हैं मौजूदा समय में भारत का बैंकिंग, फाइनेंश्यिल और इंश्योरेंस सेक्टर में आने वाले दस वर्षों में 20 लाख लोगों को रोजगार देने जा रहा है। और ऐसा करके भारत का बीएफएसआई सेक्टर वॉल्यूम एंड एम्प्लॉयमेंट में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सेक्टर बन जाएगा। इसलिए वो छात्र जो अभी तक अपना करियर नहीं समझ पाएं हैं, उनके लिए यह सेक्टर बेहतरीन मौका लेकर आया है। बैंकिंग क्षेत्र में बहुत योग्य पेशेवर छात्रों की जरूतर होती है। ऐसे लोगों की जो व्यावहारिक रूप से परिस्थितियों को संभाल सकें और त्वरित निर्णय लेने वाला हो और उसमें चीजों को बारीकी से समझने की सोचने की और उस पर सही तर्क रखने की क्षमता हो। इन गुणों के अलावा बैंकिंग क्षेत्र में काम करने के लिए समस्याओं का निपटारा करने की विशेष योग्यता होनी चाहिए।
प्रमुख संस्थान
- इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
www.ignou.ac.nic
- इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
www.ipu.ac.in
- टीकेडब्लूएस इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस, नई दिल्ली
www.tkwsibf.edu.in
- मणिपाल यूनिवर्सिटी, कर्नाटक
www.manipal.edu
- सिम्बोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, मुंबई, महाराष्ट्रे
www.siu.edu.in
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