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    मिसाल-बेमिसाल : प्रेरक है हर्ष का हौसला

    By Brahmanand MishraEdited By:
    Updated: Fri, 18 Nov 2022 04:20 PM (IST)

    ग्यारहवीं कक्षा के छात्र हर्ष राजपूत का चयन अभी हाल ही में बाल विज्ञान कांग्रेस में हुआ है। अभाव में रहकर भी नवाचार का जुनून आगे बढ़ने के लिए उन्हें प्रेरित करता रहता है। पिता ने कभी नहीं सोचा था कि हर्ष एस्‍ट्रेरायड यानी क्षुद्र ग्रह की खोज करेगा...

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    पिता ने कभी नहीं सोचा था कि हर्ष एस्‍ट्रेरायड यानी क्षुद्र ग्रह की खोज करेगा।

    ग्यारहवीं कक्षा के छात्र हर्ष राजपूत का चयन अभी हाल ही में बाल विज्ञान कांग्रेस में हुआ है। अभाव में रहकर भी नवाचार का जुनून आगे बढ़ने के लिए उन्हें लगातार प्रेरित करता रहता है...

    पटना स्थित किलकारी बिहार बाल भवन में पढ़ने वाले हर्ष राजपूत के पिता शंभू सिंह ई-रिक्‍शा चलाते हैं। हर्ष की पढ़ाई-लिखाई के लिए जो उपयुक्‍त साधन चाहिए, उसे पूरा करने के लिए कठिन मेहनत करते हैं। इसमें उन्‍हें अपार खुशी इसलिए होती है क्‍योंकि उनका इकलौता बेटा हर्ष अपनी प्रतिभा से रोज उन्‍हें चौंकाता है। पिता ने कभी नहीं सोचा था कि हर्ष इंटरनेशनल एस्‍ट्रोनामिकल सर्च कोलेबोरेशन के तहत एस्‍ट्रेरायड यानी क्षुद्र ग्रह की खोज करेगा और नासा उसके नाम पर ग्रह का नाम रखेगी। जब यह शोध पूरा होगा तो नासा द्वारा सम्‍मानित भी किया जाएगा हर्ष। गौरतलब है कि इंटरनेशनल एस्‍ट्रोनामिकल सर्च कोलेबोरेशन नासा का सिटीजन साइंस प्रोग्राम है। इसमें विज्ञान में रुचि रखने वाले दुनिया भर के छात्र भाग लेते हैं। बिहार बाल विज्ञान कांग्रेस में हर्ष के पेस्‍टीसाइड कंट्रोल डिवाइस प्रोजेक्‍ट को शामिल किया गया। इस यंत्र की मदद से फल और सब्जी में रसायन की जांच की जा सकती है। हर्ष कहते हैं, ' मैं आगे भी इस प्रोजेक्‍ट पर काम करना चाहता हूं। यह एक बड़ा प्रोजेक्‍ट है जो आज की जीवनशैली में लोगों को रसायन से बचने में मदद कर उनकी सेहत के लिए वरदान बन सकता है।' हर्ष ने इससे पहले कोरोना के समय में एक एंटी सफोकेशन मास्‍क तैयार किया था। यह एक ऐसा मास्‍क है जिससे सांस लेने में तकलीफ नहीं होती। यह वायुजनित हानिकारक प्रदूषक तत्वों से सुरक्षित रखते हुए पर्याप्त स्‍वच्‍छ हवा प्रदान करता है। हर्ष खुद को हरदम फिट रखता है न केवल तन से बल्कि मन से भी। वह घर से बाहर साइकिल से आना जाना करता है और जब उदास होता है तो अपने साइंस टीचर की मदद लेकर अपना सारा तनाव भूलकर दोबारा जुट जाता है अपने मिशन में। वह बड़ा होकर इंजीनियर बनना चाहता है जो देश और समाज की उन्‍नति में काम आए।

    बातचीत : सीमा

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