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    राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: भारत कोकिला सरोजनी नायडू के बारे में ये पांच बातें नहीं जानते होंगे

    By Molly SethEdited By:
    Updated: Tue, 13 Feb 2018 12:53 PM (IST)

    आज देश की प्रथम महिला राज्‍यपाल सरोजनी नायडू का जन्‍मदिन है। इस दिन को राष्‍ट्रीय महिला दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। ...और पढ़ें

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    राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: भारत कोकिला सरोजनी नायडू के बारे में ये पांच बातें नहीं जानते होंगे

    उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यपाल बन कर कैद हो गई

    उत्‍तर प्रदेश की प्रथम राज्‍यपाल सरोजनी नायडू देश की पहली महिला राज्‍यपाल भी थीं। हालांकि अपने इस पद को वो एक तरह की कैद समझती थीं। उन्‍होंने इस पद को ग्रहण करने के बाद कहा था कि 'मैं अपने को 'क़ैद कर दिये गये जंगल के पक्षी' की तरह अनुभव कर रही हूं।' 
     
    एनी बेसेंट और बापू का प्रभाव 
    सरोजनी नायडू की भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस की अध्‍यक्ष रही श्रीमती एनी बेसेन्ट से गहरी मित्रता थी और वे बापू यानि गांधीजी की भी प्रिय शिष्या थीं। इन दोनों सवे प्रभावित होकर ही उन्‍होंने अपना सारा जीवन देश के लिए अर्पण कर दिया था।
     
    जवाहर लाल नेहरू की मित्र 
    सरोजनी नायडू उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यपाल बनी ही इस लिए थीं क्‍योंकि वे वे अपने साथी और प्रिय मित्र तत्‍कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की इच्छा को टाल न सकीं जिनके प्रति उनके मन में गहन प्रेम व स्नेह था। 
    बाल्‍यकाल से लेखन 
    नायडू एक बेहतरीन कवियत्री थीं उन्‍होंने महज 13 साल की उम्र में लेडी ऑफ दी लेक नामक कविता लिखी थी। गोल्डन थ्रैशोल्ड उनका पहला कविता संग्रह था। उनके दूसरे तथा तीसरे कविता संग्रह बर्ड ऑफ टाइम तथा ब्रोकन विंग ने उन्हें एक सुप्रसिद्ध कवयित्री बना दिया था।
     
    कई भाषाओं की जानकार 
    सरोजनी नायडू बहुभाषाविद थी और क्षेत्रानुसार अपना भाषण अंग्रेजी, हिंदी, बंगला या गुजराती में देती थीं। लंदन की एक सभा में अंग्रेजी में बोलकर इन्होंने वहां उपस्थित सभी लोगों को अपनी भाषा और बोलने की शैली से मंत्रमुग्ध कर दिया था।
     

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