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    National Science Day 2020: देश ही नहीं, विदेश में भी अपनी काबिलियत का परचम लहरा रही हैं ये 3 महिलाएं

    By Priyanka SinghEdited By:
    Updated: Fri, 28 Feb 2020 12:46 PM (IST)

    हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इस बार इसका थीम Women in Science‘ है। तो जानेंगे देश की उन महिलाओं के बारे में जिनका विज्ञान में काम है बेहद सराहनीय।

    National Science Day 2020: देश ही नहीं, विदेश में भी अपनी काबिलियत का परचम लहरा रही हैं ये 3 महिलाएं

    देश में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर विज्ञान के क्षेत्र में योगदान देने वाले वैज्ञानिकों को राष्ट्रपति सम्मानित करते हैं। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2020 के लिए थीम 'Women in Science‘ है। जिसका उद्देश्य विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है। हमारे देश की ऐसी कई महिला वैज्ञानिक हैं जिन्होंने भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के कई संस्थानों में अपना अमूल्य योगदान देकर देश का मान बढ़ाया है। आइए जानते हैं उन तीन महिलाएं और उनकी भूमिकाओं के बारे में....

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    विज्ञान के क्षेत्र में इन तीन महिलाओं में लहराया देश-विदेश में अपना परचम

    1. डा. गगनदीप कांग: डॉ. गगनदीप कांग रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन व अमेरिकन एकेडमी ऑफ माइक्रोबायोलॉजी की फेलो बनने वाली पहली भारतीय महिला हैं। वह ट्रांसलेशन हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट की कार्यकारी निदेशक हैं। डॉ. कांग देश में डायरिया रोकने के लिए रोटावायरस वैक्सीन विकसित करने के लिए जानी जाती हैं।

    2. डा. अदिति पंत: डॉ. अदिति पंत का नाम समुद्री विज्ञान के क्षेत्र में जानी-मानी हस्ती के तौर पर दर्ज है। वहीं देश के तीसरे अंटार्कटिका अभियान में शामिल होकर वर्ष 1983 में अंटार्कटिका पहुंची थीं। उनका मिशन दक्षिण गंगोत्री की स्थापना था, जो अंटार्कटिका में भारत का पहला स्टेशन है।

    3. डा. रंजना अग्रवाल: सीएसआईआर राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विकास अध्ययन संस्थान, नई दिल्ली की डायरेक्टर डा. रंजना अग्रवाल ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से इरिथ्रोमाइसिन बायोसिन्थेसिस पर दो साल तक शोध किया है। उन्हें कैंब्रिज में कॉमनवेल्थ फेलो, ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन, आयरलैंड व यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रिस्टे इटली में कार्य करने का श्रेय प्राप्त है। उन्हें कैंसर के उपचार का नया तरीका विकसित करने के लिए हरियाणा सरकार ने शोध अनुदान भी प्रदान किया है।