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    National Broadcasting Day: समय के साथ लगातार बदल रही दुनिया आवाज की

    रेडियो की सहज सुलभ और उपलब्धता ने ही इसे मनोरंजन के साधनों में नौ दशक बाद भी जीवित रखा है। हाल-फिलहाल जो बदलाव हुए हैं उनमें से एक है रेडियो का डिजिटल प्रसारण।

    By Priyanka SinghEdited By: Updated: Thu, 23 Jul 2020 07:07 AM (IST)
    National Broadcasting Day: समय के साथ लगातार बदल रही दुनिया आवाज की

    इन दिनों में जब ज्यादातर लोगों के हाथों में दिन के अधिकांश वक्त मोबाइल रहा तब ऑल इंडिया रेडियो ने डिजिटल टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया के सहारे एक बार फिर इस माध्यम में नई ऊर्जा का संचार कर दिया।

    ऐसे हुई आकाशवाणी की शुरूआत

    भारतीय रेडियो प्रसारण की पहली संगठित शुरुआत 23 जुलाई 1927 को इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी के बंबई (अब मुंबई) केंद्र से हुई थी। वर्ष 1930 में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने इस माध्यम के महत्व को समझते हुए इसे अपने नियंत्रण में लेकर इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सíवस का नाम दिया जो 1936 से ऑल इंडिया रेडियो के नाम से पहचाना जाने लगा। स्वतंत्रता के बाद, सूचना प्रसारण मंत्रालय ने इस एकमात्र सार्वजनिक सरकारी प्रसारण माध्यम का नामकरण आकाशवाणी कर दिया।

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    संचार का प्रभावी माध्यम

    बीते नौ दशक में रेडियो ने महानगरों के ड्रॉइंग रूम से गांव की चौपालों और किसानों के खेतों तक का सफर तय किया। पिछले ढाई दशक में मनोरंजन और ज्ञानार्जन के संसाधनों के विस्फोटक विस्तार के बावजूद आज भी रेडियो देश की लगभग 99 प्रतिशत जनता तक सीधी पहुंच के चलते प्राथमिक संचार का सबसे प्रभावी माध्यम है इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने मन की बात देश की जनता से साझा करने के लिए तमाम दूसरे माध्यम छोड़कर इसका चयन किया गया।

    सामने आया नया रंग-रूप

    लॉकडाउन के दौरान ऑल इंडिया रेडियो की सर्वाधिक लोकप्रिय प्रसारण सेवा विविध भारती ने अपने सभी कार्यक्रमों को एक नया रंग-रूप दिया और सोशल मीडिया के जरिए इनके बृहद प्रचार-प्रसार ने लोगों को विविध भारती सेवा के उन शानदार कार्यक्रमों का मुरीद बना दिया, जिन्हें विविध भारती सेवा ने पिछले छह दशक में अपने खजाने में संजोया था। ऑल इंडिया रेडियो के तमाम प्राथमिक केंद्र अपने फेसबुक पेज के माध्यम से केंद्र से प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की न केवल सूचना दे रहे हैं बल्कि कई बार उनका लाइव प्रसारण भी कर रहे हैं। वे कार्यक्रम पूरा होने के बाद उसे अपने यूट्यूब चैनल पर भी डाल रहे हैं। वर्तमान में इंटरनेट की उपलब्धता से ऑल इंडिया रेडियो की न्यूज ऑन एयर और ऑल इंडिया रेडियो लाइव एप्लीकेशन के जरिए रेडियो श्रोता कभी भी-कहीं भी आकाशवाणी की राष्ट्रीय प्रसारण सेवा, विविध भारती सेवा, उर्दू सेवा, अंतरराष्ट्रीय सेवा और शास्त्रीय संगीत चैनल रागम के कार्यक्रम सुन सकते हैं।

    दिनेश पाठक