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    Laxmi puja 2019: आज चंद्रमा बरसाएगा अमृत, जानिए क्या है इसका महत्व...

    By Rajat SinghEdited By:
    Updated: Sun, 13 Oct 2019 11:43 AM (IST)

    Laxmi puja 2019 शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जी की पूजा होती है। इस दिन को कोजागर पूर्णिमा भी कहते हैं। आइए जानते हैं इसका महत्व...

    Laxmi puja 2019: आज चंद्रमा बरसाएगा अमृत, जानिए क्या है इसका महत्व...

    नई दिल्ली, जेएनएन। Laxmi puja 2019: विजयादशमी के बाद जब मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन होता है, उसके बाद से पूर्वी भारत में लक्ष्मी पूजा की तैयारी शुरू हो जाती है। इस शरद पूर्णिमा को कोजागर पूर्णिमा (Kojagari) या कोजागर लक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस बार यह पूर्णिमा 13 साल बाद रविवार के दिन पड़ी है। हिन्दू मान्यताओं के आधार पर इस दिन धन की देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसे शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

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    पश्चिम बंगाल, उड़िसा और असम में विजायदशमी के बाद या 10 हाथों वाली मां दुर्गा के विसर्जन के बाद पड़ने वाले पूर्णिमा के दिन यह लक्ष्मी पूजा मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन आसमान में लक्ष्मी जी रात भर विचरण करती हैं। इस दिन पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है। इसके अलावा घर-परिवार में धन की वर्षा होती है। इस दिन भारत के कुछ हिस्सो में वाल्मिकी जयंती भी बड़े धूम-धाम से मनायी जाती है।

    अश्विन मास के पूर्णिमा तिथि को के दिन यह कोजागर पूर्णिमा मनाई जाती है। पश्चिम बंगाल में इसे लक्ष्मी पूजा के नाम से जाता है। वहीं, बंगाल के अलावा अन्य भारत में इसे शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसके ठीक पंद्रह दिन बाद अश्विन मास की अमावश्या के दिन दीपावली मनाई जाती है। इस दिन भी मां लक्ष्मी की ही पूजा की जाती है।

    कोजागर पूर्णिमा के दिन लोग मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है। पूरे दिन चलने वाला व्रत रात को समाप्त होता है। ऐसे में जब मान्यता है कि रात को लक्ष्मी जी देखती हैं कि कौन जगा है। इसलिए इसे 'को जाग्रति' कहते हैं। यह संस्कृति का शब्द है, जिसका अर्थ है कौन जाग रहा है। मान्यता है कि रात को विचरण करते हुए मा लक्ष्मी इस शब्द का उच्चारण करती हैं।

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