History of Ice Cream: कई वर्षों का लंबा सफर तय कर भारत पहुंची थी आइसक्रीम, जानें क्या है इसका दिलचस्प इतिहास
Summary गर्मियां आते ही लोगों के बीच आइसक्रीम का चलन तेजी से बढ़ जाता है। बच्चों से लेकर बूढ़े तक इसे खाना बेहद पसंद करते हैं। लोग हर मौके पर इसकी मिठास का मजा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं किन आखिर आपकी पसंदीदा आइसक्रीम की शुरुआत कैसे हुई? अगर नहीं तो चलिए आज हम दोनों जानक कर रहेंगे।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। History of Ice Cream: चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी से बचने के लिए इस मौसम में लोग अक्सर आइसक्रीम खाना पसंद करते हैं। बच्चे हों या फिर बड़े अलग-अलग फ्लेवर और विभिन्न तरह की आइसक्रीम को हर कोई बड़े शौक से खाता है। इतना ही नहीं आजकल तो हल्की सर्दी हो और बारिश में भी इसका क्रेज बढ़ता जा रहा है। शादी-पार्टी हो या फिर घर में कोई फंक्शन आइसक्रीम के बिना मानो दावत अधूरी सी लगती है। ठंडी-ठंडी यह आइसक्रीम कई तरह के फ्लेवर्स में मिलती है, जिसे लोग अपनी पसंद के मुताबिक खाते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस आइसक्रीम को आप गर्मियों में मजे के साथ खाते हैं, उसकी शुरुआत कैसे हुई। क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे पहले आइसक्रीम कहां बनाई गई। अगर नहीं तो आज इस आर्टिकल में हम आपको आइसक्रीम के बेहद पुराने और दिलचस्प इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं।
भारत पहुंचने में लगे 4500 साल
आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस आइसक्रीम को आप बड़े मजे के साथ खाना पसंद करते हैं, उसका इतिहास 100-200 नहीं, बल्कि कई साल पुराना है। इतना ही नहीं इसे भारत तक पहुंचने में लगभग 4500 साल का लंबा सफर तय करना पड़ा था। शुरुआती दौर में इसे कुल्फी के नाम से जाना जाता था। फारसी शब्द होने की वजह से यह माना जाता है कि कुल्फी पहली बार ईरान में बनाई गई थी। वैसे इसे आमतौर पर दूध से बनाया जाता है। लेकिन अगर बात आइसक्रीम की, तो इसे फलों के जूस में बर्फ को मिलाकर बनाया जाता था।
सबसे पहले ऐसे बनी थी आइसक्रीम
दरअसल, ईरान के लोगों में 600 ईसा पूर्व में फलों के जूस में बर्फ मिलाकर आइसक्रीम बनाना सीखा था। बाद में स्वाद और ठंडक से भरी आइसक्रीम ग्रीस और अरब से होते हुए पश्चिमी देशों तक पहुंची थी। आइसक्रीम के इतिहास को लेकर कई तरह की धारणाएं मशहूर हैं। कुछ लोगों का मानना है कि आइसक्रीम का आविष्कार 3000 ईसा पूर्व यानी करीब 5000 साल पहले चीन में हुआ था। वहीं, कुछ लोगों का ऐसा कहना है कि इटली के व्यापारी मार्कोपोलो ने पहली बार आइसक्रीम बनाई थी।
चावल और दूध से बनती थी आइसक्रीम
कहा तो यह भी जाता है कि फारसियों ने 400 ईसा पूर्व में कई फ्लेवर की आइसक्रीम बनाना शुरू की थी। धारणा यह भी है कि 200 ईसापूर्व के करीब चीन में चावल और दूध के इस्तेमाल से आइसक्रीम बनाई जाती थी, जो कुछ-कुछ भारत में पाई जाने वाली ठंडी खीर की तरह होती थी। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि 1254 से 1324 के बीच जब मार्कोपोलो ने चीन की यात्रा की थी, तो उन्होंने इस दौरान यहां आइसक्रीम बनाना सीखा था। इसके बाद में मार्कोपोलो इसे इटली लेकर गए, जिसके बाद यह फ्रांस पहुंची और यहां से आइसक्रीम ने अमेरिका तक का सफर तय किया था। 17वी शताब्दी में इंग्लैंड पहुंचने वाली आइसक्रीम मुगल बादशाहों के साथ दक्षिण एशिया पहुंची थी।
आइसक्रीम कैसे भारत पहुंची
इतना ही नहीं करीब 350 वर्ष ईसा पूर्व सिकंदर भी आइसक्रीम के दीवाने थे। उन्हें शहद और फूलों की आइसक्रीम बेहद पसंद थी है। इसके अलावा फ्रांस के शासक नीरो भी फूलों के रस से बनी आइसक्रीम खाते थे। बात करें आइसक्रीम के भारत पहुंचने की, तो यह मुगल बादशाहों के साथ हिंदुस्तान पहुंच थी। कई दस्तावेजों में यह बताया गया है कि बादशाह अकबर के लिए आइसक्रीम जैसा व्यंजन बनाया गया था, जिसकी रेसिपी आइना-ए-अकबरी और अकबरनामा में भी मिलती है। शाही परिवारों और अमीर लोगों तक सीमित आइसक्रीम धीरे-धीरे आम लोगों के बीच भी मशहूर होने लगी और देखते ही देखते आम से लेकर खास हर कोई इसका स्वाद लेने लगा।
Picture Courtesy: Freepik
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