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    एक मुलाकात 'सिया के राम' की सीता मदिराक्षी मुंडले से

    By Srishti VermaEdited By:
    Updated: Fri, 16 Jun 2017 06:20 PM (IST)

    सीता की भूमिका में मदिराक्षी मुंडले शांत और संयत नजर आई थीं। वहीं मुन्नी में उनका नया अंदाज दिखेगा। शो और अन्य पहलुओं पर मदिराक्षी से हुई मुलाकात के अंश..

    एक मुलाकात 'सिया के राम' की सीता मदिराक्षी मुंडले से

    ऐतिहासिक शो ‘सिया के राम’ में सीता बनीं मदिराक्षी मुंडले अब नए अवतार में दिखेंगी। वह सोमवार से सोनी पर प्रसारित होने वाले ‘जाट की जुगनी- एक विस्फोटक प्रेम कहानी’ में मुन्नी की भूमिका में दिखेंगी। 

    सीता बनने के बाद जिंदगी में क्या बदलाव आए?
    ‘सिया के राम’ ने मेरी पहचान स्थापित की है। सीता के प्रति लोगों में बेहद आस्था है। बहुत से प्रशंसक मेरे पांव छूने आते थे। कई लोग अभी भी सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देने का आग्रह करते हैं। शो के दौरान कई लोग वैनिटी वैन की सीढ़ियां छूकर निकल जाते थे। मैं खुद भी वैनिटी वैन में चढ़ने से पहले सीढ़ियों को छूकर आशीर्वाद लेती थी और मन ही मन कहती थी कि मां आज आपके किस पल को जीने का अवसर मिलेगा। हाल की बात है एयरपोर्ट पर एक महिला मिलीं। उन्होंने मुझे गले लगा लिया और रोने लगीं। इस पर मेरी मां ने कहा कि शो से तुमने दर्शकों का प्रेम कमाया है। यह उसी का प्रतिफल है।

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    ‘जाट की जुगनी’ को हां कहने की क्या वजह रही?
    सिया के राम के बाद मुझे कई पौराणिक और ऐतिहासिक ऑफर हुए थे। मैं उस किस्म के शो करने की इच्छुक नहीं थी। मैं हमेशा से लव स्टोरी करने की इच्छुक थी। जिसमें ढेर सारी मस्ती और धमाल हो। संयोग से मेरी मुराद पूरी हुई। मेरे पास निर्माता रश्मि शर्मा का फोन आया। उन्होंने मुलाकात के लिए बुलाया। मैं उनसे मिलने पहुंची। मैंने उनसे स्क्रिप्ट के बारे में पूछा। उन्होंने कहा आप बेफिक्र रहें। कहानी के केंद्र में आपका किरदार है। आप बस हां करें। इस शो को साइन करने वाली मैं पहली कलाकार थी। यह शो प्रेम में अवरोध बनने वाले जाति-पांत और सामाजिक बंधनों पर है। उन बंधनों को तोड़कर वे कैसे प्यार को परवान चढ़ाते हैं। यह देखना रोचक होगा। इसमें कॉमेडी, एक्शन और रोमांस का पूरा तड़का है।

    आप भोपाल से ताल्लुक रखती हैं। ऐसे में जटनी की भूमिका निभाना कितना मुश्किल था?
    मेरा किरदार मुन्नी बहुत मासूम और शर्मीला है। उसका परिवार हरियाणवी है, उसके तीन भाई हैं। वह उनकी छत्र छाया में पली- बढ़ी है। उसकी जिंदगी में उसके भाइयों के अलावा किसी पुरुष ने कदम नहीं रखा है। वह बेपरवाह बिट्टू (विशाल वशिष्ठ) से टकराती है। वहां से कहानी नया मोड़ लेगी। हालांकि मेरे किरदार ने हरियाणवी नहीं बोली है। वह आम हिंदी बोलती दिखेगी। ताकि उसकी भाषा में मिठास कायम रहे। हालांकि किरदार के लिए मुझे बॉडी लैंग्वेज पर काम करना पड़ा। दरअसल, लंबे समय तक चला शो आपके दिलोदिमाग पर छा जाता है। सीता की भूमिका करते समय कई डायलॉग आम बोलचाल में आ जाते थे। उन्हें सुनकर सेट पर मौजूद लोग हंस पड़ते थे। वे कहते थे कि सीता जी को किरदार से बाहर लाओ। मैं हरियाणवी भाषा से वाकिफ हूं। कारण, मैंने पहली नौकरी दिल्ली में की थी। हमने पटियाला में करीब पंद्रह दिन शूटिंग की। वहां पर भी स्थानीय लड़कियों के तौर-तरीकों को करीब से आब्जर्व किया।

    क्या असल जिंदगी में ज्यादा प्रोटेक्शन मिलने को लेकर चिढ़ हुई?
    मेरी मां मुझे लेकर बहुत प्रोटेक्टिव रही हैं। वह मुझे हमेशा साथ रखती थीं। मेरे सारे दोस्तों से वाकिफ थीं। वह किसी एक वीकएंड में सभी को घर बुलाती थीं। सभी रात में हमारे घर में रुकते थे। वह उनके पैरेंट्स से भी बात करती थीं। इसके पीछे उनका मकसद मेरे दोस्तों को करीब से जानना होता था। फिर वह मुझे मेरे दोस्तों के गुण और अवगुण बताती थीं। मुझसे कहतीं कि फलां दोस्त से कम बात किया करो। उसका स्वभाव चिड़चिड़ा है। उसकी संगत का असर तुम पर भी पड़ेगा। उस समय मुझे उनकी यह बात नागवार गुजरती थी। हो सकता है कि उनकी बात तर्कसंगत हो। मुझे उनका इतना प्रोटेक्ट करना खलता था। बहरहाल मैं अपनी मां से दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करती हूं।

    आपने आसपास कोई लव मैरिज देखी है, जो प्रेरणादायक हो?
    मुझे कहीं और देखने की जरूरत नहीं पड़ी। मेरे पापा-मम्मी ने लव मैरिज की है। दोनों की उम्र में करीब दस साल का अंतर रहा है। मां को देखकर मेरे पापा उन्हें अपना दिल दे बैठे थे। 18 साल की उम्र में मां की उनसे शादी हुई थी। वह वकालत की पढ़ाई करने की इच्छुक थीं। शादी के बाद पापा ने उनकी इच्छा पूरी की। उन्हें पढ़ाया और उनके सपने साकार किए। मां ने लॉ की डिग्री ली है, लेकिन वह प्रैक्टिस नहीं करती हैं। वह घरेलू महिला हैं।

    सिया के राम से क्या सीखा?
    सीता का किरदार सभी के लिए प्रेरक है। किरदार को निभाने के दौरान वह मुझमें बस गई थी। मैंने उसे जीवंत करके बहुत कुछ सीखा भी है। सीता बहुत शांतचित्त और धैर्यवान थीं। उन गुणों को मैंने भी आत्मसात किया है। मैंने धैर्य रखना सीखा है। मैं भी जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेती हूं।

    बहुत से कलाकार रियलिटी शो का हिस्सा बनते हैं। आपकी दिलचस्पी?
    मेरी डांस में दिलचस्पी है। मेरे पास नच बलिए का प्रस्ताव भी आया था, लेकिन किन्हीं कारणों से उसे नहीं कर पाई। भविष्य में मौका मिला तो डांस रियलिटी शो करना चाहूंगी।

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