16 अप्रैल 1853 को हुई भी भारतीय रेल सेवा की शुरूआत, जानें इससे जुड़ी कुछ रोचक बातें
16 अप्रैल 1853 को देश की पहली रेल सेवा की शुरूआत हुई थी। आइए जानते हैं इससे जुड़ी खास और रोचक बातें।
आज ही के दिन यानि 16 अप्रैल 1853 में मुंबई के बोरीबंदर से ठाणे तक देश की पहली रेल सेवा शुरू की गई। ट्रेन में 14 डिब्बे थे, जिन्हें तीन इंजन ने खींचा था।
देश में पहली बार यात्री रेल सेवा शुरू हुई
16 अप्रैल 1853 को पहली बार यात्रियों के लिए तत्कालीन गर्वनर लार्ड डलहौजी ने यात्री ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। 1855 में फेयर क्वीन के नाम से कोयला से चलने वाला इंजन बनाया गया। 14 बोगियों में 400 यात्रियों को लेकर 34 किमी की दूरी तय की गई थी।
पहली हेरिटेज और टॉय ट्रेन
इंडिया की पहली हेरिटेज ट्रेन का नाम फेयरी क्वीन था। जिसे सन् 1855 में ब्रिटेन की कंपनी किटसन ने बनाया था। इसमें दुनिया का सबसे पुराना भाप इंजन लगाया गया था। साल 1997 के बाद इस ट्रेन को हेरिटेज ट्रेन के रूप में चलाया जाने लगा। जिसकी सफर का मजा लेने दूर-दूर से लोग आते थे।
वहीं सन् 1881 में पूर्वोत्तर में पहली बार आधिकारिक तौर पर टॉय ट्रेन चली। जो दो फुट चौड़े नैरो गेज पर चलती है और इसकी रफ्तार बहुत ही धीमी होती है। सबसे खास बात कि इस ट्रेन को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिला हुआ है।
ऐसे हुई ट्रेनों में शौचालयों की शुरूआत
पहले ट्रेनों में शौचालय नहीं हुए करते थे। ओखिल चंद्र सेन नामक एक पेसेंजर ने 1909 में पैसेंजर ट्रेन से यात्रा के अपने खराब एक्सपीरिएंस जिसमें वो शौच करने जाते हैं और ट्रेन उन्हें छोड़कर चली जाती है। इसके बारे में उन्होंने रेल डिविजन के ऑफिस को खत लिखकर बताया। जिसके बाद इस बारे में गंभीर रूप से विचार किया गया और ट्रेनों में टॉयलेट की सुविधा शुरू हुई।
दो भारतीयों ने बिछायी थी पहली पटरी
जी हां, पहली रेल की पटरी दो भारतीयों जगन्नाथ सेठ ओर जमशेदजी जीजाभाई ने बिछाई थी और जगन्नाथ सेठ ने मुंबई से ठाणे के बीच चली ट्रेन से 45 मिनट का सफर भी तय किया था।
भारतीय रेलवे का मैस्कॉट
भारतीय रेलवे का मैस्कॉट भोलू नाम का हाथी है। जो भारतीय रेल में बतौर गॉर्ड तैनात है।
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