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    Happy Feast Day 2021: विर्जिन मैरी के जन्म के अवसर पर अपने दोस्तो और रिश्तारों से शेयर करें ये तस्वीरें

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Wed, 08 Sep 2021 10:52 AM (IST)

    Happy Feast Day 2021 इस दिन को मरियम का जन्म (Nativity Of Mary) या विर्जिन मरियम का जन्म भी कहा जाता है। दावतों के आयोजन के अलावा लोग एक दूसरे को बधाई संदेश और तस्वीरें भी भेजते हैं।

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    विर्जिन मैरी के जन्म के अवसर पर अपने दोस्तो और रिश्तारों से शेयर करें ये तस्वीरें

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Happy Feast Day 2021: नेटिविटी ऑफ मैरी यानी मदर मैरी का जन्म, ईसाई समुदाय के सबसे बड़े उत्सवों में से एक है, जिसे 8 सितंबर को मनाया जाता है। यह वर्जिन मैरी के जन्म को चिह्नित करने वाला एक वार्षिक उत्सव है, जिसे धन्य वर्जिन मैरी की जन्म के रूप में जाना जाता है। 

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    मरियम यीशु मसीह की मां का नाम था, जिन्हें कुंवारी माता, ख़ुदावंद की मां या मुक़द्दस कुंआरी मरियम के नाम से भी जाना जाता हैं। उनकी कहानी बाईबल के नया नियम में बताई गई है, जिसके अनुसार वो फ़िलिस्तीन के इलाक़े गलील के शहर नासरत में रहनेवाली एक यहूदी औरत थीं।

    इसे मरियम का जन्म (Nativity Of Mary), मरियमस या विर्जिन मरियम का जन्म भी कहा जाता है। दावतों के आयोजन के अलावा, लोग एक दूसरे को बधाई, संदेश और तस्वीरें भी भेजते हैं। आप भी इस ख़ास मौक़े पर अपने परिवार और दोस्तों को मैसेज भेज इस ख़ास दिन की बधाई दे सकते हैं।

    8 सितंबर को धन्य वर्जिन मैरी की जन्म आमतौर पर दावत का दिन होता है। जिसे कई स्कूल और होमस्कूलिंग परिवार अपने स्कूल वर्ष की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए एक महत्वपूर्ण दावत के रूप में करते हैं। 

    यह लिटर्जिकल वर्ष में मनाए जाने वाले तीन जन्मदिनों में से एक है: 25 दिसंबर को यीशु, 24 जून को सेंट जॉन द बैपटिस्ट, और 8 सितंबर को धन्य वर्जिन मैरी। तीनों व्यक्ति बिना मूल पाप के इस दुनिया में आए।

    इस तारीख पर दावत छठी शताब्दी से पहले से मनाई जाती रही है, जिसकी शुरुआत सीरिया और फिलिस्तीन से हुई, हालांकि यह साफ नहीं है कि यह इसके लिए 8 सितंबर का दिन ही क्यों चुना गया। इस तारीख को रोमन चर्च ने इसे स्वीकार कर लिया और पूरे यूरोप में फैला दिया, यह बारहवीं शताब्दी तक पूरे सार्वभौमिक चर्च में मनाए जाने वाले मैरी के प्रमुख उत्सवों में से एक बन गया। 8 सितंबर 1918 तक दायित्व का पवित्र दिन था।