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Good Friday 2019: क्या है गुड फ्राइडे, क्यों मनाते हैं- वह सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं

Good Friday 2019 Date ईसाइयों के बीच गुड फ्राइडे (Good Friday) का खासा महत्व है।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 07:25 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 07:00 AM (IST)
Good Friday 2019: क्या है गुड फ्राइडे, क्यों मनाते हैं- वह सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं
Good Friday 2019: क्या है गुड फ्राइडे, क्यों मनाते हैं- वह सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं

नई दिल्ली (जेएनएन)। Good Friday 2019 Date ईसाइयों के बीच गुड फ्राइडे (Good Friday) का खासा महत्व है। इस दिन ईसाइयों के गुरु ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। इसके तीन बाद ही वो जिंदा हो उठे थे, जिसके बाद ईस्टर संडे मनाया जाने लगा। हालांकि, 'गुड फ्राइडे' को ईसाई धर्म के लोग 'शोक दिवस' के रूप में मनाते हैं। 2019 में गुड फ्राइडे 19 अप्रैल को मनाया जा रहा है। लोगों के जहन में सबसे बड़ा सवाल इस बात को लेकर रहता है कि जिस दिन यीशू को सूली पर चढ़ाया गया था, उस दिन को 'गुड' कैसे कह सकते हैं।

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दरअसल, ईसाई धर्म में यह मान्‍यता है कि ईसा मसीह ने लोगों की भलाई के लिए अपनी जान दी थी, इसलिए इस दिन को 'गुड' कहकर संबोधित किया जाता है। चूंकि यह दिन शुक्रवार को आता है इसलिए इसे 'गुड फ्राइडे' कहा जाता है। इस दिन को उनकी कुर्बानी दिवस के रूप में मनाते हैं।

गुड फ्राइडे नाम कैसे जुड़ा

ईसाई धर्म के अनुसार ईसा मसीह परमेश्वर के बेटे हैं। उन्‍हें अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए मृत्‍यु दंड की सजा दी गई। कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए पिलातुस ने यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया। उनपर कई तरह से यातनाएं की गईं। लेकिन यीशु उनके लिए प्रार्थना करते रहे कि 'हे ईश्‍वर! इन्‍हें क्षमा करना क्‍योंकि ये नहीं जानते कि ये क्‍या कर रहे हैं।' जिस दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया था उस दिन फ्राइडे यानी कि शुक्रवार था। तब से उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाने लगा। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है।

गुड फ्राइडे और ईस्टर संडे का कनेक्शन

ईसा मसीह को शुक्रवार के दिन क्रॉस पर लटकाए जाने के तीसरे ही दिन रविवार को ईसा मसीह फिर से जीवित हो उठे थे। इस वजह से इसे ईस्‍टर संडे कहा जाता है। गुड फ्राइडे के दिन लोग चर्च जाते हैं और यीशू को याद कर शोक मनाते हैं। बाइबिल में बताया गया है कि प्रभु यीशू को पूरे 6 घंटे तक सूली पर लटकाया गया था। बताया जाता है कि आखिरी के 3 घंटों में चारों ओर अंधेरा छा गया था। ऐसा माना जाता है कि इसी वजह से गुड फ्राइडे के दिन चर्च में दोपहर में करीब 3 बजे प्रार्थना सभाएं होती हैं। मगर किसी भी प्रकार का समारोह नहीं होता है।


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