Gardening in Monsoon: मानसून के दौरान अपने पौधों को खराब होने से बचाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स
Gardening in Monsoon अगर आपको पेड़-पौधे से लगाव है तो जुलाई का महीना आपके लिए बहुत अच्छा है क्योंकि इस दौरान प्लांट्स की अच्छी ग्रोथ होती है। इस मौसम में आप कुछ नए पौधे भी तैयार कर सकते हैं। जानते हैं इस मौसम में प्लांट केयर के जरूरी टिप्स।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क, Gardening in Monsoon: आमतौर पर यह मौसम बागवानी के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, लेकिन बरसात के दिनों में कैक्टस और सकुलेंट प्रजाति के पौधों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि लगातार बारिश में भीगने के बाद इनकी जड़े गल जाती हैं इसलिए मानसून के आते ही इन्हें किसी बैलकनी में रख दें। सकुलेंट को 40 प्रतिशत ह्यूमिडिटी पसंद है। बारिश में इसका स्तर बढ़कर 60 प्रतिशत से भी ज्यादा हो जाता है, ऐसी स्थिति में अपने पौधों को बचाने के लिए उन्हें लो ह्यूमिडिटी एरिया यानी घर के भीतर रखें। वहां उन्हें एसी या पंखे से जरूरत भर हवा मिल जाती है।
कुछ जरूरी बातें
- अगर आपके क्षेत्र में कम बारिश होती है, तो वहां आप अपने पौधों को खुले में छोड़ सकते हैं। बरसात का पानी पोधों के लिए अमृत समान होता है। दो दिनों के बाद धूप निकलने पर गमलों की मिट्टी अपने आप सूख जाती है, जिससे पौधे स्वस्थ बने रहते हैं। पहाड़ी क्षेत्रों या उत्तर-पूर्वी राज्यों में इन दिनों लगातार बारिश होती है, वहां पौधों को खुले आसमान के नीचे छोड़ना सुरक्षित नहीं होता, इससे वे जड़ सहित गल जाते हैं। इसके अलावा बारिश के मौसम में पौधों के साथ कुछ और समस्याएं हो सकती हैं, उनसे बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखें..
- अगर आप बैलकनी में पौधे रखते हैं, तो बीच-बीच में उन्हें चेक करते रहें क्योंकि कुछ गमलों तक बारिश की फुहारें नहीं पहुंच पातीं, जिससे पौधे सूखने लगते हैं। इसलिए जो सूख रहे हों, उनमें नियमित रूप से पानी दें।
- इस मौसम में ज्यादा पानी के कारण कई बार गमले का ड्रेनेज होल ब्लॉक हो जाता है। ऐसी समस्या से बचाव के लिए गमले को उल्टा करके किसी पेचकस की मदद से ड्रेनेज होल की ब्लॉकेज को हटा दें।
- आमतौर पर लोग गमलों के नीचे छोटी सी प्लेट रखते हैं जिससे उनकी बैलकनी का फर्श गीला न हो, लेकिन बारिश के मौसम में प्लेट में जमा पानी जड़ों के लिए नुकसानदेह होता है। इसलिए गमलों के नीचे से प्लेटं हटा दें और ड्रेनेज होल को भी चेक कर लें।
- गर्मियों में गमले की मिट्टी को तेज धूप से बचाने के लिए कुछ लोग उस पर सूखी पत्तियां बिा देते हैं, बरसात में इनकी वजह से फंगस की समस्या हो सकती है इसलिए जड़ों के आसपास से सूखी पत्तियां हटा दें।
गमले में अपने आप उगने वाली घास को भी जड़ सहित निकाल दें।
- इस मौसम में कीड़ों और फंगस की समस्या अकसर पौधों को परेशान करती है इससे बचाव के लिए 15 दिनों के अंतराल पर नीम ऑयल का छिड़काव करें।
- जिस पौधे की जड़ें गमले के ड्रेनेज होल से बाहर निकल रही हों, उसे बाहर निकालकर बड़े गमले में लगा दें।
- इस मौसम में सिंगोनियम और मनीप्लांट जैसे पोधों की रूट डिवीज़न से कुछ नए प्लांट्स तैयार कर लें।
- जिन पौधों की लंबाई बेतरतीब ढंग से बढ़ रही हो, उनकी हार्ड प्रूनिंग करके उन्हें सही आकार दें। फिर उनकी कटिंग से कुछ नए पौधे तैयार कर लें।
- इस तरह अगर आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे, आपके पौधे हमेशा हंसते-मुस्कुराते रहेंगे।
(गार्डनंग एक्सपर्ट, फाउंडर यूट्यूब चैनल, अम्लान बाग से बातचीत पर आधारित)
Pic credit- pexels
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